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हिमाचल में एक इंजीनियर की मौत से हिली सरकार, ACS, DGP और SP की क्यों हुई 'छुट्टी', जानें पूरा मामला - VIMAL NEGI DEATH CASE

विमल नेगी मौत मामले में हिमाचल में घमासान मचा है. अब तक तीन अफसरों पर गाज गिर चुकी है. सरकार बीजेपी के निशाने पर है.

विमल नेगी मौत मामला
विमल नेगी मौत मामला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 29, 2025 at 7:33 PM IST

Updated : May 29, 2025 at 8:13 PM IST

13 Min Read

शिमला: विमल नेगी मौत मामला इन दिनों हिमाचल में सुर्खियों में बना हुआ है. इस मामले में पुलिस विभाग के आलाधिकारी ही सामने हैं. वहीं, बीजेपी सरकार पर मामले में संलिप्त लोगों को बचाने का आरोप लगा रही है तो वहीं, कांग्रेस और सरकार इस मामले में बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है. विमल नेगी का परिवार भी पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं था. आईए जानते है कि ये पूरा मामला क्या है और अब तक इस मामले में क्या क्या हुआ.

HPPCL में चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को टैक्सी हायर करके बिलासपुर निकले थे, जहां उनको आखिरी बार सीसीटीवी फुटेज में देखा गया. विमल नेगी की गुमशुदगी होने पर DGP ने चीफ इंजीनियर की तलाश करने के लिए 15 मार्च को एसआईटी का गठन किया. डीएसपी अमित कुमार को एसआईटी प्रमुख बनाया गया. इनके अलावा एसएचओ सदर थाना शिमला धर्मसेन नेगी, एसएचओ पुलिस स्टेशन घुमारवीं अमिता देवी और जांच अधिकारी पुलिस स्टेशन शिमला यशपाल को सदस्य बनाया गया. अतिरिक्त महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह को एसआईटी के काम की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया, लेकिन ये विमल नेगी को नहीं ढूंढ पाई. मामला विधानसभा बजट सत्र में भी उठाया जाता है. मुख्यमंत्री विमल नेगी को जल्द ढूंढने का भरोसा सदन में देते हैं, लेकिन इस बीच 18 मार्च को गोविंद सागर झील में विमल नेगी का बरामद होता है, जिसका पोस्टमार्टम 19 मार्च को जिला बिलासपुर में स्थित एम्स में करवाया गया.

परिजनों ने HPPCL ऑफिस के बाहर दिया धरना

वहीं, 19 मार्च को ही परिजनों ने शव के साथ HPPCL ऑफिस के बाहर धरना दिया और HPPCL के MD और डायरेक्टर पर विमल नेगी की मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए. 19 मई को ही सरकार ने मंत्री जगत सिंह नेगी को मामला सुलझाने के लिए स्पॉट पर भेजा, जिसके बाद मंत्री ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पूरी स्थिति से अगवत कराया और देर रात विमल नेगी मौत मामले में HPPCL के MD हरिकेश मीणा और डायरेक्टर देसराज के खिलाफ न्यू शिमला थाना में FIR दर्ज होती है. वहीं 19 मार्च सरकार की ओर से डायरेक्टर देसराज को सस्पेंड कर देती है और देर रात ही MD को भी पद से हटाया जाता है, जिसके बाद 20 मार्च विमल नेगी के शव का पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाता है.

हाईकोर्ट ने देसराज की अग्रिम जमानत की खारिज

विमल नेगी मौत मामले के दौरान विधानसभा का बजट सत्र भी चल रहा था. इस दौरान भाजपा ने विमल नेगी की मौत मामले की सीबीआई से जांच करने की मांग उठाई, जिस पर मुख्यमंत्री ने CBI से जांच कराने की मांग को अस्वीकार करते हुए 20 मार्च को मामले की प्रशासनिक जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा को सौंपने के आदेश जारी किए, जिसकी रिपोर्ट 15 दिनों में सौंपने को कहा गया. वहीं इसी मामले में जांच को लेकर एसपी शिमला के नेतृत्व में एक और SIT का गठन किया गया. 26 मार्च को हाई कोर्ट अग्रिम जमानत के लिए पहुंचे देसराज की याचिका को खारिज कर दिया गया. इसके बाद 4 अप्रैल को देसराज को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली.

