भोपाल (बृजेंद्र पटेरिया/ पीयूष सिंह राजपूत) : प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए मानो पूरा देश सड़कों पर उतर आया है. आस्था का सैलाब ऐसा है कि प्रयागराज जाने के लिए जबलपुर-रीवा रूट पर 350 किमी तक वाहन थम गए हैं और रेंगते नजर आ रहे हैं. भारत के इतिहास में किसी नेशनल हाईवे पर यह अबतक का सबसे बड़ा जाम हो सकता है पर दुनिया के सबसे बड़े जाम की बात करें तो ये लगा था चीन की राजधानी बीजिंग में. इस 12 दिन के जाम को दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम कहा जाता है. आइए जानते हैं दुनिया के सबसे बड़े ट्रैफिक जाम के साथ देश के सबसे बड़े जाम के बारे में.
चीन में लगा था दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम
प्रयागराज रीवा-कटनी-जबलपुर मार्ग पर लगे जाम ने रिकॉर्ड बना दिया है. यह जाम करीबन 350 किलोमीटर तक का हो गया है. हालांकि, बात करें दुनिया के सबसे बड़े ट्रैफिक जाम की तो ये बीजिंग में 2010 में लगा था. गिनीज बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक 14 अगस्त 2010 को ये जाम लगा था. 100 किलोमीटर के इस जाम को दुनिया का सबसे बड़ा जाम इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें 12 दिनों तक लोग फंसे रहे थे. जबकि मध्यप्रदेश में लगे जाम में वाहन रेंग रहे हैं और 5 घंटे के सफर में 24 घंटे का वक्त लग रहा है.

ब्राजील, मुंबई और मिस्र के नाम भी रिकॉर्ड
चीन के बाद ब्राजील के साओ पाउलो में साल 300 किमी का भीषण जाम लगा था. 2012 में लगे इस जाम में 12 से 15 घंटे तक लोग फंसे रहे. 2017 में मुंबई के वाशी और नवी मुंबई के बीच 8 घंटे का जाम लगा था. वहीं, 2013 में मिस्र के काहिरा में 60 किलोमीटर का जाम लगा था. चीन के 12 दिनों वाले जाम को छोड़ दें तो प्रयागराज रीवा-जबलपुर मार्ग पर लगे जाम को दुनिया का सबसे लंबा ट्रैफिक जाम कहा जा सकता है. इस जाम में लोग 12 से 18 घंटे तक फंसे रहे.
देश के सबसे बड़े ट्रैफिक जाम की क्या वजह?
दरअसल, प्रयागराज महाकुंभ में देश और विदेश से भारी तादाद में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. आंकड़ों की मानें तो पिछले 26 दिनों में महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. इस तरह औसतन हर दिन करीबन डेढ़ करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं. हालांकि, माना जा रहा था कि मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी अमृत स्नान के बाद नागा साधुओं की विदाई के बाद भीड़ में कमी आएगी. यही वजह है कि 5 फरवरी तक संगम क्षेत्र में वीआईपी प्रोटोकॉल को बंद कर दिया गया था.

वीकेंड पर बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था
श्रद्धालु विशेष स्नान पर तो पहुंच ही रहे हैं, साथ ही वीकेंड के दिनों में बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं. महाकुंभ के लिए करीबन 107 विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं. लेकिन ट्रेनों में भीड़ के चलते श्रद्धालु बड़ी संख्या में अपने वाहनों से ही प्रयागराज पहुंच रहे हैं. माघ पूर्णिमा पर ज्यादा ही हालात बिगड़ गए. माघ पूर्णिमा रविवार को होने की वजह से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से प्रयागराज पहुंचने के सभी रास्तों पर भारी जाम लग गया. प्रयागराज को जोड़ने वाले प्रमुख हाईवे पर जाम की स्थिति पैदा हो गई. वारारणी, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, रीवा और कानपुर रोड पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया.
मध्य प्रदेश में क्यों लगा इतना बड़ा जाम?
मध्य प्रदेश के रीवा-कटनी और जबलपुर में जाम के हालात की एक अहम वजह दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं का बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंचना रहा. जबलपुर, कटनी रीवा रूट से ही दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल के लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे और इस वजह से इस रूट पर ट्रैफिक का रिकॉर्डतोड़ दवाब है. छिंदवाड़ा से परिवार सहित प्रयागराज निकले प्रदीप श्रीवास्तव बताते हैं कि शनिवार को वे छिंदवाड़ा से जबलपुर तक तो साढ़े तीन घंटे में पहुंच गए, लेकिन जबलपुर से प्रयागराज पहुंचने में ही 12-13 घंटे लग गए. इसके बाद जाम के हालात और बदतर हो गए. रात परिवार को गाड़ी में ही गुजरानी पड़ी.

हाईवे जाम होने से प्रदेश सरकार हुई अलर्ट
मध्य प्रदेश में जबलपुर से लेकर कटनी, मैहर, रीवा, चाकघाट तक जाम के हालात देखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को अलर्ट किया और जाम में फंसे श्रद्धालुओं को भोजन, पानी, आसपास ठहरने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. उधर बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी श्रद्धालुओं को राहत सामग्री पहुंचाने में लगाया गया है.
प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन चल रहा है...
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 10, 2025
मैं स्वयं भी त्रिवेणी संगम में स्नान करके आया हूँ। मध्यप्रदेश से लगे सभी क्षेत्रों में खासकर रीवांचल में श्रद्धालुओं के आने से आवागमन में दबाव बना हुआ है।
प्रदेश सरकार ने इन सभी मार्गों पर श्रद्धालुओं के लिए भोजन, पानी एवं अन्य… pic.twitter.com/RUhgN0GUan
देश में कई बार टूट चुके हैं जाम के रिकॉर्ड
प्रयागराज से जबलपुर तक वाहनों की कतारों ने जाम का नया रिकॉर्ड बनाया है. हालांकि, देश में इस तरह के जाम के रिकॉर्ड बनते रहे हैं. रिटायर्ड डीजी अरूण गुर्टू कहते हैं, '' क्राउड मैनेजमेंट की भी अपनी सीमा है. जाम के हालात इसलिए भी बनते हैं क्योंकि हर व्यक्ति अपनी सुविधाजनक वाहनों से गतंव्य तक पहुंचना चाहता है. गर्मियों में पहाड़ी क्षेत्रों में भी इसी वजह से ट्रैफिक की स्थिति बिगड़ती है क्योंकि हर कोई वहां जाना चाहता है.''

चीन के जाम में घर बनाकर रहने लगे थे लोग
बात करें दुनिया के सबसे बड़े जाम की तो जब चीन के बीजिंग में दुनिया का सबसे बड़ा जाम लगा था तब बीजिंग तिब्बत एक्सप्रेस वे लोग अस्थाई घर बनाकर रहने मजबूर हो गए थे. दरअसल, 12 दिन तक लोग टस से मस नहीं हो पा रहे थे. दुनिया में जाम के मामले में सबसे ज्यादा खराब हालात नाइजीरिया की है. नाइजीरिया का ट्रैफिक इंडेक्स 334.9 है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. यहां ट्रैफिक की वजह से औसतन लोगों को एक घंटे की देरी का सामाना करना पड़ता है. हालांकि, इस सूची में भारत का इंडेक्स 204 है. भारत में ट्रैफिक जाम औसतन पौन घंटे यानी 46 मिनट का है.
यह भी पढ़ें -