त्रिशूर: केरल के त्रिशूर जिले के अथिराप्पिल्ली क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक जारी है. सोमवार रात एक और दुखद घटना में, अथिराप्पिल्ली फॉल्स के पास वांचिक्कडव में जंगली हाथी के हमले में दो लोगों की जान चली गई. मृतकों की पहचान वझाचल निवासी अंबिका और सतीश के रूप में हुई है. इस घटना से ठीक एक दिन पहले, इसी क्षेत्र में एक 20 वर्षीय युवक सेबेस्टियन भी जंगली हाथी के हमले में मारा गया था.
जानकारी के अनुसार, सोमवार रात अंबिका और सतीश वन संसाधन इकट्ठा करने गए एक समूह के साथ थे. शाम करीब सात बजे, जब समूह जंगल में झोपड़ी बनाकर आराम कर रहा था, तब एक जंगली हाथी ने उन पर हमला कर दिया. हमले के बाद लोग तितर-बितर हो गए, लेकिन दुर्भाग्यवश सतीश और अंबिका हाथी के बीच फंस गए. आज सुबह तलाशी अभियान के दौरान दोनों के शव बरामद किए गए.
अथिराप्पिल्ली पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो पाएगा. हमले से बचकर आए अन्य लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
केरल में बढ़ रहे हैं हाथियों के हमले: पिछले कुछ समय से केरल में हाथियों के हमले की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. 19 फरवरी को त्रिशूर में ही प्रभाकरण नामक एक आदिवासी, 11 फरवरी को मेप्पाडी के अट्टामाला में 26 वर्षीय बालकृष्णन, और सुल्तान बाथरी के नूलपुझा में 45 वर्षीय मनु भी जंगली हाथियों के शिकार बने थे. इसके अलावा, इडुक्की के पेरूवन्थानम में एक महिला, सोफिया इस्माइल (45), को भी एक जंगली हाथी ने कुचलकर मार डाला था.
मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि: केरल में मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष बढ़ रहा है. वन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोग भय और चिंता में जीने को मजबूर हैं. वन्यजीव प्रेमी भी हाथियों के हमलों को लेकर चिंतित हैं और इस समस्या का समाधान निकालने की मांग कर रहे हैं.
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