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क्या भारत वापस आ सकेगा मेहुल चोकसी ? जानें क्या कहती है भारत-बेल्जियम संधि ? - MEHUL CHOKSI

भारत और बेल्जियम के बीच 2020 में हुई संधि गंभीर अपराधों के दोषियों के प्रत्यर्पण के लिए एक स्पष्ट कानूनी ढांचा प्रदान करती है.

Mehul Choksi
मेहुल चोकसी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 14, 2025 at 2:26 PM IST

5 Min Read

नई दिल्ली: बेल्जियम में भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी ने एक अहम सवाल को जन्म दिया है- क्या भारत अब उसे 13,850 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) लोन धोखाधड़ी मामले में न्याय के कठघरे में ला सकता है? ऐसे में भारत और बेल्जियम के बीच 2020 की प्रत्यर्पण संधि इसका जवाब दे सकती है.

65 वर्षीय चोकसी 2018 की शुरुआत से ही भारतीय अधिकारियों से बचता रहा. मार्च 2023 में इंटरपोल ने उसके खिलाफ जारी रेड नोटिस किया. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी एजेंसियों ने उसका पता लगाने और उसे प्रत्यर्पित करने के प्रयास जारी रखे. इस साल की शुरुआत में बेल्जियम के अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि चोकसी और उसकी पत्नी प्रीति एंटीगुआ और बारबुडा से बेल्जियम आ गए हैं.

Mehul Choksi
मेहुल चोकसी गिरफ्तार (ANI)

2020 की भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि
भारत और बेल्जियम ने मार्च 2020 में एक प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इस संधि ने ग्रेट ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच पुराने स्वतंत्रता-पूर्व समझौते (1901) की जगह ली है, जिसमें लिमिटेड स्कोप, प्रक्रियात्मक अक्षमताए और पुराने कानून थे. 2020 में हुई संधि गंभीर अपराधों के आरोपी और दोषी व्यक्तियों के प्रत्यर्पण के लिए एक स्पष्ट कानूनी ढांचा प्रदान करती है.

किसे प्रत्यर्पित किया जा सकता है?
संधि के तहत भारत और बेल्जियम ने अपने क्षेत्र में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रत्यर्पित करने पर सहमति जताई है, जो किसी ऐसे अपराध का आरोपी या दोषी है, जिसके लिए दोनों देशों के कानूनों के तहत एक साल या उससे अधिक की कैद की सजा हो सकती है.

Mehul Choksi
मेहुल चोकसी (ANI)

इसमें कई तरह के अपराध शामिल हैं, जैसे कि टैक्सेशन और आर्थिक धोखाधड़ी से जुड़े अपराध. चोकसी के मामले में धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक विश्वासघात और साजिश के आरोप प्रत्यर्पण के तहत आते हैं.

क्या बेल्जियम गैर-नागरिकों को भारत प्रत्यर्पित कर सकता है?
यह विवेकाधीन है. बेल्जियम संधि के तहत अपने नागरिकों को तो प्रत्यर्पित करना चुन सकता है, लेकिन न बेल्जियम नागरिकों के लिए देश ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं है.

Mehul Choksi
मेहुल चोकसी (ANI)

क्या प्रत्यर्पण से इनकार करने का कोई आधार है?
अगर कथित अपराध राजनीतिक, सैन्य, उद्देश्य में भेदभावपूर्ण (जाति, धर्म, राष्ट्रीयता आदि के आधार पर) या कानून के तहत समय-सीमा समाप्त हो तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है. इसके अलावा अगर अपराध को लेकर भारत में मृत्युदंड का प्रावधान है, तो बेल्जियम यह आश्वासन मांग सकता है कि प्रत्यापित किए जा रहे शख्स को मृत्युदंड न दिया जाए. चोकसी के खिलाफ आरोपों में मृत्युदंड शामिल नहीं है.

चोकसी के लिए इसका क्या मतलब है?
चोकसी की गिरफ्तारी ने भारत की उसे वापस लाने की उम्मीदों को फिर से जगा दिया है, लेकिन प्रत्यर्पण प्रक्रिया सीधी नहीं है. उसकी कानूनी टीम उसकी मेडिकल कंडीशन का हवाला देते हुए इस कदम का विरोध कर सकती है, क्योंकि वह कथित तौर पर ब्लड कैंसर का इलाज करवा रहा है.

जबकि भारत के पास भी मजबूत मामला है, गैर-नागरिकों को प्रत्यर्पित करने पर बेल्जियम की विवेकाधीन शक्ति और लंबी कानूनी कार्यवाही की संभावना का मतलब है कि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है. इसके अतिरिक्त, उसकी हेल्थ कंडीशन के कारण, चोकसी को यह पुष्टि करने के लिए चिकित्सा मंजूरी की आवश्यकता हो सकती है कि वह यात्रा करने के लिए फिट है.