विमल नेगी की डेड बॉडी से मिला डीएल
विमल नेगी की डेड बॉडी से मिला डीएल (ETV Bharat)

IAS हरिकेश मीणा को भी मिली जमानत

विमल नेगी मौत मामले में HPPCL के MD IAS हरिकेश मीणा को 7 अप्रैल को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली. वहीं विमल नेगी के परिजनों ने पुलिस की SIT जांच पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि SIT विमल नेगी की मौत के कारणों का पता लगाने के बजाय उनकी संपत्ति की ही जांच कर रही है और विमल नेगी को मानसिक रूप से बीमार साबित करना चाहती है. SIT जांच से नाखुश परिवार हाईकोर्ट पहुंचा. पत्नी किरण नेगी CBI जांच की मांग को लेकर 21 अप्रैल को हाईकोर्ट पहुंची, जिस पर कोर्ट ने अप्रैल के आखिरी सप्ताह में सुनवाई की सरकार को 20 मई तक स्टेट्स रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए.

विमल नेगी
विमल नेगी (FILE PHOTO)

ACS, DGP और SP शिमला ने सौंपी स्टेट्स रिपोर्ट

विमल नेगी मौत मामले को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा, DGP अतुल वर्मा और SP शिमला ने 20 मई को अलग अलग स्टेट्स रिपोर्ट हाईकोर्ट में दी, जिस पर 21 मई के लिए अदालत ने फिर से केस की सुनवाई तय की. इस केस की जस्टिस अजय मोहन गोयल की कोर्ट में सुनवाई हुई. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला रिजर्व रख दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट में डीजीपी ने हलफनामा दायर किया. डीजीपी ने अपने हलफनामे में एसआईटी जांच पर कई सवाल उठाए. डीजीपी ने मृतक विमल नेगी की जेब से मिली पेन ड्राइव छिपाने और फॉर्मेट करने को अपनी रिपोर्ट में उजागर किया. डीजीपी का हलफनामा विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का मुख्य आधार बना.

डीजीपी के हलफनामे में थे कई सवाल

डीजीपी के हलफनामे में एक मोबाइल फोन से निकाली गई 20 मार्च की चैट का हवाला दिया गया है. इसमें पांच पुलिस कर्मचारियों के बीच पेन ड्राइव की हैश वैल्यू, पेन ड्राइव की जब्ती, पेन ड्राइव के यूनिक नंबर सहित अन्य विषयों के बारे में बातचीत है. इस दौरान एक अधूरी चैट में पेन ड्राइव बदला जा सकता है मटेरियल कॉपी करने के बाद...का जिक्र किया गया है. पेन ड्राइव को क्यों फॉर्मेट किया गया, कितने लोगों को पता था कि विमल नेगी से पेन ड्राइव बरामद हुई है? विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव मिलने पर एएसआई पंकज इसे लेकर फोन पर किससे बात कर रहे हैं? ये सब बाते हलफनामे में थी.

