गिरिडीह: हंसते- खेलते, नाचते- गाते लोगों को दिल का दौरा पड़ना आम बात हो गई है. जिसमें किसी भी शख्स की चंद मिनट में मौत हो जाती है. ताजा मामला बेंगाबाद प्रखंड के मधवाडीह की है. यहां रामनवमी की शाम अखाड़ा खेलने के दौरान सुखदेव प्रसाद यादव की मौत हो गई.
दरअसल मधवाडीह निवासी सुखदेव प्रसाद यादव अपने बेटे के साथ लाठी खेल रहे थे. दोनों पिता- पुत्र लाठी का पैतरा दे रहे थे. आखिर में जब खेल रुका और बेटे ने पिता के पैर छुएं. इसी दौरान थके हुए सुखदेव प्रसाद यादव अचानक जमीन पर लड़खड़ाते हुए गिरे और उनकी मौत हो गई. घटना के पीछे हृदयाघात को कारण बताया जा रहा है. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. ऐसे में घटना के पीछे के चिकित्सीय कारण क्या हो सकते हैं? इस विषय को लेकर ईटीवी भारत ने सीसीएल के चिकित्सक डॉ. परिमल सिन्हा और डॉ अनुराग से बात की.
रोग के प्रति जागरूकता जरुरी: डॉ. परिमल सिन्हा
सीसीएल गिरिडीह के अंतर्गत बनियाडीह लंकास्टर अस्पताल के उप मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. परिमल सिन्हा कहते हैं कि 45 आयु के बाद लोगों को अपना हेल्थ चेकअप नियमित रूप से करवाना चाहिए. खासतौर पर बीपी, कोलेस्ट्रॉल और सुगर की जांच नियमित रुप से होनी जरूरी है. लेकिन इस पर लोग पूर्ण रूप से जागरुक हैं. कई मामले में लोगों को पता ही नहीं चलता है कि उनका सुगर लेवल बढ़ गया है, कोलेस्ट्रॉल आउट ऑफ कंट्रोल हो गया या बीपी का उतार चढ़ाव होने लगा है. ऐसे में नियमित जांच जरूरी है. चिकित्सक कहा कि बेंगाबाद की घटना के देखने के बाद ऐसा समझ में आता है कि दिवंगत व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार की परेशानी थी.
बीमारी को नियंत्रित कर सकता है खानपान में परहेज: डॉ. अनुराग
हार्ट अटैक पर डॉ. अनुराग ने राय देते हुए कहा कि हृदयाघात के पीछे नियमित जांच नहीं करवाना कारण हैं. इसके साथ ही साथ डॉ. अनुराग खान- पान को भी वजह मानते हैं. डॉ. अनुराग का कहना है कि कोविड के बाद खेलते- कूदते, हंसते- गाते ह्रदय घात के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. कोविड के बाद 35 साल के युवा भी कई तरह की बीमारी से ग्रसित हैं. ऐसे में लोग हर वक्त अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहे. नियमित जांच कराते रहे और भोजन में संयम बरते.
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