Mehul Choksi
मेहुल चोकसी का चल रहा इलाज (ANI)

पीएनबी घोटाला क्या था?
मेहुल चोकसी पर अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर मुंबई में पीएनबी की ब्रैडी हाउस ब्रांच में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप है. 2014 से 2017 तक दोनों ने कथित तौर पर बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी किए, जिससे उनकी कंपनियों को प्रॉपर कॉलेटरल या निगरानी के बिना विदेशी लोन प्राप्त करने में मदद मिली.

लगभग 14,000 करोड़ रुपये का यह स्कैम भारतीय बैंकिंग इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी में से एक है. घोटाले के सार्वजनिक होने से कुछ दिन पहले ही जनवरी 2018 में चोकसी भारत से भाग गया और एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली. तब से, भारतीय अधिकारियों ने उसकी और उसकी कंपनी गीतांजलि समूह की 2,500 हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है.

Mehul Choksi
2017 से अब तक क्या हुआ? (ETV Bharat Graphics)

2017 से अब तक क्या हुआ?

  • 2017: मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली.
  • 2018: चोकसी भारत से भाग गया शुरुआत में वह एंटीगुआ में बसने से पहले संयुक्त राज्य अमेरिका गया.
  • 2019: चोकसी के भतीजे नीरव मोदी को लंदन में मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने गिरफ्तार किया.
  • 2023: मार्च 2023 में इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस रद्द कर दिया.
  • 2024: चोकसी और उसकी पत्नी कथित तौर पर एंटीगुआ से बेल्जियम चले गए.
  • 2025: एंटीगुआ मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया कि मेहुल और प्रीति चोकसी जिनेवा में बसने पर विचार कर रहे हैं. और फरवरी 2025 में चोकसी के वकील ने मुंबई की एक विशेष अदालत को सूचित किया कि वह वर्तमान में बेल्जियम के एंटवर्प में है, जहां उसका ब्लड कैंसर का इलाज चल रहा है.

दो हफ़्ते पहले मेहुल चोकसी और उसकी पत्नी प्रीति ने बेल्जियम में एफ-रेजीडेंसी कार्ड हासिल किया. बेल्जियम की नागरिक प्रीति के देश में पारिवारिक संबंध हैं. अप्रैल 2025 में मेहुल चोकसी को बेल्जियम के एक अस्पताल से हिरासत में लिया गया, जहां कथित तौर पर उसका इलाज चल रहा था. भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रत्यर्पण प्रयासों को तेज करने के कुछ दिनों बाद उसकी गिरफ़्तारी हुई.

यह भी पढ़ें- कौन है मेहुल चोकसी, महाघोटाले के आरोपी को आया था सुसाइड का विचार

नई दिल्ली: बेल्जियम में भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी ने एक अहम सवाल को जन्म दिया है- क्या भारत अब उसे 13,850 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) लोन धोखाधड़ी मामले में न्याय के कठघरे में ला सकता है? ऐसे में भारत और बेल्जियम के बीच 2020 की प्रत्यर्पण संधि इसका जवाब दे सकती है.

65 वर्षीय चोकसी 2018 की शुरुआत से ही भारतीय अधिकारियों से बचता रहा. मार्च 2023 में इंटरपोल ने उसके खिलाफ जारी रेड नोटिस किया. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी एजेंसियों ने उसका पता लगाने और उसे प्रत्यर्पित करने के प्रयास जारी रखे. इस साल की शुरुआत में बेल्जियम के अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि चोकसी और उसकी पत्नी प्रीति एंटीगुआ और बारबुडा से बेल्जियम आ गए हैं.

Mehul Choksi
मेहुल चोकसी गिरफ्तार (ANI)

2020 की भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि
भारत और बेल्जियम ने मार्च 2020 में एक प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इस संधि ने ग्रेट ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच पुराने स्वतंत्रता-पूर्व समझौते (1901) की जगह ली है, जिसमें लिमिटेड स्कोप, प्रक्रियात्मक अक्षमताए और पुराने कानून थे. 2020 में हुई संधि गंभीर अपराधों के आरोपी और दोषी व्यक्तियों के प्रत्यर्पण के लिए एक स्पष्ट कानूनी ढांचा प्रदान करती है.

किसे प्रत्यर्पित किया जा सकता है?
संधि के तहत भारत और बेल्जियम ने अपने क्षेत्र में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रत्यर्पित करने पर सहमति जताई है, जो किसी ऐसे अपराध का आरोपी या दोषी है, जिसके लिए दोनों देशों के कानूनों के तहत एक साल या उससे अधिक की कैद की सजा हो सकती है.