23 मई को सीबीआई को सौंपी जांच

21 मई को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा. 23 मई को HPPCL के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए. वहीं, कोर्ट ने एसीएस ओंकार की ओर से दायर स्टेट्स रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेने के भी आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने सुनवाई में जांच एसआईटी से लेकर सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए. विमल नेगी के परिवार की ओर से अदालत में पेश हुए वकील आरके बावा ने कहा कि 'ये फैसला बहुत अच्छा आया है.विमल नेगी की पत्नी ने हाईकोर्ट ने याचिका दायर कर रखी थी कि उनके पति की मौत की जांच अच्छे से नहीं हो रही है. इस याचिका को आज कोर्ट ने मंजूर कर लिया है और जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला सुनाया है. अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिए हैं कि जांच में सीबीआई टीम हिमाचल कैडर के किसी भी ऑफिसर को शामिल नहीं करेगी. विमल नेगी की पत्नी ने संदेह जताया था कि उनके पति की मौत की जांच सही से नहीं हो रही है. विमल नेगी 10 मार्च से लापता थे. उनकी डेड बॉडी 18 मार्च को मिली थी.19 मार्च को उनका पोस्टमार्टम हुआ. पोस्टमार्टम के मुताबिक उनकी मौत 5 दिन पहले हुई थी. विमल नेगी 10 से 13 मार्च तक कहां रहे इसकी एसआईटी ने जांच ही नहीं की.'

सीबीआई जांच का आदेश आने से परिवार खुश (ETV Bharat)

एसपी ने खोला डीजीपी के खिलाफ मोर्चा

प्रदेश हाईकोर्ट से विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के अगले दिन यानी 24 मई को SP शिमला संजीव गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, DGP अतुल वर्मा, पूर्व DGP संजय कुंडू समेत BJP विधायक सुधीर शर्मा पर आरोपों की बौछार कर दी. नौबत यहां तक आई है कि एसपी शिमला संजीव गांधी अपनी नौकरी कुर्बान करने को तैयार करने की भी बात कह डाली. हिमाचल के इतिहास में ये पहला मामला है, जिसमें एक एसपी अपने ही महकमे के मुखिया पर आरोपों की बौछार की हो.

SP ने लगाए गंभीर आरोप

मीडिया के साथ बातचीत में एसपी शिमला, संजीव गांधी ने अपने ही महकमे के मुखिया पर कई तीखे वार किए. उन्होंने डीआईजी पर जांच को बाधित करने का आरोप लगाया साथ ही ये भी कहा कि 'हमारी जांच पूरी तरह से ईमानदारी के साथ की गई है. डीजीपी की ओर से कोर्ट में जो शपथ पत्र दायर किया गया है, वो गैर जिम्मेदाराना तरीके से दायर किया गया है उसके अनेक कारण हैं. डीजीपी ने जांच के मानकों को तोड़ा है और झूठा हलफनामा दायर किया है. डीजीपी कार्यालय का एक कर्मचारी ड्रग माफिया के साथ जुड़ा हुआ है. कुख्यात ड्रग माफिया संजीव भूरिया गैंग के साथ डीजीपी कार्यालय के स्टाफ के तार जुड़े हैं. मेरी सत्यनिष्ठा पर कई सवाल उठाएगा तो मैं नौकरी भी छोड़ने के लिए तैयार हूं. हमने विमल नेगी को न्याया दिलवाने का प्रयास किया है.' इसके साथ एसपी ने जांच सीबीआई को सौंपे जाने के आदेश पर दोबारा कोर्ट में अपील करने की बात कही. '

26 मई को मुख्यमंत्री ने शिमला लौटते ही की प्रेस कॉन्फ्रेंस

जब ये सारा घटनाक्रम हुआ तो 26 मई को दिल्ली दौरे से शिमला लौटे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अधिकारियों के बीच मचे घमासान को लेकर अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने अधिकारियों को अनुशासन में रहने की भी नसीहत दी. साथ ही विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई जांच के आदेश पर उन्होंने कहा कि सरकार इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील नहीं करेगी.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चीफ इंजीनियर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में सिलसिलेवार सरकार का पक्ष रखा. सीएम ने बताया कि 'शुरू से ही विमल नेगी के परिजनों को न्याय दिलाने की बात मजबूती से कही. विमल नेगी के परिजन हमसे कहते तो सीबीआई जांच की सिफारिश कर देते. डीजीपी ने मेरे साथ एसआईटी बदलने पर चर्चा की थी. इस पर सीएम ने डीजीपी को ऐसा न करने को कहा था. एसआईटी के अलावा डीजीपी की रिपोर्ट और फिर एसीएस ओंकार शर्मा को मिलाकर कुल तीन रिपोर्ट्स थी,ऐसे में संदेह होना लाजमी था. '

