पटना : ''नीतीश सरकार के लिए महिला वोट अपने साथ जोड़े रखने के लिए कोई बड़ी घोषणा करनी होगी और तैयारी उसी की है. क्योंकि कुछ प्रतिशत वोट के खिसक जाने से ही चुनाव में बड़ा खेल हो सकता है और उसी का डर है.'' यह कहना है बिहार के पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रवीण बागी का.
आधी आबादी पर पूरी नजर : बिहार में चुनावी साल है. ऐसे में आधी आबादी (महिला) को साधने के लिए हर दल अपने तरफ से प्रयास कर रहा है. बिहार की सत्ता संभालने के बाद नीतीश कुमार महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू कर चुके हैं. चुनाव में इसका लाभ भी मुख्यमंत्री को मिलता रहा है.
आधी आबादी का अधिक वोट नीतीश कुमार के साथ रहा है. हालांकि इस बार तेजस्वी यादव ने सरकार बनने पर ढ़ाई हजार रुपया महिलाओं के खाते में देने की घोषणा कर दी है. ऐसे में सवाल उठने लगा कि क्या नीतीश कुमार महिलाओं के लिए राज्य का खजाना खोलेंगे?

दरअसल, कई राज्यों में महिलाओं को दी जा रही आर्थिक मदद का फिर से सरकार बनाने में काफी मदद मिलता दिखाई पड़ा. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार आधी आबादी को लेकर बड़ा दांव बिहार में लगाने वाले हैं. 2 करोड़ महिलाओं से संवाद के बाद मुख्यमंत्री कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं.
''आधी आबादी का एक मुश्त वोट नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी को मिलता रहा है. महिलाओं से कनेक्ट करने का मकसद ही है चुनाव से पहले कोई बड़ी घोषणा की तैयारी है. जिससे तेजस्वी यादव की घोषणा का भी काट हो सके. कई राज्यों में जहां भाजपा की सरकार है, वहां महिलाओं को विशेष मदद दी गई और उसका लाभ मिला है. ऐसे में चुनावी वर्ष में बिहार में अब घोषणा करेंगे.'' - प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विशेषज्ञ

बता दें कि नीतीश सरकार दो महीने तक गांव-गांव जाकर महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित करने वाली है. इसकी शुरुआत आज हो चुकी है. पहले दिन 600 जगह पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. सरकार का लक्ष्य है कि इस अभियान के माध्यम से लगभग 2 करोड़ महिलाओं तक सीधी पहुंच बनाई जाए. इसमें जीविका समूह की 1.35 लाख से अधिक महिलाएं भाग लेंगी.
आज 1, अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प‘ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘महिला संवाद‘ का शुभारंभ किया। इस दौरान सभी माताओं/ बहनों/ बेटियों को संबोधित किए गए पत्र का विमोचन भी किया। महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में सरकार द्वारा क्रियान्वित योजनाओं/… pic.twitter.com/vBBuFHFkoh
— Nitish Kumar (@NitishKumar) April 18, 2025
महिला संवाद कार्यक्रम ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत हो रहा है . ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार इस योजना पर लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने सीधा सवाल पूछा कि महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाने का दावा करने के बावजूद आखिर नीतीश कुमार को इस तरह के अभियान की क्यों जरूरत पड़ रही है?
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार का कहना है 2006 से महिला सशक्तिकरण के लिए नीतीश कुमार काम कर रहे हैं चुनाव से इस तरह के अभियान का कोई लेना देना नहीं है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव को उतना महत्व नहीं देते हैं, जितना जनता की समस्याओं को. जो कमिटमेंट उन्होंने किया है उसको पूरा करने के लिए इस तरह का अभियान चलाते हैं.
इस अभियान में आप लोग क्या करेंगे? इस पर श्रवण कुमार ने कहा कि महिलाओं को योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी और उनसे फीडबैक लिया जाएगा. उनकी समस्याओं को भी सुना जाएगा और फिर उसका निराकरण भी निकाला जाएगा.
महिला संवाद अभियान के बाद कोई बड़ी घोषणा हो सकती है? क्योंकि कई राज्यों में योजना चलाई जा रही है, वहां की सरकारों को लाभ भी मिला है. श्रवण कुमार ने कहा कि ''महिलाओं की जो डिमांड है, जो उनकी आशा है, जो उनके लिए सरकार को करना चाहिए, वह सरकार करेगी.''
''गरीब महिलाओं के लिए बिहार में नीतीश कुमार लगातार काम कर रहे हैं. 10 लाख 63000 स्वयं सहायता समूह बनाया गया. एक करोड़ 35 लाख से भी ज्यादा परिवार को इसे जोड़ा गया है. आज महिलाओं को दो जून के भोजन, बच्चों की पढ़ाई और दवाई के लिए किसी के आगे हाथ पसारने की जरूरत नहीं.''- श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग
जब ईटीवी भारत ने पूछा कि तेजस्वी यादव ने ढ़ाई हजार रुपए सरकार बनने पर देने की घोषणा की है, तो क्या आप लोग भी इस तरह की कोई घोषणा कर सकते हैं? इस पर श्रवण कुमार ने कहा कि हम लोग तो उससे ज्यादा दे रहे हैं. पूरी जिंदगी का ठेका ले रहे हैं. जो ढ़ाई हजार रुपए देने की बात कर रहे हैं, वह तो सिर्फ सत्ता में आने के लिए कह रहे हैं.
''नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. शराबबंदी उसमें सबसे बड़ा फैसला है. जीविका दीदियों का जो ढांचा खड़ा हुआ है, उससे भी महिलाओं को बहुत लाभ मिल रहा है. अब दो करोड़ महिलाओं से फीडबैक लेकर ऐसी कोई योजना लागू करेंगे, जिससे तेजस्वी यादव ने महिलाओं के लिए जो ढ़ाई हजार रुपए देने की घोषणा की है उसका काट हो सके.''- प्रवीण बागी, राजनीतिक विशेषज्ञ
'तेजस्वी की घोषणा से नीतीश परेशान हैं' : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2 करोड़ महिलाओं से संवाद के अभियान को लेकर मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव का कहना है कि, ''नीतीश कुमार परेशान हैं. तेजस्वी यादव ने ढ़ाई हजार रुपया महिलाओं को देने की घोषणा की है. साथ ही जीविका दीदियों को भी ₹15000 की व्यवस्था की जाएगी.''

