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क्या है इंटरचेंज फीस? जिसका चार्ज रिवाइज करेगा RBI, ATM से पैसा निकालना और बैलेंस चेक करना होगा महंगा - ATM INTERCHANGE FEE

एक मई से ग्राहकों को एटीएम से मुफ्त सीमा के बाद हर लेनदेन के लिए एक्स्ट्रा पैसे देने होंगे.

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क्या है ATM इंटरचेंज फीस? (सांकेतिक तस्वीर IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : March 26, 2025 at 9:35 PM IST

2 Min Read

नई दिल्ली: ATM से पैसे निकालना हो या बैंक अकाउंट का बैलेंस चेक करना हो, एक मई 2025 से बैंकिंग महंगी होने वाली हैं. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI ) ने एटीएम इंटरचेंज फीस में वृद्धि को मंजूरी दे दी है. IANS की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय लेनदेन के लिए एटीएम का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को एक सीमा के बाद एटीएम से पैसे निकालने पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा.

रिपोर्ट के मुताबिक एक मई से ग्राहकों को एटीएम से मुफ्त सीमा के बाद हर लेनदेन के लिए 2 रुपये एक्स्ट्रा देने होंगे. इसके साथ ही एटीएम से कैश निकालने पर ग्राहकों हर लेनदेन पर अब 19 रुपये का भुगतान करना होगा. इससे पहले इसके लिए ग्राहकों से 17 रुपये लिए जाते थे.

इतना ही नहीं अगर ग्राहक एटीएम का इस्तेमाल अकाउंट बैंलेस चेक के लिए करता है, तो भी उसे 1 रुपये एक्स्टरा देना होगा. अकाउंट की शेष राशि की जांच करने पर अब प्रति लेनदेन 7 रुपये का खर्च आएगा. फिलहाल बैलेंस चेक करने के लिए 6 रुपये का चार्ज लगता है.

क्रेडिट कार्ड बेनिफिट्स भी होंगे खत्म?
वहीं, SBI और IDFC बैंक सहित कई प्रमुख बैंक अपने को-ब्रांडेड विस्तारा क्रेडिट कार्ड में बदलाव कर रहे हैं. इसके चलते ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर मिलने वाले टिकट वाउचर, रिन्युवल पर्क्स और माइलस्टोन रिवॉर्ड जैसे लाभ खत्म हो जाएंगे. गौरतलब है कि एक्सिस बैंक इसी तरह के बदलाव 18 अप्रैल से ही लागू कर देगा.

क्या है एटीएम इंटरचेंज फीस?
एटीएम इंटरचेंज फीस एक बैंक, दूसरे बैंक को एटीएम सर्विस प्रदान करने के लिए देता है. यह फीस हर ट्रांजैक्शन के लिए फिक्स्ड होती है और बैंक इसे ग्राहकों से वसूलता है. आरबीआई ने व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटरों की रिक्वेस्ट के बाद इन शुल्कों को रिवाइज करने का फैसला किया है.उल्लेखनीय है कि फीस में होने वाली ये बढ़ोतरी पूरे देश में लागू होगी और इसका असर छोटे बैंकों के ग्राहकों पर पड़ेगा.

एटीएम सर्विस कर रही संघर्ष
बता दें कि एटीएम को कभी क्रांतिकारी बैंकिंग सर्विस माना जाता था. वहीं, डिजिटल पेमेंट के आने के बाद एटीएम सर्विस भारत में संघर्ष कर रही है. ऑनलाइन वॉलेट और यूपीआई लेनदेन की सुविधा ने कैश निकासी की जरूरत को काफी कम कर दिया है. लोग अब पैसे के लेनदेन के लिए UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- अपने आधार कार्ड को वोटर आईडी से कैसे लिंक करें? जानें अलग-अलग मैथड

नई दिल्ली: ATM से पैसे निकालना हो या बैंक अकाउंट का बैलेंस चेक करना हो, एक मई 2025 से बैंकिंग महंगी होने वाली हैं. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI ) ने एटीएम इंटरचेंज फीस में वृद्धि को मंजूरी दे दी है. IANS की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय लेनदेन के लिए एटीएम का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को एक सीमा के बाद एटीएम से पैसे निकालने पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा.

रिपोर्ट के मुताबिक एक मई से ग्राहकों को एटीएम से मुफ्त सीमा के बाद हर लेनदेन के लिए 2 रुपये एक्स्ट्रा देने होंगे. इसके साथ ही एटीएम से कैश निकालने पर ग्राहकों हर लेनदेन पर अब 19 रुपये का भुगतान करना होगा. इससे पहले इसके लिए ग्राहकों से 17 रुपये लिए जाते थे.

इतना ही नहीं अगर ग्राहक एटीएम का इस्तेमाल अकाउंट बैंलेस चेक के लिए करता है, तो भी उसे 1 रुपये एक्स्टरा देना होगा. अकाउंट की शेष राशि की जांच करने पर अब प्रति लेनदेन 7 रुपये का खर्च आएगा. फिलहाल बैलेंस चेक करने के लिए 6 रुपये का चार्ज लगता है.

क्रेडिट कार्ड बेनिफिट्स भी होंगे खत्म?
वहीं, SBI और IDFC बैंक सहित कई प्रमुख बैंक अपने को-ब्रांडेड विस्तारा क्रेडिट कार्ड में बदलाव कर रहे हैं. इसके चलते ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर मिलने वाले टिकट वाउचर, रिन्युवल पर्क्स और माइलस्टोन रिवॉर्ड जैसे लाभ खत्म हो जाएंगे. गौरतलब है कि एक्सिस बैंक इसी तरह के बदलाव 18 अप्रैल से ही लागू कर देगा.

क्या है एटीएम इंटरचेंज फीस?
एटीएम इंटरचेंज फीस एक बैंक, दूसरे बैंक को एटीएम सर्विस प्रदान करने के लिए देता है. यह फीस हर ट्रांजैक्शन के लिए फिक्स्ड होती है और बैंक इसे ग्राहकों से वसूलता है. आरबीआई ने व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटरों की रिक्वेस्ट के बाद इन शुल्कों को रिवाइज करने का फैसला किया है.उल्लेखनीय है कि फीस में होने वाली ये बढ़ोतरी पूरे देश में लागू होगी और इसका असर छोटे बैंकों के ग्राहकों पर पड़ेगा.

एटीएम सर्विस कर रही संघर्ष
बता दें कि एटीएम को कभी क्रांतिकारी बैंकिंग सर्विस माना जाता था. वहीं, डिजिटल पेमेंट के आने के बाद एटीएम सर्विस भारत में संघर्ष कर रही है. ऑनलाइन वॉलेट और यूपीआई लेनदेन की सुविधा ने कैश निकासी की जरूरत को काफी कम कर दिया है. लोग अब पैसे के लेनदेन के लिए UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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