नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने फॉरेन एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स से प्राप्त अकादमिक क्वालिफिकेशन को मान्यता देने और समकक्ष डिग्री प्रदान करने को कारगर बनाने के लिए एक नए रेगुलेशन को अधिसूचित किया है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब विदेशों से इंटरनेशनल साख के साथ लौटने वाले भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ रही है, जिन्हें अक्सर भारतीय संस्थानों में प्रवेश या रोजगार के लिए अपनी डिग्री को मान्यता मिलने में देरी और अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है.
हाल ही में अधिसूचित नए रेगुलेशंस रेकेग्निशन एंड ग्रांट ऑफ एक्विलेंस टू क्वालिफिकेशन ऑब्टेन फरोम फॉरेन एजुकेशमल इंस्टिट्यूशंस रेगुलेशन 2025 के तहत आयोग ने स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों से विदेशी योग्यताओं का आकलन करने के लिए एक ट्रांसपेरेंट, टेक्नोलॉजी-संचालित मैकेनिज्म स्थापित किया है.
इन प्रोफेशनल डिग्री पर लागू नहीं होंगे प्रावधान
हालांकि, यह प्रावधान मेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग, कानून, आर्किटेक्चर और अन्य क्षेत्रों में प्रदान की गई प्रोफेशनल डिग्री पर लागू नहीं होंगे, जो भारत में स्टैच्युरी रेगुलेटरी काउंसिल के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. ऐसी योग्यताएं संबंधित रेगुलेटरी बॉडी द्वारा निर्धारित विशिष्ट मानदंडों और मान्यता प्रक्रियाओं द्वारा शासित होती रहेंगी.
'लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान'
इस संबंध में यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कहा, "यह सुधार लंबे समय से चली आ रही चुनौती का समाधान करता है और यह भारत को शिक्षा के लिए वैश्विक केंद्र में बदलने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य के अनुरूप है. अगर भारतीय संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करना है, तो हमें विदेशी डिग्रियों की निष्पक्ष और समय पर मान्यता सुनिश्चित करनी होगी."
University Grants Commission (UGC) has decided to establish a standardized equivalence framework for students who completed their education abroad and want to integrate into India's higher education system or workforce.@ugc_india in its notification stated that the commission… pic.twitter.com/QcTC3nIXwm
— All India Radio News (@airnewsalerts) April 5, 2025
उन्होंने कहा कि समकक्षता प्रक्रिया कुछ मापदंडों द्वारा संचालित होगी. इसमें विदेशी संस्थान की वैधता, योग्यता की अवधि और स्तर और भारतीय कार्यक्रमों के साथ इसकी तुलना शामिल है. कुमार ने कहा कि रेगुलेशनंस में एक ऑनलाइन पोर्टल की स्थापना का भी प्रावधान है, जहां आवेदक समकक्षता के लिए अनुरोध प्रस्तुत कर सकते हैं और अपनी स्थिति पर नजर रख सकते हैं.
यूजीसी चेयरमैन ने बताया स्थायी समिति समय-समय पर बैठक करेगी और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में विदेशी संस्थान की स्थिति सहित स्थापित मानदंडों के आधार पर सिफारिशें करेगी.आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत और निष्पक्ष प्रक्रिया विकसित की है कि योग्य छात्र प्रक्रियागत अस्पष्टता के कारण पीछे न रह जाएं."
यूजीसी ने रूप रेखा तैयार की
यूजीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों, गैर-मान्यता प्राप्त कार्यक्रमों या भारत में विनियामक मानदंडों के उल्लंघन में प्राप्त योग्यताएं (जैसे कि फ्रैंचाइज व्यवस्था के माध्यम से प्रदान की जाने वाली योग्यताएं) समकक्षता के लिए पात्र नहीं होंगी. यूजीसी ने विदेशी शैक्षणिक संस्थानों से प्राप्त योग्यताओं को समकक्षता प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए एक संरचित ऑनलाइन प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार की है.
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