एसपी शिमला को छुट्टी पर भेजा गया
एसपी शिमला को छुट्टी पर भेजा गया (ETV Bharat)

ACS, DGP और SP को सरकार ने लंबी छुट्टी पर भेजा

वहीं मुख्यमंत्री ने अफसरों की आपसी खींचतान से सरकार की हर तरफ किरकिरी हुई. इस पर सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया. सरकार ने 27 मई को मुख्य सचिव, सेक्रेटरी टू सीएम, लॉ सेक्रेटरी और एडवोकेट जनरल के साथ पौने तीन घंटे तक सचिवालय में मीटिंग ली, जिसके कुछ समय बाद ही विमल नेगी मौत मामले की प्रशासनिक जांच कर रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से सभी विभाग वापस ले लिए गए. वहीं DGP अतुल वर्मा और SP शिमला को भी पद से हटाकर जबरन अवकाश पर भेजने का निर्णय लिया गया. डीजीपी और एसपी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए हैं, जिसमें उनसे पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाए.

सरकार ने डीजीपी को छुट्टी पर भेजा
सरकार ने डीजीपी को छुट्टी पर भेजा (ETV Bharat)

राज्य सरकार ने मंगलवार देर शाम अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से सभी विभाग वापस ले लिए. ओंकार शर्मा को अवकाश पर भेजा गया है. बताया गया है कि ओंकार शर्मा ने एडवोकेट जनरल के बिना अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सब्मिट की थी. इसके साथ ही डीजीपी अतुल वर्मा और एसपी शिमला को भी हटाया गया है. सीनियर आईपीएस अफसर अशोक तिवारी डीजीपी का जिम्मा संभालेंगे. वहीं, आईपीएस गौरव सिंह को शिमला के एसपी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. ओंकार शर्मा के विभागों का तीन आईएएस अधिकारियों को जिम्मा दिया गया है.

ACS के सभी विभाग लिए गए वापस
ACS के सभी विभाग लिए गए वापस (ETV Bharat)

सीबीआई ने दर्ज किया मामला

चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में CBI ने दिल्ली में 26 मई को FIR कर दर्ज की है. हाईकोर्ट के आदेशों पर मामला न्यू शिमला पुलिस थाना से CBI दिल्ली को ट्रांसफर कर दिया गया. CBI ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 108 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है.

विमल नेगी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
विमल नेगी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ? (ETV Bharat GFX)

इन बातों से जांच पर हुआ संदेह

सोशल मीडिया और मीडिया पर चर्चा है कि 18 मार्च को सुबह स्वारघाट थाने को गोविंद सागर झील में शव मिलने की सूचना मिली थी. जांच टीम मौके पर पहुंची तो शव नहीं मिला. स्थानीय लोगों ने शव के आगे बहने की संभावना जताई. एएसआई पंकज नाव में दो स्थानीय मछुआरों को लेकर गोविंद सागर झील में आगे बढ़े. तलाई पुलिस स्टेशन की सीमा में शाम 4:00 बजे शव मिला. चर्चा है कि एक मछुआरे ने विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव निकाली और दूसरे ने इसकी वीडियो बनाई. दावा है कि विमल नेगी के शव के पास दो आईकार्ड, कैश और पर्स को बरामदगी में दिखाया गया, लेकिन पेन ड्राइव मिलने की बात तलाई पुलिस स्टेशन की टीम से छिपा दी गई. नियमों के अनुसार शव मिलने पर तलाशी स्थानीय थाने की टीम ही कर सकती है, लेकिन विमल नेगी के शव की तलाशी से पहले पेन ड्राइव गायब कर दी गई. बीजेपी ने भी कई बार मीडिया में ये सवाल उठाया कि पेन ड्राइव को क्यों और किसने गायब किया. पुलिसकर्मी पेन ड्राइव को लेकर मौके पर किससे फोन पर बात कर रहा था.