Mehul Choksi
मेहुल चोकसी (ANI)

इसमें कई तरह के अपराध शामिल हैं, जैसे कि टैक्सेशन और आर्थिक धोखाधड़ी से जुड़े अपराध. चोकसी के मामले में धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक विश्वासघात और साजिश के आरोप प्रत्यर्पण के तहत आते हैं.

क्या बेल्जियम गैर-नागरिकों को भारत प्रत्यर्पित कर सकता है?
यह विवेकाधीन है. बेल्जियम संधि के तहत अपने नागरिकों को तो प्रत्यर्पित करना चुन सकता है, लेकिन न बेल्जियम नागरिकों के लिए देश ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं है.

Mehul Choksi
मेहुल चोकसी (ANI)

क्या प्रत्यर्पण से इनकार करने का कोई आधार है?
अगर कथित अपराध राजनीतिक, सैन्य, उद्देश्य में भेदभावपूर्ण (जाति, धर्म, राष्ट्रीयता आदि के आधार पर) या कानून के तहत समय-सीमा समाप्त हो तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है. इसके अलावा अगर अपराध को लेकर भारत में मृत्युदंड का प्रावधान है, तो बेल्जियम यह आश्वासन मांग सकता है कि प्रत्यापित किए जा रहे शख्स को मृत्युदंड न दिया जाए. चोकसी के खिलाफ आरोपों में मृत्युदंड शामिल नहीं है.

चोकसी के लिए इसका क्या मतलब है?
चोकसी की गिरफ्तारी ने भारत की उसे वापस लाने की उम्मीदों को फिर से जगा दिया है, लेकिन प्रत्यर्पण प्रक्रिया सीधी नहीं है. उसकी कानूनी टीम उसकी मेडिकल कंडीशन का हवाला देते हुए इस कदम का विरोध कर सकती है, क्योंकि वह कथित तौर पर ब्लड कैंसर का इलाज करवा रहा है.

जबकि भारत के पास भी मजबूत मामला है, गैर-नागरिकों को प्रत्यर्पित करने पर बेल्जियम की विवेकाधीन शक्ति और लंबी कानूनी कार्यवाही की संभावना का मतलब है कि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है. इसके अतिरिक्त, उसकी हेल्थ कंडीशन के कारण, चोकसी को यह पुष्टि करने के लिए चिकित्सा मंजूरी की आवश्यकता हो सकती है कि वह यात्रा करने के लिए फिट है.

Mehul Choksi
मेहुल चोकसी का चल रहा इलाज (ANI)

पीएनबी घोटाला क्या था?
मेहुल चोकसी पर अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर मुंबई में पीएनबी की ब्रैडी हाउस ब्रांच में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का आरोप है. 2014 से 2017 तक दोनों ने कथित तौर पर बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी किए, जिससे उनकी कंपनियों को प्रॉपर कॉलेटरल या निगरानी के बिना विदेशी लोन प्राप्त करने में मदद मिली.

लगभग 14,000 करोड़ रुपये का यह स्कैम भारतीय बैंकिंग इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी में से एक है. घोटाले के सार्वजनिक होने से कुछ दिन पहले ही जनवरी 2018 में चोकसी भारत से भाग गया और एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली. तब से, भारतीय अधिकारियों ने उसकी और उसकी कंपनी गीतांजलि समूह की 2,500 हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है.

Mehul Choksi
2017 से अब तक क्या हुआ? (ETV Bharat Graphics)

2017 से अब तक क्या हुआ?

  • 2017: मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली.
  • 2018: चोकसी भारत से भाग गया शुरुआत में वह एंटीगुआ में बसने से पहले संयुक्त राज्य अमेरिका गया.
  • 2019: चोकसी के भतीजे नीरव मोदी को लंदन में मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने गिरफ्तार किया.
  • 2023: मार्च 2023 में इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस रद्द कर दिया.
  • 2024: चोकसी और उसकी पत्नी कथित तौर पर एंटीगुआ से बेल्जियम चले गए.
  • 2025: एंटीगुआ मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया कि मेहुल और प्रीति चोकसी जिनेवा में बसने पर विचार कर रहे हैं. और फरवरी 2025 में चोकसी के वकील ने मुंबई की एक विशेष अदालत को सूचित किया कि वह वर्तमान में बेल्जियम के एंटवर्प में है, जहां उसका ब्लड कैंसर का इलाज चल रहा है.

दो हफ़्ते पहले मेहुल चोकसी और उसकी पत्नी प्रीति ने बेल्जियम में एफ-रेजीडेंसी कार्ड हासिल किया. बेल्जियम की नागरिक प्रीति के देश में पारिवारिक संबंध हैं. अप्रैल 2025 में मेहुल चोकसी को बेल्जियम के एक अस्पताल से हिरासत में लिया गया, जहां कथित तौर पर उसका इलाज चल रहा था. भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रत्यर्पण प्रयासों को तेज करने के कुछ दिनों बाद उसकी गिरफ़्तारी हुई.

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