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सितारों को छूने का है सपना? सुनीता विलियम्स जैसा बनना चाहते है एस्ट्रोनॉट? जानिए डिग्री सहित पूरा प्रोसेस - HOW TO BECOME AN ASTRONAUT

एस्ट्रोनॉट बनना कोई आसान काम नहीं है. एक सफल एस्ट्रोनॉट बनने के लिए आपको कुछ निश्चित प्रक्रियाओं से गुजरना होगा.

सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो (Isro and Nasa)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : March 18, 2025 at 5:35 PM IST

2 Min Read

हैदराबाद: महीनों से अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में रह रहीं सुनीता विलियम्स आखिरकार धरती पर वापस आ रही हैं. खबरों के मुताबिक, उनके बुधवार तक सकुशल वापस लौटने की उम्मीद है. ये एक लंबा इंतजार रहा है, पूरे 9 महीने! तकनीकी दिक्कतों के कारण उन्हें इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहना पड़ा.

जरा कल्पना कीजिए, आप किसी दूसरे ग्रह से धरती को देख रहे हैं! नीला ग्रह, जो जीवन से भरपूर है, चमकता हुआ दिखाई देगा. ये कितना रोमांचक अनुभव होगा, है ना? हालांकि, यह रोमांच जितना लुभावना है, उतना ही जोखिम भरा भी है. लेकिन, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. ये वो लोग हैं जो बचपन से ही एस्ट्रोनॉट बनने का सपना देखते हैं, सितारों को छूने का ख्वाब देखते हैं.

एस्ट्रोनॉट बनने का रास्ता: ज़रूरी डिग्रियां और प्रक्रिया
एस्ट्रोनॉट बनना कोई आसान काम नहीं है. एक सफल एस्ट्रोनॉट बनने के लिए आपको कुछ निश्चित प्रक्रियाओं से गुजरना होगा.

  • शुरुआत: सबसे पहले आपको अपनी 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम से पास करनी होगी.
  • बैचलर डिग्री: साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग या मैथ्स (STEM) जैसे क्षेत्रों में बैचलर डिग्री हासिल करना ज़रूरी है. फिजिक्स, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, एस्ट्रोनॉमी, बायोलॉजी, कंप्यूटर साइंस जैसी फील्ड में महारत हासिल करना फायदेमंद होता है.
  • पायलट या एविएशन बैकग्राउंड: पायलट या एविएशन बैकग्राउंड वाले कैंडिडेट्स को अक्सर प्राथमिकता दी जाती है.

अनुभव का महत्व: एस्ट्रोनॉट बनने के लिए कैंडिडेट के पास पायलट, वैज्ञानिक या इंजीनियर के रूप में 3 से 5 साल का अनुभव होना चाहिए. किसी रिसर्च संस्थान या अंतरिक्ष संगठन में काम करने वाले को एस्ट्रोनॉट बनने का बेहतर मौका मिलता है. NASA, ISRO, ESA, Roscosmos जैसी अंतरिक्ष एजेंसियों में काम करना आपके सपने को साकार करने में मदद कर सकता है.

एस्ट्रोनॉट की नौकरी कहां मिलेगी?
NASA, ISRO, ESA जैसी कंपनियां समय-समय पर एस्ट्रोनॉट्स की वैकेंसी निकालती रहती हैं. इस प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं.

  • लिखित परीक्षा: सबसे पहले आपको लिखित परीक्षा पास करनी होगी.
  • इंटरव्यू: लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा.
  • टेक्निकल, साइंटिफिक और एप्टीट्यूड टेस्ट: आपकी तकनीकी, वैज्ञानिक और योग्यता का परीक्षण किया जाएगा.
  • मेडिकल टेस्ट और साइकोलॉजिकल इवैल्यूएशन: आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का गहन परीक्षण किया जाएगा.
  • ट्रेनिंग: चुने गए कैंडिडेट्स को 2 से 4 साल की कठिन ट्रेनिंग दी जाती है, जो उन्हें अंतरिक्ष यात्रा और वहां रहने के लिए तैयार करती है.