ये भी पढ़ें: विमल नेगी मौत मामले में CBI ने दिल्ली में दर्ज की FIR, DCP की अगुआई में 3 सदस्यीय टीम गठित

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट की टिप्पणी से सीएम सुखविंदर सिंह की असहमति, नेता प्रतिपक्ष ने मांगा इस्तीफा तो एमएलए सुधीर शर्मा ने लिख डाली ऐसी बात

शिमला: विमल नेगी मौत मामला इन दिनों हिमाचल में सुर्खियों में बना हुआ है. इस मामले में पुलिस विभाग के आलाधिकारी ही सामने हैं. वहीं, बीजेपी सरकार पर मामले में संलिप्त लोगों को बचाने का आरोप लगा रही है तो वहीं, कांग्रेस और सरकार इस मामले में बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है. विमल नेगी का परिवार भी पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं था. आईए जानते है कि ये पूरा मामला क्या है और अब तक इस मामले में क्या क्या हुआ.

HPPCL में चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को टैक्सी हायर करके बिलासपुर निकले थे, जहां उनको आखिरी बार सीसीटीवी फुटेज में देखा गया. विमल नेगी की गुमशुदगी होने पर DGP ने चीफ इंजीनियर की तलाश करने के लिए 15 मार्च को एसआईटी का गठन किया. डीएसपी अमित कुमार को एसआईटी प्रमुख बनाया गया. इनके अलावा एसएचओ सदर थाना शिमला धर्मसेन नेगी, एसएचओ पुलिस स्टेशन घुमारवीं अमिता देवी और जांच अधिकारी पुलिस स्टेशन शिमला यशपाल को सदस्य बनाया गया. अतिरिक्त महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह को एसआईटी के काम की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया, लेकिन ये विमल नेगी को नहीं ढूंढ पाई. मामला विधानसभा बजट सत्र में भी उठाया जाता है. मुख्यमंत्री विमल नेगी को जल्द ढूंढने का भरोसा सदन में देते हैं, लेकिन इस बीच 18 मार्च को गोविंद सागर झील में विमल नेगी का बरामद होता है, जिसका पोस्टमार्टम 19 मार्च को जिला बिलासपुर में स्थित एम्स में करवाया गया.

परिजनों ने HPPCL ऑफिस के बाहर दिया धरना

वहीं, 19 मार्च को ही परिजनों ने शव के साथ HPPCL ऑफिस के बाहर धरना दिया और HPPCL के MD और डायरेक्टर पर विमल नेगी की मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए. 19 मई को ही सरकार ने मंत्री जगत सिंह नेगी को मामला सुलझाने के लिए स्पॉट पर भेजा, जिसके बाद मंत्री ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पूरी स्थिति से अगवत कराया और देर रात विमल नेगी मौत मामले में HPPCL के MD हरिकेश मीणा और डायरेक्टर देसराज के खिलाफ न्यू शिमला थाना में FIR दर्ज होती है. वहीं 19 मार्च सरकार की ओर से डायरेक्टर देसराज को सस्पेंड कर देती है और देर रात ही MD को भी पद से हटाया जाता है, जिसके बाद 20 मार्च विमल नेगी के शव का पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाता है.

हाईकोर्ट ने देसराज की अग्रिम जमानत की खारिज

विमल नेगी मौत मामले के दौरान विधानसभा का बजट सत्र भी चल रहा था. इस दौरान भाजपा ने विमल नेगी की मौत मामले की सीबीआई से जांच करने की मांग उठाई, जिस पर मुख्यमंत्री ने CBI से जांच कराने की मांग को अस्वीकार करते हुए 20 मार्च को मामले की प्रशासनिक जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा को सौंपने के आदेश जारी किए, जिसकी रिपोर्ट 15 दिनों में सौंपने को कहा गया. वहीं इसी मामले में जांच को लेकर एसपी शिमला के नेतृत्व में एक और SIT का गठन किया गया. 26 मार्च को हाई कोर्ट अग्रिम जमानत के लिए पहुंचे देसराज की याचिका को खारिज कर दिया गया. इसके बाद 4 अप्रैल को देसराज को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली.

