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बंगाल के हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने मालदा पहुंची NHRC टीम - NHRC WEST BENGAL VIOLENCE

पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन वाले क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए NHRC की टीम पहुंच गई है.

NHRC team reached Malda to visit violence affected areas of West Bengal.
पश्चिम बंगाल के हिंसा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने माल्दा पहुंची NHRC की टीम. (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 18, 2025 at 1:02 PM IST

3 Min Read

मालदा: हिंसाग्रस्त राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा पहुंची. ये टीम राज्य में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन वाले क्षेत्र का दौरा करेगी.

गौर करें तो एनएचआरसी का यह दौरा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 अप्रैल को भड़की हिंसा को लेकर हो रहा है. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इस हिंसा में व्यापक संपत्ति का नुकसान हुआ. कई परिवार विस्थापित हो गए हैं, जिनमें से कई झारखंड के पाकुड़ जिले में चले गए हैं. वहीं इस हिंसा के बाद कइयों ने मालदा में स्थापित राहत शिविरों में शरण ली है.

इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस शुक्रवार को सियालदह रेलवे स्टेशन पहुंचे और हालिया हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए मालदा जाने वाली ट्रेन में सवार हुए. मालदा पहुंचने के बाद राज्यपाल सर्किट हाउस जाएंगे. वहां से गवर्नर जिले में हिंसा से प्रभावित स्थानों का दौरा करेंगे. मालदा में निरीक्षण के बाद राज्यपाल बोस मुर्शिदाबाद में भी स्थिति का आकलन करने के लिए जाएंगे.

इससे पहले गुरुवार को राज्यपाल ने कहा कि राजभवन हाल ही में हुई हिंसा से प्रभावित पीड़ितों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर हर कोशिश करेगा. बोस ने कहा,

"राजभवन राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिलकर पीड़ितों के लिए हर संभव प्रयास करेगा।"

राज्यपाल ने कहा,

"मैं खुद वहां जाकर वहां की हकीकत देखूंगा. मैं मामले को वस्तुपरक तरीके से देखूंगा. स्थिति पर काबू पा लिया गया है. हमें भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए और कदम उठाने चाहिए. मैं निश्चित रूप से मुर्शिदाबाद जाऊंगा... इलाके के लोगों ने वहां बीएसएफ कैंप बनाने का अनुरोध किया है."

गौर करें तो एनएचआरसी का यह दौरा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 अप्रैल को भड़की हिंसा को लेकर हो रहा है. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इस हिंसा में व्यापक संपत्ति का नुकसान हुआ. कई परिवार विस्थापित हो गए हैं, जिनमें से कई झारखंड के पाकुड़ जिले में चले गए हैं. वहीं इस हिंसा के बाद कइयों ने मालदा में स्थापित राहत शिविरों में शरण ली है.

मुर्शिदाबाद में ही कुछ समय तक बने रहेंगे सुरक्षा बल
जान लें कि गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय बल कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ समय के लिए मुर्शिदाबाद में ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि अदालत पीड़ितों की बहाली और पुनर्वास की निगरानी करेगी. अदालत ने टीएमसी, बीजेपी और अन्य के नेताओं को भड़काऊ भाषण नहीं देने का भी आदेश दिया है. इन भड़काऊ भाषणों से तनाव बढ़ने की आशंका जतायी गई.

ये भी देखें-

मालदा: हिंसाग्रस्त राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा पहुंची. ये टीम राज्य में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन वाले क्षेत्र का दौरा करेगी.

गौर करें तो एनएचआरसी का यह दौरा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 अप्रैल को भड़की हिंसा को लेकर हो रहा है. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इस हिंसा में व्यापक संपत्ति का नुकसान हुआ. कई परिवार विस्थापित हो गए हैं, जिनमें से कई झारखंड के पाकुड़ जिले में चले गए हैं. वहीं इस हिंसा के बाद कइयों ने मालदा में स्थापित राहत शिविरों में शरण ली है.

इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस शुक्रवार को सियालदह रेलवे स्टेशन पहुंचे और हालिया हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए मालदा जाने वाली ट्रेन में सवार हुए. मालदा पहुंचने के बाद राज्यपाल सर्किट हाउस जाएंगे. वहां से गवर्नर जिले में हिंसा से प्रभावित स्थानों का दौरा करेंगे. मालदा में निरीक्षण के बाद राज्यपाल बोस मुर्शिदाबाद में भी स्थिति का आकलन करने के लिए जाएंगे.

इससे पहले गुरुवार को राज्यपाल ने कहा कि राजभवन हाल ही में हुई हिंसा से प्रभावित पीड़ितों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर हर कोशिश करेगा. बोस ने कहा,

"राजभवन राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिलकर पीड़ितों के लिए हर संभव प्रयास करेगा।"

राज्यपाल ने कहा,

"मैं खुद वहां जाकर वहां की हकीकत देखूंगा. मैं मामले को वस्तुपरक तरीके से देखूंगा. स्थिति पर काबू पा लिया गया है. हमें भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए और कदम उठाने चाहिए. मैं निश्चित रूप से मुर्शिदाबाद जाऊंगा... इलाके के लोगों ने वहां बीएसएफ कैंप बनाने का अनुरोध किया है."

गौर करें तो एनएचआरसी का यह दौरा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 अप्रैल को भड़की हिंसा को लेकर हो रहा है. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इस हिंसा में व्यापक संपत्ति का नुकसान हुआ. कई परिवार विस्थापित हो गए हैं, जिनमें से कई झारखंड के पाकुड़ जिले में चले गए हैं. वहीं इस हिंसा के बाद कइयों ने मालदा में स्थापित राहत शिविरों में शरण ली है.

मुर्शिदाबाद में ही कुछ समय तक बने रहेंगे सुरक्षा बल
जान लें कि गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय बल कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ समय के लिए मुर्शिदाबाद में ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि अदालत पीड़ितों की बहाली और पुनर्वास की निगरानी करेगी. अदालत ने टीएमसी, बीजेपी और अन्य के नेताओं को भड़काऊ भाषण नहीं देने का भी आदेश दिया है. इन भड़काऊ भाषणों से तनाव बढ़ने की आशंका जतायी गई.

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