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EPFO के मौजूदा सदस्यों के लिए गुड न्यूज, UMANG ऐप पर मिलेगी ये सुविधा - EFPO MEMBERS

EPFO के आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन अपनाने का उद्देश्य कर्मचारियों के लिए UAN जनरेट करने और एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को आसान और सुरक्षित बनाना है.

EFPO Existing Members Now easily activate their UAN through UMANG App
प्रतीकात्मक तस्वीर (X / @UmangOfficial_)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 13, 2025 at 4:59 PM IST

2 Min Read

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों सदस्यों की सहूलियत के लिए हाल ही में आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) का उपयोग करके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जनरेट करने और इसे एक्टिवेट करने की सुविधा शुरू की है. ईपीएफओ के सदस्य UMANG मोबाइल ऐप के माध्यम से अपना यूएएन जनरेट कर सकते हैं. यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित है और ​सदस्य बिना किसी परेशानी के खुद से इस काम को कर सकते हैं.

आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन अपनाने का उद्देश्य कर्मचारियों के लिए UAN जनरेट करने और एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है. अब तक, कंपनियां खुद कर्मचारी के डेटा उपयोग करके UAN जनरेट करती थीं और अक्सर पिता के नाम, मोबाइल नंबर या जन्म तिथि में गलतियां होती थीं. इन त्रुटियों के कारण EPFO की ​​सेवाओं का लाभ उठाने में परेशाना होती थी और कर्मचारियों को सुधार करवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी.

आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा ईपीएफओ के पुराने सदस्यों के लिए भी बढ़िया है. जिन सदस्यों के पास पहले से ही UAN है, लेकिन उन्होंने अभी तक इसे एक्टिवेट नहीं किया है, वे अब UMANG ऐप के जरिये आसानी से अपना UAN एक्टिवेट कर सकते हैं.

बायोमेट्रिक सत्यापन से गलती की गुंजाइश नहीं
फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग करके बायोमेट्रिक सत्यापन, डेमोग्राफिक या OTP-आधारित सत्यापन जैसे पारंपरिक तरीकों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है. इससे EPFO ​​सिस्टम में सटीक और छेड़छाड़-रहित पहचान सत्यापन सुनिश्चित होता है. साथ ही कर्मचारी के विवरण में गलती की गुंजाइश नहीं रहती है.

FAT मोड के जरिये UAN जनरेशन का उपयोग करने से सदस्यों को कई तरह के स्वयं-सेवा विकल्प भी मिलते हैं, जिससे भविष्य की कई सेवाओं में नियोक्ता या क्षेत्रीय कार्यालय के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होगी.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अकेले वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1.26 करोड़ यूएएन जारी किए गए और इनमें से सिर्फ 44.68 लाख (35.30 प्रतिशत) सदस्यों ने यूएएन एक्टिवेट किया.

MY Bharat के साथ सहयोग
ईपीएफओ जल्द ही अपने पेंशनभोगियों को उनके घर पर ही सेवाएं प्रदान करने के लिए MY Bharat के स्वयंसेवकों के साथ सहयोग करके फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग करके जीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan)के जरिये डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा प्रदान करेगा.

यह भी पढ़ें- EPFO ने EDLI स्कीम में किए बड़े बदलाव, जानें किनको होगा फायदा?

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों सदस्यों की सहूलियत के लिए हाल ही में आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) का उपयोग करके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जनरेट करने और इसे एक्टिवेट करने की सुविधा शुरू की है. ईपीएफओ के सदस्य UMANG मोबाइल ऐप के माध्यम से अपना यूएएन जनरेट कर सकते हैं. यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित है और ​सदस्य बिना किसी परेशानी के खुद से इस काम को कर सकते हैं.

आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन अपनाने का उद्देश्य कर्मचारियों के लिए UAN जनरेट करने और एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है. अब तक, कंपनियां खुद कर्मचारी के डेटा उपयोग करके UAN जनरेट करती थीं और अक्सर पिता के नाम, मोबाइल नंबर या जन्म तिथि में गलतियां होती थीं. इन त्रुटियों के कारण EPFO की ​​सेवाओं का लाभ उठाने में परेशाना होती थी और कर्मचारियों को सुधार करवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी.

आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा ईपीएफओ के पुराने सदस्यों के लिए भी बढ़िया है. जिन सदस्यों के पास पहले से ही UAN है, लेकिन उन्होंने अभी तक इसे एक्टिवेट नहीं किया है, वे अब UMANG ऐप के जरिये आसानी से अपना UAN एक्टिवेट कर सकते हैं.

बायोमेट्रिक सत्यापन से गलती की गुंजाइश नहीं
फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग करके बायोमेट्रिक सत्यापन, डेमोग्राफिक या OTP-आधारित सत्यापन जैसे पारंपरिक तरीकों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है. इससे EPFO ​​सिस्टम में सटीक और छेड़छाड़-रहित पहचान सत्यापन सुनिश्चित होता है. साथ ही कर्मचारी के विवरण में गलती की गुंजाइश नहीं रहती है.

FAT मोड के जरिये UAN जनरेशन का उपयोग करने से सदस्यों को कई तरह के स्वयं-सेवा विकल्प भी मिलते हैं, जिससे भविष्य की कई सेवाओं में नियोक्ता या क्षेत्रीय कार्यालय के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होगी.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अकेले वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1.26 करोड़ यूएएन जारी किए गए और इनमें से सिर्फ 44.68 लाख (35.30 प्रतिशत) सदस्यों ने यूएएन एक्टिवेट किया.

MY Bharat के साथ सहयोग
ईपीएफओ जल्द ही अपने पेंशनभोगियों को उनके घर पर ही सेवाएं प्रदान करने के लिए MY Bharat के स्वयंसेवकों के साथ सहयोग करके फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग करके जीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan)के जरिये डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा प्रदान करेगा.

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