विमल नेगी की डेड बॉडी से मिला डीएल
विमल नेगी की डेड बॉडी से मिला डीएल (ETV Bharat)

IAS हरिकेश मीणा को भी मिली जमानत

विमल नेगी मौत मामले में HPPCL के MD IAS हरिकेश मीणा को 7 अप्रैल को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली. वहीं विमल नेगी के परिजनों ने पुलिस की SIT जांच पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि SIT विमल नेगी की मौत के कारणों का पता लगाने के बजाय उनकी संपत्ति की ही जांच कर रही है और विमल नेगी को मानसिक रूप से बीमार साबित करना चाहती है. SIT जांच से नाखुश परिवार हाईकोर्ट पहुंचा. पत्नी किरण नेगी CBI जांच की मांग को लेकर 21 अप्रैल को हाईकोर्ट पहुंची, जिस पर कोर्ट ने अप्रैल के आखिरी सप्ताह में सुनवाई की सरकार को 20 मई तक स्टेट्स रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए.

विमल नेगी
विमल नेगी (FILE PHOTO)

ACS, DGP और SP शिमला ने सौंपी स्टेट्स रिपोर्ट

विमल नेगी मौत मामले को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा, DGP अतुल वर्मा और SP शिमला ने 20 मई को अलग अलग स्टेट्स रिपोर्ट हाईकोर्ट में दी, जिस पर 21 मई के लिए अदालत ने फिर से केस की सुनवाई तय की. इस केस की जस्टिस अजय मोहन गोयल की कोर्ट में सुनवाई हुई. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला रिजर्व रख दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट में डीजीपी ने हलफनामा दायर किया. डीजीपी ने अपने हलफनामे में एसआईटी जांच पर कई सवाल उठाए. डीजीपी ने मृतक विमल नेगी की जेब से मिली पेन ड्राइव छिपाने और फॉर्मेट करने को अपनी रिपोर्ट में उजागर किया. डीजीपी का हलफनामा विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का मुख्य आधार बना.

डीजीपी के हलफनामे में थे कई सवाल

डीजीपी के हलफनामे में एक मोबाइल फोन से निकाली गई 20 मार्च की चैट का हवाला दिया गया है. इसमें पांच पुलिस कर्मचारियों के बीच पेन ड्राइव की हैश वैल्यू, पेन ड्राइव की जब्ती, पेन ड्राइव के यूनिक नंबर सहित अन्य विषयों के बारे में बातचीत है. इस दौरान एक अधूरी चैट में पेन ड्राइव बदला जा सकता है मटेरियल कॉपी करने के बाद...का जिक्र किया गया है. पेन ड्राइव को क्यों फॉर्मेट किया गया, कितने लोगों को पता था कि विमल नेगी से पेन ड्राइव बरामद हुई है? विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव मिलने पर एएसआई पंकज इसे लेकर फोन पर किससे बात कर रहे हैं? ये सब बाते हलफनामे में थी.

23 मई को सीबीआई को सौंपी जांच

21 मई को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा. 23 मई को HPPCL के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए. वहीं, कोर्ट ने एसीएस ओंकार की ओर से दायर स्टेट्स रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेने के भी आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने सुनवाई में जांच एसआईटी से लेकर सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए. विमल नेगी के परिवार की ओर से अदालत में पेश हुए वकील आरके बावा ने कहा कि 'ये फैसला बहुत अच्छा आया है.विमल नेगी की पत्नी ने हाईकोर्ट ने याचिका दायर कर रखी थी कि उनके पति की मौत की जांच अच्छे से नहीं हो रही है. इस याचिका को आज कोर्ट ने मंजूर कर लिया है और जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला सुनाया है. अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिए हैं कि जांच में सीबीआई टीम हिमाचल कैडर के किसी भी ऑफिसर को शामिल नहीं करेगी. विमल नेगी की पत्नी ने संदेह जताया था कि उनके पति की मौत की जांच सही से नहीं हो रही है. विमल नेगी 10 मार्च से लापता थे. उनकी डेड बॉडी 18 मार्च को मिली थी.19 मार्च को उनका पोस्टमार्टम हुआ. पोस्टमार्टम के मुताबिक उनकी मौत 5 दिन पहले हुई थी. विमल नेगी 10 से 13 मार्च तक कहां रहे इसकी एसआईटी ने जांच ही नहीं की.'

