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पहलगाम आतंकी हमला: अटारी सीमा बंद होने से बिजनेस पर क्या पड़ेगा असर, जानिए क्यों हैं इतनी महत्वपूर्ण - INDIA PAKISTAN TRADE ATTARI BORDER

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने अटारी सीमा बंद कर दी.

India Pakistan trade
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 24, 2025 at 3:16 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए घोषणा की कि वह पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर अमृतसर के अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को तत्काल प्रभाव से बंद कर देगा.

इसके साथ ही भारत ने सिंधु जल संधि को तब तक के लिए स्थगित करने का भी फैसला किया है जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन त्याग नहीं देता. 22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के पहलगाम के सुरम्य बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे.

पहलगाम आतंकवादी हमले के सीमापार संबंधों के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने का भारत का निर्णय 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आयोजित सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में लिया गया था.

अटारी सीमा कितनी महत्वपूर्ण है?
अटारी पर स्थित चेक पोस्ट भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग रहा है, जहां अलग-अलग वस्तुओं का आवागमन होता है. पाकिस्तान को निर्यात होने वाली वस्तुएं जैसे सोयाबीन, चिकन फीड, सब्जियां, लाल मिर्च, प्लास्टिक दाना और प्लास्टिक यार्न इसी मार्ग से होकर जाते हैं. पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं में सूखे मेवे, सूखे खजूर, जिप्सम, सीमेंट, कांच, सेंधा नमक और अलग-अलग जड़ी-बूटियां शामिल हैं. 2018 से चल रहे तनाव और व्यापार की मात्रा में गिरावट के बावजूद यह गलियारा वस्तुओं और लोगों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाता रहा है.

इसका भारत-पाकिस्तान व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
पिछले कुछ वर्षों में अटारी-वाघा कॉरिडोर पर व्यापार और यात्रियों की आवाजाही के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव देखा गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023-24 में, लैंड पोर्ट ने 3,886.53 करोड़ रुपये का व्यापार, 6,871 कार्गो मूवमेंट और 71,563 यात्री क्रॉसिंग दर्ज किए गए है.

अटारी लैंड पोर्ट के बंद होने से माल और यात्रियों की आवाजाही पर महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव पड़ेगा. रिपोर्टों के अनुसार इस सीमा पार विनिमय पर निर्भर रहने वाले छोटे व्यापारी और निर्माता सबसे अधिक प्रभावित होंगे. भारत में अफगानिस्तान से आयात और इसके विपरीत, जिनमें से कई अटारी-वाघा मार्ग से पाकिस्तान से होकर गुजरते हैं, उन्हें भी रसद संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. अटारी लैंड पोर्ट के बंद होने से माल और यात्रियों की आवाजाही पर महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव पड़ेगा.

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इसके साथ ही भारत ने सिंधु जल संधि को तब तक के लिए स्थगित करने का भी फैसला किया है जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन त्याग नहीं देता. 22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के पहलगाम के सुरम्य बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे.

पहलगाम आतंकवादी हमले के सीमापार संबंधों के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने का भारत का निर्णय 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आयोजित सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में लिया गया था.

अटारी सीमा कितनी महत्वपूर्ण है?
अटारी पर स्थित चेक पोस्ट भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग रहा है, जहां अलग-अलग वस्तुओं का आवागमन होता है. पाकिस्तान को निर्यात होने वाली वस्तुएं जैसे सोयाबीन, चिकन फीड, सब्जियां, लाल मिर्च, प्लास्टिक दाना और प्लास्टिक यार्न इसी मार्ग से होकर जाते हैं. पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं में सूखे मेवे, सूखे खजूर, जिप्सम, सीमेंट, कांच, सेंधा नमक और अलग-अलग जड़ी-बूटियां शामिल हैं. 2018 से चल रहे तनाव और व्यापार की मात्रा में गिरावट के बावजूद यह गलियारा वस्तुओं और लोगों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाता रहा है.

इसका भारत-पाकिस्तान व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
पिछले कुछ वर्षों में अटारी-वाघा कॉरिडोर पर व्यापार और यात्रियों की आवाजाही के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव देखा गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023-24 में, लैंड पोर्ट ने 3,886.53 करोड़ रुपये का व्यापार, 6,871 कार्गो मूवमेंट और 71,563 यात्री क्रॉसिंग दर्ज किए गए है.

अटारी लैंड पोर्ट के बंद होने से माल और यात्रियों की आवाजाही पर महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव पड़ेगा. रिपोर्टों के अनुसार इस सीमा पार विनिमय पर निर्भर रहने वाले छोटे व्यापारी और निर्माता सबसे अधिक प्रभावित होंगे. भारत में अफगानिस्तान से आयात और इसके विपरीत, जिनमें से कई अटारी-वाघा मार्ग से पाकिस्तान से होकर गुजरते हैं, उन्हें भी रसद संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. अटारी लैंड पोर्ट के बंद होने से माल और यात्रियों की आवाजाही पर महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव पड़ेगा.

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