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वोटर आईडी आधार से लिंक न होने पर क्या होगा? जानें दोनों डॉक्यूमेंट को जोड़ने की वजह - VOTER IDS

चुनाव आयोग ने चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों से निपटने के लिए वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का फैसला किया है.

Voter ID
वोटर आईडी आधार से लिंक न होने पर क्या होगा? (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : March 20, 2025 at 4:45 PM IST

2 Min Read

नई दिल्ली: दुनियाभर के देशों की तरह ही भारत के लोगों को भी अपनी आइडेंटिटी के लिए कई दस्तावेजों की जरूरत होती है. भारत में आधार, पासपोर्ट और वोटर आईडी जैसे डॉक्यूमेंट शामिल हैं. ऐसे में आए दिन इनमें से किसी न किसी एक दस्तावेज की जरूरतलपड़की रहती है.

वहीं, कुछ दस्तावेजों का इस्तेमाल कुछ खास कामों के लिए होता है. जैसे कि आप विदेश यात्रा करने जाना चाहते हैं. तो आपको पासपोर्ट की जरूरत पड़ती है.इसी तरह बैंकिग के लिए आपको पैन कार्ड की जरूरत होती है, जबकि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आपको आधार कार्ड चाहिए होता है. इसी तरह वोट डालने के लिए वोटर कार्ड की आवश्यकता होती है.

UIDAI के एक्स्पर्ट के साथ काम करेगा चुनाव आयोग
हाल ही में चुनाव आयोग ने चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों से निपटने के लिए वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का फैसला किया है. इसके लिए चुनाव आयोग यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के टेक्निकल एक्सपर्ट्स के साथ काम करेगा.

इस बीच कुछ लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि अगर किसी व्यक्ति की वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं होता. तो क्या वह वोट नहीं डाल पाएगा. अगर आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.

वोटर आईडी आधार से लिंक न होने पर क्या होगा?
चुनाव आयोग ने वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का प्लान बनाने का ऐलान किया है. ऐसे में जिन लोगों का वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं होगा. उन लोगों का वोटर आईडी कैंसिल हो जाएगा. ऐसे में अगर किसी का वोटर आईडी कैंसिल हो जाता है तो फिर उसका नाम वोटर लिस्ट में भी नहीं रहेगा.

क्यों वोटर आईडी को आधार से किया जा रहा लिंक?
बता दें भारत में बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास एक से ज्यादा वोटर आईडी मौजूद है. इस वजह से चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग होती है. आधार से वोटर आईडी लिंक होने के बाद फर्जी वोटर आईडी को हटाया जा सकेगा और एक व्यक्ति के पास सिर्फ एक वोटर आईडी ही होगा और चुनाव में फर्जी वोटों पर रोक लगेगी.

यह भी पढ़ें- सरकार ने कर्मचारियों को बोनस देने का किया ऐलान, मुस्लिम कर्मियों की मिलेगी ईदी

नई दिल्ली: दुनियाभर के देशों की तरह ही भारत के लोगों को भी अपनी आइडेंटिटी के लिए कई दस्तावेजों की जरूरत होती है. भारत में आधार, पासपोर्ट और वोटर आईडी जैसे डॉक्यूमेंट शामिल हैं. ऐसे में आए दिन इनमें से किसी न किसी एक दस्तावेज की जरूरतलपड़की रहती है.

वहीं, कुछ दस्तावेजों का इस्तेमाल कुछ खास कामों के लिए होता है. जैसे कि आप विदेश यात्रा करने जाना चाहते हैं. तो आपको पासपोर्ट की जरूरत पड़ती है.इसी तरह बैंकिग के लिए आपको पैन कार्ड की जरूरत होती है, जबकि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आपको आधार कार्ड चाहिए होता है. इसी तरह वोट डालने के लिए वोटर कार्ड की आवश्यकता होती है.

UIDAI के एक्स्पर्ट के साथ काम करेगा चुनाव आयोग
हाल ही में चुनाव आयोग ने चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों से निपटने के लिए वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का फैसला किया है. इसके लिए चुनाव आयोग यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के टेक्निकल एक्सपर्ट्स के साथ काम करेगा.

इस बीच कुछ लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि अगर किसी व्यक्ति की वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं होता. तो क्या वह वोट नहीं डाल पाएगा. अगर आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.

वोटर आईडी आधार से लिंक न होने पर क्या होगा?
चुनाव आयोग ने वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का प्लान बनाने का ऐलान किया है. ऐसे में जिन लोगों का वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं होगा. उन लोगों का वोटर आईडी कैंसिल हो जाएगा. ऐसे में अगर किसी का वोटर आईडी कैंसिल हो जाता है तो फिर उसका नाम वोटर लिस्ट में भी नहीं रहेगा.

क्यों वोटर आईडी को आधार से किया जा रहा लिंक?
बता दें भारत में बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास एक से ज्यादा वोटर आईडी मौजूद है. इस वजह से चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग होती है. आधार से वोटर आईडी लिंक होने के बाद फर्जी वोटर आईडी को हटाया जा सकेगा और एक व्यक्ति के पास सिर्फ एक वोटर आईडी ही होगा और चुनाव में फर्जी वोटों पर रोक लगेगी.

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