सीबीआई जांच का आदेश आने से परिवार खुश (ETV Bharat)

एसपी ने खोला डीजीपी के खिलाफ मोर्चा

प्रदेश हाईकोर्ट से विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के अगले दिन यानी 24 मई को SP शिमला संजीव गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, DGP अतुल वर्मा, पूर्व DGP संजय कुंडू समेत BJP विधायक सुधीर शर्मा पर आरोपों की बौछार कर दी. नौबत यहां तक आई है कि एसपी शिमला संजीव गांधी अपनी नौकरी कुर्बान करने को तैयार करने की भी बात कह डाली. हिमाचल के इतिहास में ये पहला मामला है, जिसमें एक एसपी अपने ही महकमे के मुखिया पर आरोपों की बौछार की हो.

SP ने लगाए गंभीर आरोप

मीडिया के साथ बातचीत में एसपी शिमला, संजीव गांधी ने अपने ही महकमे के मुखिया पर कई तीखे वार किए. उन्होंने डीआईजी पर जांच को बाधित करने का आरोप लगाया साथ ही ये भी कहा कि 'हमारी जांच पूरी तरह से ईमानदारी के साथ की गई है. डीजीपी की ओर से कोर्ट में जो शपथ पत्र दायर किया गया है, वो गैर जिम्मेदाराना तरीके से दायर किया गया है उसके अनेक कारण हैं. डीजीपी ने जांच के मानकों को तोड़ा है और झूठा हलफनामा दायर किया है. डीजीपी कार्यालय का एक कर्मचारी ड्रग माफिया के साथ जुड़ा हुआ है. कुख्यात ड्रग माफिया संजीव भूरिया गैंग के साथ डीजीपी कार्यालय के स्टाफ के तार जुड़े हैं. मेरी सत्यनिष्ठा पर कई सवाल उठाएगा तो मैं नौकरी भी छोड़ने के लिए तैयार हूं. हमने विमल नेगी को न्याया दिलवाने का प्रयास किया है.' इसके साथ एसपी ने जांच सीबीआई को सौंपे जाने के आदेश पर दोबारा कोर्ट में अपील करने की बात कही. '

26 मई को मुख्यमंत्री ने शिमला लौटते ही की प्रेस कॉन्फ्रेंस

जब ये सारा घटनाक्रम हुआ तो 26 मई को दिल्ली दौरे से शिमला लौटे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अधिकारियों के बीच मचे घमासान को लेकर अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने अधिकारियों को अनुशासन में रहने की भी नसीहत दी. साथ ही विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई जांच के आदेश पर उन्होंने कहा कि सरकार इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील नहीं करेगी.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चीफ इंजीनियर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में सिलसिलेवार सरकार का पक्ष रखा. सीएम ने बताया कि 'शुरू से ही विमल नेगी के परिजनों को न्याय दिलाने की बात मजबूती से कही. विमल नेगी के परिजन हमसे कहते तो सीबीआई जांच की सिफारिश कर देते. डीजीपी ने मेरे साथ एसआईटी बदलने पर चर्चा की थी. इस पर सीएम ने डीजीपी को ऐसा न करने को कहा था. एसआईटी के अलावा डीजीपी की रिपोर्ट और फिर एसीएस ओंकार शर्मा को मिलाकर कुल तीन रिपोर्ट्स थी,ऐसे में संदेह होना लाजमी था. '

