पंचकूला: मंगलवार की सुबह सनसनीखेज खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. एक ही परिवार के सात लोगों ने आत्महत्या कर ली. स्थानीय लोगों ने बताया कि सभी कार में तड़पते मिले. परिवार के मुखिया प्रवीण ने इनता ही कहा कि उस पर बहुत कर्ज है, इसलिए पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली है. इतना कहकर वो भी गिर गया. आनन-फानन में सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया. डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने कहा कि पहली नजर में मामला आत्महत्या का नजर आ रहा है, लेकिन पुलिस की टीम हर एंगल से मामले की जांच कर रही है.
चश्मदीद ने बताया पूरा घटनाक्रम: चश्मदीद ने बताया "हमारे पार्किंग एरिया में उत्तराखंड नंबर की कार खड़ी थी. मैंने कार चालक को कहीं ओर कार को पार्क करने के लिए कहा. मैंने देखा कि कार में लोग बेहोश थे और कार से बदबू आ रही थी. जब मैंने कार चालक से पूछा तो, वो कार ने नीचे उतर कर बैठ गया. उसने कहा कि मैंने बहुत कर्ज ले लिया है. पूरे परिवार ने जहर खा लिया है. इतना सुनते ही मैंने पुलिस को फोन किया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन एंबुलेंस 45 मिनट की देरी से आई. अगर एंबुलेंस वक्त पर आती तो शायद जान बच सकती थी." चश्मदीद के मुताबिक उसने इतना कहा था कि उसके ऊपर बैंक का बहुत कर्ज है, इसलिए पूरे परिवार ने जहर खा लिया है. इतना कहने के बाद वो गिर गया.
हत्या या आत्महत्या? प्रवीण मित्तल के भतीजे अंकित मित्तल ने बताया कि वो साल 2007 में उन्हें नुकसान हुआ था. जिसके बाद वो पंचकूला छोड़कर पहले कोलकाता गए और फिर वहां तीन महीने बाद देहरादून शिफ्ट हो गए. वहां वो कैब चलाकर परिवार का गुजर बसर कर रहे थे. हाल ही में वो और उनकी फैमली शादी में शामिल हुई थी. तब भी उन्होंने ऐसा कुछ नहीं बताया था. अंकित ने कहा कि अगर उन्हें आत्महत्या करनी ही थी तो तब करते जब कर्ज में डूब गए थे. अब तो उनके ऊपर कर्ज नहीं था. क्योंकि बैंक ने उनकी प्रॉपर्टी, कार और फैक्ट्री जब्त कर ली थी. देनदारों ने भी उनको कुछ नहीं कहा था. अभी तक पुलिस ने हमें सुसाइड नोट नहीं दिया. उसके मिलने के बाद ही सही वजह का पता चल पाएगा.
प्रवीण मित्तल के परिजनों बताई सच्चाई! मृतक प्रवीण मित्तल के मामा के लड़के संदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रवीण मित्तल मूल रूप से हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला का रहने वाला था. उसने पंचकूला में स्क्रैप फैक्ट्री लगाई थी. धीरे-धीरे फैक्ट्री घाटे में चली गई और प्रवीण पर कर्ज बढ़ता चला गया. इस दौरान प्रवीण पर करीब 20 करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका था. बैंक की तरफ से और जिन लोगों से उसने लोन लिया था. उनकी तरफ से उसे कॉल आने लगे. देनदार उसे धमकी भी देने लगे थे. इन सभी से पीछा छुड़ाने के लिए प्रवीण परिवार सहित उत्तराखंड के देहरादून में शिफ्ट हो गया. इस दौरान बैंक ने उसके पंचकूला में स्थित दो फ्लैट और फैक्ट्री को कब्जे में लिया, क्योंकि प्रवीण ने बैंक का लोन नहीं चुकाया था.
पुलिस हर एंगल से कर रही जांच: देहरादून से प्रवीण हाल ही में अपनी पत्नी, दो बच्चे और माता-पिता के साथ अपने ससुराल पंचकूला में रहने लगा था, लेकिन वहां उनकी अपने सास-ससुर से नहीं बनी. जिसके बाद वो सेक्टर-27 में परिवार के साथ किराये के मकान में रहने लगा. अचानक से सोमवार (26 मई 2025) की देर रात खबर सामने आई कि प्रवीण, उसकी पत्नी, उसके माता-पिता और तीन बच्चों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. बताया ये भी जा रहा है कि इससे पहले वो पंचकूला में बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा सुनकर लौटे थे. हालांकि इस बात की अभी पुष्टि होना बाकी है. सभी ने खुद से जहर खाया है या किसी ने जबरदस्ती इन्हें जहर खिलाया है. पुलिस इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही है.

प्रवीण के ससुर ने क्या कहा? प्रवीण की पत्नी रीना मित्तल के पिता ने कहा "हो सकता है कि उन्होंने कुछ कर्ज लिया हो. पुलिस ने बताया है कि वे बागेश्वर धाम के दर्शन के लिए यहां आए थे. थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन हम जितना हो सका, मदद करते रहे. मुझे आज सुबह 4 बजे इस बारे में पता चला. इस बारे में मुझे नहीं पता कि वो कब कहां गए और कहां से आए. हमें भी सारी जानकारी पुलिस से मिली है."
VIDEO | Panchkula: “... They might have taken some loan. Police have informed that they came here to visit Bageshwar Dham. There was some difficulty, but we used to help as much as we could. I got to know about this today at 4 am,” says Rakesh Gupta, father of Reena Mittal.… pic.twitter.com/lutfXAEJhb
— Press Trust of India (@PTI_News) May 27, 2025
आत्महत्या कोई समाधान नहीं है: अगर आपके मन में आत्महत्या के विचार आ रहे हैं, या आप किसी दोस्त के बारे में चिंतित हैं या आपको भावनात्मक सहारे की ज़रूरत है, तो कोई न कोई हमेशा आपकी बात सुनने के लिए मौजूद है. स्नेहा फाउंडेशन को कॉल करें - 04424640050 (24x7 उपलब्ध) या टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज की हेल्पलाइन - 9152987821 पर Call पर कॉल करें, जो सोमवार से शनिवार सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक उपलब्ध है.