यह भी पढ़ें- नजदीक आ गई पीएम इंटर्नशिप स्कीम 2025 के आवेदन की लास्ट डेट, जानें कैसे करें अप्लाई?

हैदराबाद: महीनों से अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में रह रहीं सुनीता विलियम्स आखिरकार धरती पर वापस आ रही हैं. खबरों के मुताबिक, उनके बुधवार तक सकुशल वापस लौटने की उम्मीद है. ये एक लंबा इंतजार रहा है, पूरे 9 महीने! तकनीकी दिक्कतों के कारण उन्हें इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहना पड़ा.

जरा कल्पना कीजिए, आप किसी दूसरे ग्रह से धरती को देख रहे हैं! नीला ग्रह, जो जीवन से भरपूर है, चमकता हुआ दिखाई देगा. ये कितना रोमांचक अनुभव होगा, है ना? हालांकि, यह रोमांच जितना लुभावना है, उतना ही जोखिम भरा भी है. लेकिन, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. ये वो लोग हैं जो बचपन से ही एस्ट्रोनॉट बनने का सपना देखते हैं, सितारों को छूने का ख्वाब देखते हैं.

एस्ट्रोनॉट बनने का रास्ता: ज़रूरी डिग्रियां और प्रक्रिया
एस्ट्रोनॉट बनना कोई आसान काम नहीं है. एक सफल एस्ट्रोनॉट बनने के लिए आपको कुछ निश्चित प्रक्रियाओं से गुजरना होगा.

  • शुरुआत: सबसे पहले आपको अपनी 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम से पास करनी होगी.
  • बैचलर डिग्री: साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग या मैथ्स (STEM) जैसे क्षेत्रों में बैचलर डिग्री हासिल करना ज़रूरी है. फिजिक्स, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, एस्ट्रोनॉमी, बायोलॉजी, कंप्यूटर साइंस जैसी फील्ड में महारत हासिल करना फायदेमंद होता है.
  • पायलट या एविएशन बैकग्राउंड: पायलट या एविएशन बैकग्राउंड वाले कैंडिडेट्स को अक्सर प्राथमिकता दी जाती है.

अनुभव का महत्व: एस्ट्रोनॉट बनने के लिए कैंडिडेट के पास पायलट, वैज्ञानिक या इंजीनियर के रूप में 3 से 5 साल का अनुभव होना चाहिए. किसी रिसर्च संस्थान या अंतरिक्ष संगठन में काम करने वाले को एस्ट्रोनॉट बनने का बेहतर मौका मिलता है. NASA, ISRO, ESA, Roscosmos जैसी अंतरिक्ष एजेंसियों में काम करना आपके सपने को साकार करने में मदद कर सकता है.

एस्ट्रोनॉट की नौकरी कहां मिलेगी?
NASA, ISRO, ESA जैसी कंपनियां समय-समय पर एस्ट्रोनॉट्स की वैकेंसी निकालती रहती हैं. इस प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं.

  • लिखित परीक्षा: सबसे पहले आपको लिखित परीक्षा पास करनी होगी.
  • इंटरव्यू: लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा.
  • टेक्निकल, साइंटिफिक और एप्टीट्यूड टेस्ट: आपकी तकनीकी, वैज्ञानिक और योग्यता का परीक्षण किया जाएगा.
  • मेडिकल टेस्ट और साइकोलॉजिकल इवैल्यूएशन: आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का गहन परीक्षण किया जाएगा.
  • ट्रेनिंग: चुने गए कैंडिडेट्स को 2 से 4 साल की कठिन ट्रेनिंग दी जाती है, जो उन्हें अंतरिक्ष यात्रा और वहां रहने के लिए तैयार करती है.

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