एसपी शिमला को छुट्टी पर भेजा गया
एसपी शिमला को छुट्टी पर भेजा गया (ETV Bharat)

ACS, DGP और SP को सरकार ने लंबी छुट्टी पर भेजा

वहीं मुख्यमंत्री ने अफसरों की आपसी खींचतान से सरकार की हर तरफ किरकिरी हुई. इस पर सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया. सरकार ने 27 मई को मुख्य सचिव, सेक्रेटरी टू सीएम, लॉ सेक्रेटरी और एडवोकेट जनरल के साथ पौने तीन घंटे तक सचिवालय में मीटिंग ली, जिसके कुछ समय बाद ही विमल नेगी मौत मामले की प्रशासनिक जांच कर रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से सभी विभाग वापस ले लिए गए. वहीं DGP अतुल वर्मा और SP शिमला को भी पद से हटाकर जबरन अवकाश पर भेजने का निर्णय लिया गया. डीजीपी और एसपी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए हैं, जिसमें उनसे पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाए.

सरकार ने डीजीपी को छुट्टी पर भेजा
सरकार ने डीजीपी को छुट्टी पर भेजा (ETV Bharat)

राज्य सरकार ने मंगलवार देर शाम अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से सभी विभाग वापस ले लिए. ओंकार शर्मा को अवकाश पर भेजा गया है. बताया गया है कि ओंकार शर्मा ने एडवोकेट जनरल के बिना अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सब्मिट की थी. इसके साथ ही डीजीपी अतुल वर्मा और एसपी शिमला को भी हटाया गया है. सीनियर आईपीएस अफसर अशोक तिवारी डीजीपी का जिम्मा संभालेंगे. वहीं, आईपीएस गौरव सिंह को शिमला के एसपी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. ओंकार शर्मा के विभागों का तीन आईएएस अधिकारियों को जिम्मा दिया गया है.

ACS के सभी विभाग लिए गए वापस
ACS के सभी विभाग लिए गए वापस (ETV Bharat)

सीबीआई ने दर्ज किया मामला

चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में CBI ने दिल्ली में 26 मई को FIR कर दर्ज की है. हाईकोर्ट के आदेशों पर मामला न्यू शिमला पुलिस थाना से CBI दिल्ली को ट्रांसफर कर दिया गया. CBI ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 108 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है.

विमल नेगी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
विमल नेगी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ? (ETV Bharat GFX)

इन बातों से जांच पर हुआ संदेह

सोशल मीडिया और मीडिया पर चर्चा है कि 18 मार्च को सुबह स्वारघाट थाने को गोविंद सागर झील में शव मिलने की सूचना मिली थी. जांच टीम मौके पर पहुंची तो शव नहीं मिला. स्थानीय लोगों ने शव के आगे बहने की संभावना जताई. एएसआई पंकज नाव में दो स्थानीय मछुआरों को लेकर गोविंद सागर झील में आगे बढ़े. तलाई पुलिस स्टेशन की सीमा में शाम 4:00 बजे शव मिला. चर्चा है कि एक मछुआरे ने विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव निकाली और दूसरे ने इसकी वीडियो बनाई. दावा है कि विमल नेगी के शव के पास दो आईकार्ड, कैश और पर्स को बरामदगी में दिखाया गया, लेकिन पेन ड्राइव मिलने की बात तलाई पुलिस स्टेशन की टीम से छिपा दी गई. नियमों के अनुसार शव मिलने पर तलाशी स्थानीय थाने की टीम ही कर सकती है, लेकिन विमल नेगी के शव की तलाशी से पहले पेन ड्राइव गायब कर दी गई. बीजेपी ने भी कई बार मीडिया में ये सवाल उठाया कि पेन ड्राइव को क्यों और किसने गायब किया. पुलिसकर्मी पेन ड्राइव को लेकर मौके पर किससे फोन पर बात कर रहा था.

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Last Updated : May 29, 2025 at 8:13 PM IST
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