महिलाओं का वोट नीतीश और सहयोगियों को अधिक मिलता रहा है:-
- जेडीयू-बीजेपी गठबंधन को सबसे बड़ी जीत साल 2010 में मिली थी. तब एनडीए गठबंधन को 39.1 फीसदी मत मिले थे.
- 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के आरजेडी से हाथ मिलाया और जीत दर्ज की. उस चुनाव में 41.8 फीसदी मतों के साथ वो सत्ता में आए.
- इस चुनाव में भी 42 फीसदी महिलाओं का ही वोट मिला. यानी महिलाओं का वोट नीतीश कुमार को मिले कुल वोट प्रतिशत जितना ही रहा है. यही सच्चाई इससे पहले के चुनावों में भी नजर आई
- पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए को 38% और महागठबंधन को 37% महिला वोट मिले थे.
आधी आबादी की योजनाओं पर पूरे देश में चर्चा : देश में आधी आबादी के लिए राज्य सरकारों की ओर से चलाई जा रही योजना चर्चा में है. जिसके तहत 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के खाते में सीधे राशि राज्य सरकार भेज रही है. पिछले कुछ सालों से आधी आबादी के खाते में सीधे राशि डालने की योजना का असर विधानसभा चुनाव में दिखने लगा है. कुछ प्रमुख योजनाएं जो चुनाव से ठीक पहले शुरू की गई उसका चुनाव में सीधा असर देखने को मिला है. जिसकी काफी चर्चा हो रही है.

पश्चिम बंगाल में लक्ष्मी भंडार योजना : ममता बनर्जी ने 25 से 60 साल की उम्र की महिलाओं की मदद के लिए यह योजना शुरू की है. जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को हर महीने ₹1200 और अन्य महिलाओं को ₹1000 की मदद मिलती है. ममता बनर्जी ने 2021 में इस योजना की शुरुआत की थी. चुनाव में इसका काफी लाभ मिला.
मध्य प्रदेश में लाड़ली बहन योजना : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी शुरुआत की थी. 2023 में विधानसभा चुनाव से 6 महीने पहले यह योजना शुरू की गई थी. इसके तहत महिलाओं को राज्य सरकार हर महीने 1250 रुपया उनके खाते में भेजती है. इस योजना का लाभ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिला. एंटीकबेंसी के बावजूद भाजपा की प्रचंड बहुमत वाली सरकार बन गई.
झारखंड में मईंया सम्मान योजना : झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार 21 साल से 50 साल की महिलाओं को मईंया सम्मान योजना के तहत ₹1000 की राशि देती थी. 2024 विधानसभा चुनाव में राशि बढ़ाकर ढ़ाई हजार करने की घोषणा की गई. 18 से 50 साल की महिलाओं को इसका लाभ देने की बात भी कही गई और इसका असर विधानसभा चुनाव में भी दिखा. वैसे तो एग्जिट पोल में हेमंत सोरेन की सरकार जाती हुई दिख रही थी, लेकिन इस योजना का असर रहा कि सरकार प्रचंड बहुमत के साथ बन गई.

महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना : महाराष्ट्र में महिलाओं को जून 2024 से इस योजना के तहत 1500 राशि दी जा रही है. विधानसभा चुनाव में इसका जबरदस्त असर हुआ. बीजेपी के नेतृत्व में महायुती गठबंधन की सरकार बन गई. प्रचंड बहुमत के साथ देवेन्द्र फडणवीस मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे.
दिल्ली में महिला सम्मान योजना : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना की घोषणा की. दिल्ली में रहने वाली 18 साल या उससे ज्यादा उम्र की सभी महिलाओं को हर महीने ₹1000 राशि दिल्ली सरकार देगी. इस राशि को बढ़ाकर चुनाव के बाद 2100 कर दिया जाएगा. लेकिन अरविंद केजरीवाल चुनाव से पहले महिलाओं को किस्त नहीं दे पाए और इसका असर चुनाव में भी दिखा. बीजेपी लंबे अरसे बाद सत्ता में आ गयी.

बिहार में महिलाओं की वोटिंग अधिक : बिहार में विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का चुनाव, यह ट्रेंड देखने को मिला है कि पुरुषों के मुकाबले आधी आबादी अधिक वोट कर रही हैं. 6 से 7% तक पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का अधिक वोट बिहार में हो रहा है. जीत हार में उनकी बड़ी भूमिका रहती है. इसीलिए हर दल आधी आबादी को लेकर अपनी तरफ से कोशिश कर रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव का अभी 6 महीना समय बचा हुआ है. ऐसे में महिला संवाद का कार्यक्रम दो महीना चलेगा और उसके बाद नीतीश कुमार कोई बड़ी घोषणा कर उसे अमल में भी ला दें तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी.
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