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क्या आप भी छुट्टे पैसे खत्म होने पर परेशान हो जाते हैं? तो पढ़ें ये खबर - ATMS TO DISPENSE RS 100 RS 200

RBI ने बैंकों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि एटीएम से वर्ष के भीतर नियमित आधार पर 100 और 200 रुपये के नोट निकलें.

Rs 100 and Rs 200
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 29, 2025 at 5:10 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: क्या आप भी छुट्टे पैसे खत्म होने पर परेशान हो जाते हैं? आपकी जेब में कम से कम 100, 200 रुपये के नोट होने चाहिए. लेकिन ATM से भारी भरकम नोट निकलते हैं. खैर यह छोटी लेकिन कभी-कभी परेशान करने वाली समस्या खत्म होने वाली है क्योंकि ATM से अब 100, 200 रुपये के नोट निकलेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि ATM से 100 या 200 रुपये के नोट निकलें. इस कदम के पीछे मकसद लोगों तक इन करेंसी नोटों की उपलब्धता बढ़ाना है.

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अब बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों (डब्ल्यूएलएओ) को चरणबद्ध तरीके से इस निर्देश को लागू करना होगा.

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने सर्कुलर में कहा कि अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले मूल्यवर्ग के बैंक नोटों तक जनता की पहुंच बढ़ाने के प्रयास के तहत, यह निर्णय लिया गया है कि सभी बैंक और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर (डब्ल्यूएलएओ) यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके एटीएम नियमित आधार पर 100 रुपये और 200 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वितरित करें...

सर्कुलर में आगे लिखा है कि 30 सितंबर 2025 तक सभी एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) में से 75 फीसदी कम से कम एक कैसेट से 100 रुपये या 200 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वितरित करेंगे, जैसा कि पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया है. इसके अलावा 31 मार्च 2026 तक सभी एटीएम में से 90 फीसदी एटीएम कम से कम एक कैसेट से 100 रुपये या 200 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट निकालेंगे.

हाल ही में एक और घटनाक्रम में केंद्रीय बैंक ने लेंडर से 'http://bank.in' डोमेन पर माइग्रेशन शुरू करने के लिए कहा. क्यों? .bank.in डोमेन खास तौर पर भारतीय बैंकों के लिए एक विश्वसनीय डिजिटल स्पेस के रूप में काम करेगा.

साथ ही यह डोमेन यह सुनिश्चित करेगा कि ग्राहक आसानी से असली बैंक वेबसाइट की पहचान कर सकें. इसके अलावा यह बदलाव एक प्रमुख डिफेंस सिस्टम के रूप में काम करेगा, जिससे उपयोगकर्ताओं को प्रामाणिक और संभावित रूप से धोखाधड़ी वाली साइटों के बीच अंतर करने में मदद मिलेगी. साथ ही RBI को उम्मीद है कि इससे फिशिंग हमलों और नकली बैंकिंग वेबसाइटों में कमी आएगी जो कई उपयोगकर्ताओं को ठगती हैं.

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नई दिल्ली: क्या आप भी छुट्टे पैसे खत्म होने पर परेशान हो जाते हैं? आपकी जेब में कम से कम 100, 200 रुपये के नोट होने चाहिए. लेकिन ATM से भारी भरकम नोट निकलते हैं. खैर यह छोटी लेकिन कभी-कभी परेशान करने वाली समस्या खत्म होने वाली है क्योंकि ATM से अब 100, 200 रुपये के नोट निकलेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि ATM से 100 या 200 रुपये के नोट निकलें. इस कदम के पीछे मकसद लोगों तक इन करेंसी नोटों की उपलब्धता बढ़ाना है.

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अब बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों (डब्ल्यूएलएओ) को चरणबद्ध तरीके से इस निर्देश को लागू करना होगा.

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने सर्कुलर में कहा कि अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले मूल्यवर्ग के बैंक नोटों तक जनता की पहुंच बढ़ाने के प्रयास के तहत, यह निर्णय लिया गया है कि सभी बैंक और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर (डब्ल्यूएलएओ) यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके एटीएम नियमित आधार पर 100 रुपये और 200 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वितरित करें...

सर्कुलर में आगे लिखा है कि 30 सितंबर 2025 तक सभी एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) में से 75 फीसदी कम से कम एक कैसेट से 100 रुपये या 200 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वितरित करेंगे, जैसा कि पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया है. इसके अलावा 31 मार्च 2026 तक सभी एटीएम में से 90 फीसदी एटीएम कम से कम एक कैसेट से 100 रुपये या 200 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट निकालेंगे.

हाल ही में एक और घटनाक्रम में केंद्रीय बैंक ने लेंडर से 'http://bank.in' डोमेन पर माइग्रेशन शुरू करने के लिए कहा. क्यों? .bank.in डोमेन खास तौर पर भारतीय बैंकों के लिए एक विश्वसनीय डिजिटल स्पेस के रूप में काम करेगा.

साथ ही यह डोमेन यह सुनिश्चित करेगा कि ग्राहक आसानी से असली बैंक वेबसाइट की पहचान कर सकें. इसके अलावा यह बदलाव एक प्रमुख डिफेंस सिस्टम के रूप में काम करेगा, जिससे उपयोगकर्ताओं को प्रामाणिक और संभावित रूप से धोखाधड़ी वाली साइटों के बीच अंतर करने में मदद मिलेगी. साथ ही RBI को उम्मीद है कि इससे फिशिंग हमलों और नकली बैंकिंग वेबसाइटों में कमी आएगी जो कई उपयोगकर्ताओं को ठगती हैं.

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