नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस साल की शुरुआत में घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. यह घोषणा बजट 2025 से कुछ दिन पहले की गई थी.
8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और भत्ते के साथ-साथ रिटायर कर्मियों की पेंशन में संशोधन करेगा. फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों को आयोग के लिए पैनल के सदस्यों की नियुक्ति का इंतेजार है. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार अप्रैल में पैनल के अध्यक्ष और दो सदस्यों का ऐलान कर सकती है.
8वें वेतन आयोग के तहत वेतन वृद्धि
अनुमान लगाया जा रहा है कि फिटमेंट फैक्टर के अनुसार सरकार कर्मचारियों के वेतन में बंपर वृद्धि कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नए वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 से बढ़कर 51,480 रुपये प्रति महीना हो सकती है.
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर के माध्यम से वेतन, पेंशन और भत्ते संशोधित किए जाते हैं. यह सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की गणना करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक प्रमुख गुणक है. देश में मुद्रास्फीति, कर्मचारियों की आवश्यकता, सरकार की सामर्थ्य आदि जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर गुणक तय किया जाता है.
8वें वेतन आयोग के लाभार्थी कौन हैं?
8वें वेतन आयोग से रक्षा कर्मियों सहित लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है. संशोधन के बाद रक्षा सेवानिवृत्त सहित लगभग 65 लाख केंद्रीय सरकारी पेंशनभोगियों को लाभ मिलने की उम्मीद है.
8वां वेतन आयोग कब लागू होगा?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार आयोग का गठन 2026 तक होने की संभावना है. रिपोर्टों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के 1 जनवरी, 2026 तक प्रभावी होने की उम्मीद है.
वेतन आयोग क्या करता है?
सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे की समीक्षा और उसमें बदलाव की सिफारिश करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर दशक में एक बार वेतन आयोग का गठन किया जाता है. आयोग मुद्रास्फीति, अर्थव्यवस्था की स्थिति, आय असमानताओं और संबंधित फैक्टर्स पर विचार करता है. इसके अतिरिक्त, यह सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले बोनस, भत्ते, भत्ते और अन्य लाभों की समीक्षा करता है.
वेतन आयोग का गठन कब होता है?
वेतन आयोग का गठन आम तौर पर हर दस साल में एक बार किया जाता है. सरकार ने 1946 से अब तक सात वेतन आयोगों की स्थापना की है. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा 2014 में गठित 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का वर्तमान में पालन किया जा रहा है. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 को लागू की गई थीं.