श्रीनगर: 'ग्राउंड जीरो' सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार हैं. मेकर्स फिल्म का प्रमोशन जोर-शोर से कर रहे हैं. इस बीच 18 अप्रैल को श्रीनगर में मेकर्स ने फिल्म का प्रीमियर होस्ट किया, जिसमें फिल्म की कास्ट टीम और क्रू मेंबर शामिल हुए. 38 साल के बाद श्रीनगर में किसी फिल्म का प्रीमियर किया गया है. इस फिल्म को लेकर एक्टर-निर्देशक फरहान अख्तर ने ईटीवी भारत से खुलकर बात की है.
फरहान अख्तर ने अपनी नई एक्शन-थ्रिलर 'ग्राउंड जीरो' के बारे में बात की. इवेंट के रेड कार्पेट पर ईटीवी भारत से बात करते हुए, फरहान ने कहा कि हिंदी सिनेमा में कश्मीर को आमतौर पर नकारात्मक तरीके से दिखाया जाता है.
'ग्राउंड जीरो' एक वास्तविक जीवन के बीएसएफ मिशन पर आधारित फिल्म है जो 2001 में एक उपद्रवी क्षेत्र लसे जुड़ा हुआ है. इस पर फरहान ने कहा, यह 2001 का सेट है और हम 2025 में है. यह ऐसा है जैसे जब हम किसी इतिहास में एक निश्चित समय दिखाने के लिए वापस जाते हैं, वो भी वैसा समय, जब समाज में उपद्रवी का बोलबाला था. तो आपको इसे वैसा ही दिखाना होगा जैसा उस समय था. फिल्म में किसी भी चीज को सनसनीखेज के तौर पर नहीं बनाया गया है.'
जब ईटीवी भारत ने एक्टर से यह पूछा कि भारतीय साहित्य और स्टोरीटेलर की कला किस तरह से बड़े पर्दे पर उतर रही है? इस पर फरहान अख्तर ने कहा, 'फिल्म, टेलीविजन कंटेंट और साहित्य के लिए राइटिंग हमेशा साथ-साथ नहीं चलता. एक समय था जह राइटर को. एक समय था जब लेखकों को अपनी स्क्रिप्ट लिखने के लिए लोगों की तलाश करनी पड़ती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब अच्छे आइडिया वाले लोगों की खोज हो रही है और इसके लिए लोग काफी एक्टिव हैं.'
उन्होंने कहा, 'यदि आपके पास कोई अच्छा आइडिया है, तो मुझे पूरा विश्वास है कि आपको खोजा जाएगा और आपके काम को भी खोजा जाएगा.' उन्होंने इसे महत्वाकांक्षी लेखकों के लिए एक श्रीनगर को बहुत अच्छी जगह बताया है.