हैदराबाद: बॉलीवुड की मोहिनी कहो या धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित अपने फैंस के दिलों पर आज भी अपनी खूबसूरती से राज करती हैं. आज माधुरी के फैंस के लिए बड़ा दिन है, क्योंकि राम लखन की एक्ट्रेस आज 15 मई को 58 साल की हो गई हैं. इस मौके पर माधुरी दीक्षित के फैंस उन्हें ढेर सारी बधाईयां दे रहे हैं. 80 के दशक की खूबसूरत एक्ट्रेस माधुरी ने अबोध फिल्म से बॉलीवुड में दस्तक दी थी और कई फिल्में करने के बाद भी उनकी झोली में बड़ी हिट नहीं आई थी. ऐसे में एक्टर बनने आए इस दिग्गज फिल्म डायरेक्टर ने अपनी फिल्म से माधुरी की किस्मत चमका डाली.
माधुरी दीक्षित का डेब्यू
बता दें, माधुरी ने साल 1984 फिल्म अबोध से डेब्यू किया था. इस फिल्म में वह बंगाली एक्टर तपस पॉल के अपोजिट नजर आई थी. तपस की यह बॉलीवुड डेब्यू फिल्म थी. इसके बाद माधुरी ने आवारा बाप (1985), स्वाति (1986), हिफाजत, उत्तर दक्षिण, मोहरे (1987), खतरों के खिलाड़ी, दयावान, तेजाब (1988) और वर्दी (1989) में नजर आईं, लेकिन कोई पहचान नहीं मिली. फिर बतौर एक्टर फिल्मों में फ्लॉप हुए सुभाष घई ने फिल्म डायरेक्टर बनने का फैसला लिया.
डायरेक्टर ने बदल डाली किस्मत
सुभाष घई ने 9 लगातर हिट फिल्में (कालीचरण, विश्वनाथ, गौतम गोविंदा, कर्ज, क्रोधी, विधाता, हीरो, कर्मा) डायरेक्ट करने के बाद साल 1989 में रिलीज हुई फिल्म राम-लखन में अनिल कपूर के अपोजिट माधुरी दीक्षित को कास्ट किया. इसके बाद माधुरी ने बॉलीवु में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. राम लखन के बाद माधुरी को सुभाष की संजय दत्त, जैकी श्रॉफ स्टारर फिल्म खलनायक में देखा गया था, जो आज भी ब्लॉकबस्टर लिस्ट में शामिल है. माधुरी दीक्षित को पिछली बार फिल्म भूल-भुलैया 3 (2024) में मंजुलिका के रोल में देखा गया था.
सुभाष घई ने डायरेक्शन से पहले आराधना (1969), उमंग (1970), दो बच्चे दस हाथ (1972) और धमकी (1973) में सपोर्टिंग रोल किए थे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. फिर उन्होंने अपनी पहली फिल्म कालीचरण (1976) डायरेक्ट की थी, ब्लॉकबस्टर साबित हुई. डायरेक्टर को बतौर निर्माता साल 2006 आई फिल्म इकबाल के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड भी मिला था.