नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने EPF सदस्यों के परिवारों को अधिक आर्थिक सुरक्षा देना और डेथ क्लेम के प्रॉसेस को आसान बनाने के लिए अपनी एंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) स्कीम में कुछ अहम बदलाव किए हैं. इन बदलावों से न सिर्फ इंश्योरेंस कवरेज बढ़ेगा, बल्कि मेंबर्स के परिवार वालों को ज्यादा फाइनेंशियल सिक्योरिटी मिलेगी.
नए नियमों के मुताबिक अगर नए EPF मेंबर का निधन नौकरी जॉइन करने के एक साल के भीतर हो जाता है, तो भी उसके परिवार को कम से कम 50 हजार रुपये का मिनिमम इंश्योरेंस लाभ दिया जाएगा. पहले इस तरह की स्थिति में मिनिमम अमाउंट का प्रावधान नहीं था.
इस संबंध में EPFO की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "अगर किसी EPF मेंबर की एक साल सर्विस से पहले ही मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को मिनिमम 50 हजार रुपये का लाइफ इंश्योरेंस बेनिफिट मिलेगा. इस बदलाव से हर साल सर्विस के दौरान निधन होने के 5000 से अधिक मामलों में परिजनों को लाभ मिलने की उम्मीद है."
कंट्रीब्यूशन बंद होने पर भी मिलेगा फायदा
इसका अलावा अगर किसी कर्मचारी का ईपीएफ में कंट्रीब्यूशन किसी वजह से 6 महीने के लिए बंद हो जाता है, तो भी उनको इंश्योरेंस का फायदा मिलेगा. नए नियमों के तहत अगर EPF सदस्य की मृत्यु लास्ट कंट्रीब्यूशन मिलने के 6 महीने के भीतर होती है और उसका नाम कंपनी के रिकॉर्ड में है, तो उसके परिवार को EDLI स्कीम के तहत इंश्योरेंस का लाभ मिलेगा.
बता दें पहले अगर किसी EPF सदस्य का निधन नॉन-कंट्रीब्यूटरी पीरियड के बाद होता था, तो उसके परिवार को EDLI स्कीम का लाभ नहीं मिलता था.
गैप होने पर भी मिलेगा EDLI स्कीम का लाभ
एक किसी शख्स का नौकरी बदलने की वजह से सर्विस में कुछ समय का गैप आता है, तो भी उसे इस सर्विस का लाभ दिया जाएगा. इससे पहले अगर किसी EPF मेंबर की सर्विस में एक या दो दिन का भी गैप आ जाता था, तो भी इसे लगातार सर्विस नहीं माना जाता था और कर्मचारी के परिवार को बीमा का लाभ नहीं मिलता था.
क्या है EDLI स्कीम?
बता दें कि कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) ईपीएफओ की जीवन बीमा योजना है, जो उन कर्मचारियों को कवर करती है जो EPF स्कीम के तहत आते हैं. यह स्कीम भारत सरकार ने 1976 में शुरू की थी. इसके तहत, अगर किसी EPF सदस्य का नौकरी के दौरान निधन हो जाता है, तो उनके परिवार को अधिकतम 7 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस बेनिफिट मिलता है.