नई दिल्ली: हाल में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी. इसके साथ केंद्रीय कर्मचारियों का डीए उनकी बेसिक सैलरी के मौजूदा 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 फीसदी गया है. बता दें कि सरकार हर छह महीने में डीए को रिवाइज करती है और इसकी वजह से हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और ट्रैविल अलाउंस (TA) जैसे दूसरे भत्तों में भी इजाफा होता है.
हालांकि, पिछले 7 सालों में इस बार भत्ते में सबसे कम बढ़ोतरी हुई है. इससे पहले सरकार ने जुलाई 2024 में भत्ते में बढ़ोतरी की थी. उस समय कर्मचारियों का DA 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53 फीसदी पहुंच गया था. वहीं, पुराने आंकड़ों पर नजर डालें तो जुलाई 2018 से सरकार ने हर बार कम से कम 3 से 4 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.
भत्ता बढ़ने से कर्मचारियों और पेंशनर्श को कितना फायदा?
भत्ता बढ़ने से कर्मचारियों को पेंशनहोल्डर्स की सैलरी थोड़ा इजाफा हुआ है. मान लीजिए अगर कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो 2 प्रतिशत की बढ़त से उनसी सैलरी में हर महीने 360 रुपये का इजाफा होगा. यानी एक साल में 4,320 रुपये. वहीं , अगर किसी रिटायर कर्मचारी को 9000 हजार रुपये की बेसिक पेंशन मिलती है, उसे तो हर महीने 180 रुपये एक्स्ट्रा मिलेंगी. इस तरह पेंशनर को हर साल 2,160 रुपये का फायदा मिलेगा.
8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद पहली बार बढ़ा DA
सरकार की ओर से 8वें वेतन आयोग के ऐलान के बाद यह पहला मौका है, जब कर्मचारियों के DA में बढ़ोतरी हुई है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार इस साल जनवरी में 8 वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी, जो 1 जनवरी, 2026 से लागू होगा.
बता दें कि किसी भी कर्माचारी के लिए सैलरी के साथ मिलने वाला DA बहुत अहम होता है, क्योंकि यह किसी उसकी ग्रॉस सैलरी पर पड़ने वाले महंगाई के प्रभाव को कम करने में मदद करता है.
क्या अगले साल से DA को बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा?
उल्लेखनीय है कि 5वें वेतन आयोग ने डीए 50 प्रतिशत से ज्यादा होने पर उसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया था. हालांकि, इसे बाद में बंद कर दिया गया था, लेकिन 6वें वेतन आयोग ने भी महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में मिलाने की सिफारिश की थी और 7वें वेतन आयोग में भी इस पर विचार किया गया था.
ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या 8वें वेतन आयोग के आने के बाद DA को फिर सैलरी के साथ मर्ज कर दिया जाएगा. फिलहाल इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. दूसरी ओर नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी समेत कई कर्मचारी संगठन डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की मांग कर रहे हैं.
वहीं, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हाल में राज्यसभा में एक लिखित जवाब में स्पष्ट किया था कि फिलहाल सरकार की महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार होने और उसे लागू होने से पहले अंतरिम राहत के तौर पर भी केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में में 50 प्रतिशत DA का मर्जर नहीं करेगी.
फिटमेंट फैक्टर और DA मर्जर से कितनी बढ़ेगी सैलरी?
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर केंद्र सरकार डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज कर देती है और कर्मचारियों को 8वां वेतन आयोग लागू होने पर कितना फायदा होगा.बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय की जाती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 8वां वेतन आयोग 2.28 से 2.86 के बीच फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश कर सकता है, जिससे कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में काफी इजाफा हो सकता है.
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा फॉर्मूला है, जिसका इस्तेमाल सरकार वेतन आयोग लागू करते समय कर्मचारियों की सैलरी तय करने के लिए करती है. 8वें वेतन आयोग को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें फिटमेंट फैक्टर बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है और किसी की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है, तो नया फिटमेंट फैक्टर लगने के बाद उसकी सैलरी करीब 1,43,000 रुपये तक पहुंच सकती है.