इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आयातित सामान सस्ता होगा. पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बीच आर्थिक सुधारों को लेकर नए बदलाव किए गए हैं. दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी है कि अगले पांच वर्षों में औसत शुल्क को 43% तक घटाकर लगभग 6% कर दिया जाएगा. इसका मतलब यह है कि स्थानीय उद्योगों को मिलने वाला संरक्षण काफी कम हो जाएगा.
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से पाकिस्तान के व्यापार संतुलन में बदलाव आएगा. जहां एक ओर उपभोक्ताओं को सस्ते आयातित सामान का फायदा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय उत्पादन को नुकसान हो सकता है. इससे बेरोजगारी और आर्थिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है.

IMF लंबे समय से इस बात पर जोर दे रहा था कि पाकिस्तान के उद्योगों को मिलने वाली सुरक्षा को कम किया जाए, ताकि बाहरी प्रतिस्पर्धा बढ़े. लेकिन पाकिस्तान की सरकार इस फैसले को लागू करने से हिचक रही थी. अब जब यह समझौता हो गया है, तो इसका सीधा असर घरेलू कारोबारियों पर पड़ेगा. उन्हें सस्ते विदेशी सामान से मुकाबला करना होगा, जिससे कई छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
दक्षिण एशिया में व्यापार-भारित औसत टैरिफ के मामले में पाकिस्तान तीसरे स्थान पर है. यह टैरिफ 10.6 प्रतिशत है. पूर्ण उदारीकरण योजना के क्रियान्वयन के बाद टैरिफ सबसे कम हो जाएगा. भारित औसत लागू टैरिफ प्रभावी रूप से लागू टैरिफ दरों का औसत है, जो उन आयातित वस्तुओं के मूल्य के आधार पर भारित होता है जिन पर उन्हें लागू किया जाता है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टस की मानें तो गुरुवार को एक वर्चुअल बैठक हुई जिसमें अंतिम समायोजन किए गए.
इस बात पर सहमति बनी है कि भारित औसत लागू टैरिफ को इस वर्ष जुलाई से शुरू करते हुए पांच वर्षों में वर्तमान 10.6 प्रतिशत से घटाकर लगभग 6 प्रतिशत कर दिया जाएगा. टैरिफ में यह 43 प्रतिशत की कटौती अर्थव्यवस्था को विदेशी प्रतिस्पर्धा के लिए पूरी तरह से खोल देगी. नई राष्ट्रीय टैरिफ नीति के तहत, भारित औसत टैरिफ को 2030 तक घटाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया जाएगा. इन्हें और घटाकर लगभग 6 प्रतिशत करने के लिए सरकार अगले साल जुलाई से ऑटो उद्योग विकास और निर्यात नीति 2026-30 के माध्यम से ऑटोमोबाइल क्षेत्र को उपलब्ध टैरिफ संरक्षण को कम करेगी.
व्यापार उदारीकरण पर IMF के साथ पाकिस्तान का समझौता ऐसे समय में हुआ है जब दुनिया विदेशी कंपनियों के लिए अपनी सीमाएं बंद कर रही है. पाकिस्तान ने आईएमएफ को आश्वासन दिया है कि वह जून के अंत से पहले संघीय कैबिनेट से नई टैरिफ नीति की मंजूरी मांगेगा. टैरिफ में कटौती को वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में लागू किया जाएगा, जिसे जून में संसद में पेश किया जाएगा.
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