नई दिल्ली: सोना और अन्य कीमती सामान खरीदने के लिए भारत के सबसे शुभ त्योहारों में से एक अक्षय तृतीया इस साल 30 अप्रैल को मनाई जाएगी. माना जाता है कि समृद्धि और सौभाग्य लाने वाला यह दिन सोने में निवेश के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है. अगर आप इस अवसर पर सोने के आभूषण, सिक्के या बार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि असली और नकली सोने में कैसे अंतर किया जाए ताकि आप ठगे जाने से बच सकें.
असली सोने की कैसे करें पहचान?
HUID नंबर की जांच करें- हर हॉलमार्क वाले सोने के आइटम पर एक हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर होता है. एक छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड जो सोने की ऑथेंसिटी की पुष्टि करता है. खरीदार भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से मिले गएBIS केयर ऐप का उपयोग करके इस नंबर को वैरिफाई कर सकते हैं. इस ऐप के माध्यम से आप सोने के आइटम की शुद्धता, पंजीकरण विवरण और हॉलमार्किंग केंद्र की जांच कर सकते हैं. कभी भी ऐसे सोने के आभूषण न खरीदें, जिन पर यह हॉलमार्क न हो.
असली हॉलमार्क की पहचान कैसे करें- हॉलमार्किंग मानकों के अनुसार किसी उत्पाद की शुद्धता को प्रमाणित करती है. भारत में, BIS गुणवत्ता प्रमाणन के लिए जिम्मेदार आधिकारिक निकाय है. हालांकि, कुछ जौहरी उचित सत्यापन के बिना अवैध रूप से हॉलमार्क प्रतीकों पर मुहर लगाते हैं. प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए सोने के आइटम पर BIS त्रिकोणीय चिह्न, हॉलमार्किंग केंद्र का लोगो, कैरेट में शुद्धता, निर्माण का वर्ष और जौहरी का लोगो देखें.
कैरेट और शुद्धता को समझें
सोने को कैरेट (K) में मापा जाता है-
- 24K - 99.9% शुद्ध
- 22K - 91.6% शुद्ध
- 18K या 14K - कम शुद्धता स्तर
सोने की कीमत सीधे उसकी शुद्धता से संबंधित होती है. उदाहरण के लिए, यदि 24K सोने की कीमत 95,000 रुपये प्रति 10 ग्राम है, तो 22K सोने की कीमत 87,083 रुपये (95,000 रुपये/24 × 22 के रूप में गणना की गई) होनी चाहिए, जिसमें मेकिंग चार्ज शामिल नहीं है. कुछ ज्वैलर्स 22K सोने को 24K दरों पर बेचकर ग्राहकों को गुमराह कर सकते हैं, जिससे उन्हें काफी वित्तीय नुकसान हो सकता है.
शुद्धता सर्टिफिकेट न भूलें
सोना खरीदते समय हमेशा शुद्धता सर्टिफिकेट मांगें. इस सर्टिफिकेट में सोने का कैरेट मूल्य शामिल होना चाहिए. यदि आपके आभूषण में रत्न शामिल हैं, तो उनकी प्रामाणिकता को वैरिफाई करने के लिए पत्थरों के लिए अलग से सर्टिफिकेट मांगें.
हाथ से लिखी या अनौपचारिक रसीदें स्वीकार करने से बचें. हमेशा उचित बिल की मांग करें जिसमें सोने की कैरेट, शुद्धता, मेकिंग चार्ज और हॉलमार्क नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारी शामिल हो. एक वैध बिल न केवल पुनर्विक्रय में मदद करता है बल्कि आपके उपभोक्ता अधिकारों की भी रक्षा करता है.