नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर, 2025 को समाप्त हो जाएगा. हालांकि, सरकार ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि इसे बढ़ाया जाएगा या नहीं. इसका कार्यकाल समाप्त होने के बाद, 8वां वेतन आयोग अस्तित्व में आ जाएगा, लेकिन 8वें वेतन आयोग की डेट की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है.
केंद्र सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग के लिए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं की है. आयोग के स्थापित होने के बाद फिटमेंट फैक्टर तय किया जाएगा, जिसके आधार पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों का मूल वेतन तय किया जाएगा. फिटमेंट फैक्टर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन को निर्धारित करने का पैरामीटर है. इसमें मौजूदा बेसिक सैलरी को नए फिटमेंट फैक्टर से गुणा किया जाता है.
8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर क्या हो सकता है?
फिलहाल आगामी वेतन आयोग के लिए कोई फिटमेंट फैक्टर अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि, कई ऐसे फिटमेंट फैक्टर हैं, जिन्हें 8वें वेतन आयोग में लागू किया जा सकता है. इनमें 1.92, 2.08, 2.28 और 2.57 फिटमेंट फैक्टर शामिल हैं.
7वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की मैक्सिमम और मिनिमम सैलरी
7वें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये है. वहीं, अगर बात करें अधिकत सैलरी को तो 7वें वेतन आयोग के लिए मैक्सिमम बेसिक सैलरी 2,50,000 रुपये है.
अधिकतम DA लिमिट
फिटमेंट फैक्टर केवल वेतन आयोग की शुरुआत में ही लागू होता है. उसके बाद, सरकार साल में दो बार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि करती है. डीए 50 प्रतिशत या उससे अधिक हो सकता है. हालांकि, नए वेतन आयोग के लिए डीए को मूल वेतन के साथ मिला दिया जाता है.
क्या होगा अगर 8वें वेतन आयोग के गठन में देरी होती है?
ऐसी स्थिति में सरकार डीए में वृद्धि जारी रखेगी और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद, डीए शून्य हो जाएगा और नए वेतन स्लैब लागू हो जाएंगे.
2.57 फिटमेंट फैक्टर पर कितनी बढ़ेगी मैक्सिमम और मिनिमम सैलरी?
7वें वेतन आयोग के लिए मैक्सिमम बेसिक सैलरी 2 लाख 50 हजार रुपये है. ऐसे में अगर सरकार 2.57 फिटमेंट फैक्टर लागू करती है तो 8वें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारी के मैक्सिमम सैलरी बढ़कर लगभग 6 लाख 42 हजार रुपये हो जाएगी. वहीं, अगर बात करें मिनिमम सैलरी को तो इसी फिटमेंट के लागू होने पर कर्मचारियों 46260 रुपये हो जाएगी.