नई दिल्ली: देश में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शन की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसके चलते पैसों के लेनदेन में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. लोग पैसों के लेनदेन के लिए जमकर यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, अभी भी देश के कुछ हिस्सों में लोग यूपीआई का यूज नहीं कर रहे हैं.
ऐसे में सरकार चाहती है कि जो लोग अभी यूपीआई का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं वे भी इस सुविधा का लाभ उठाएं. इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया. दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ‘प्रोत्साहन योजना’ को मंजूरी दी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद एक प्रेस वार्ता में कहा कि कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (P2P) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 1500 करोड़ रुपये की अनुमति दी है.
मर्चेंट डिस्काउंट रेट व्हन करेगी सरकार
सरकार ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि स्कीम के तहत सरकार छोटे व्यापारियों को किए गए 2000 रुपये से कम के भुगतान पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) व्यय वहन करेगी. बयान के अनुसार छोटे कारोबारियों के 2000 रुपये तक के लेनदेन के लिए प्रत्येक ट्रांजैक्शन वैल्यू पर 0.15 प्रतिशत की दर से इंसेंटिव दिया जाएगा.
UPI पेमेंट के लिए प्रोत्साहन
इस कदम से डिजिटल फुटप्रिंट के जरिए सुविधाजनक, सुरक्षित, तेज कैश फ्लो और ऋण तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी. आम नागरिकों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के निर्बाध भुगतान सुविधाओं का लाभ मिलेगा. यह प्रोत्साहन योजना छोटे व्यापारियों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के UPI सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगी. चूंकि छोटे व्यापारी वैल्यू-सेंसिटिव होते हैं, इसलिए प्रोत्साहन उन्हें UPI भुगतान स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि लगभग 20 प्रतिशत प्रोत्साहन बैंकों द्वारा उच्च सिस्टम अपटाइम और कम तकनीकी गिरावट बनाए रखने पर निर्भर है. इससे नागरिकों को 24 घंटे भुगतान सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। UPI लेनदेन की वृद्धि और सरकारी खजाने पर न्यूनतम वित्तीय बोझ दोनों का विवेकपूर्ण संतुलन.
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