कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अक्षय तृतीया पर दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर के कपाट खोले. बुधवार दोपहर को उन्होंने महेंद्रक्षण में मंदिर का उद्घाटन किया. इस अवसर उन्होंने घोषणा की कि मंदिर का प्रसाद और तस्वीरें राज्य के हर घर तक पहुंचेंगी. मुख्यमंत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि यह मंदिर आने वाले हजारों वर्षों तक तीर्थ और पर्यटन स्थल के रूप में लोगों को प्रिय रहेगा. मंदिर सभी के लिए है. आज से इसके कपाट खुल गए हैं. मैं सभी को आमंत्रित करती हूं."
सीएम ममता के निमंत्रण पर भाजपा नेता दिलीप घोष भी दीघा स्थित जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए. उनके साथ उनकी पत्नी भी थीं. बंगाल के मंत्री अरूप बिस्वास ने उनका स्वागत किया. दिलीप घोष जगन्नाथ मंदिर गए और मुख्यमंत्री से बातचीत की.
The emotions I felt during the inauguration of the Jagannath Temple in Digha are beyond words.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 30, 2025
This sacred space belongs to our Ma, Mati, Manush, and has been brought to life through the collective efforts of the HIDCO team, local residents, artists, industrialists, and devotees… pic.twitter.com/Sz3KgSCJWa
पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा में मंदिर के उद्घाटन से पहले बुधवार को पुरी के जगन्नाथ मंदिर के पुजारी राजेश द्वैतपति के नेतृत्व में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह शुरू हुआ. इस्कॉन के राधारमण दास और 57 अन्य सेवक तथा 17 साधु मौजूद थे. यज्ञ में कुल एक करोड़ नरसिंह मंत्र का जाप किया गया. मंगलवार को महायज्ञ और ध्वजारोहण के बाद मुख्यमंत्री ने बुधवार को मंदिर के कपाट आधिकारिक रूप से खोले. मंदिरबुधवार से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है.
उद्घाटन के दिन मंदिर परिसर में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी वहां मौजूद थीं. नचिकेता चक्रवर्ती और अदिति मुंशी समेत टोलीपाड़ा के कई प्रमुख कलाकार मौजूद थे. उद्घाटन से पहले ही दीघा में तीर्थयात्रियों और आगंतुकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था. स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा और प्रबंधन के लिए पुख्ता व्यवस्था की थी.
मंदिर के उद्घाटन के बाद सीएम ममता ने सोशल मीडिया पर मंदिर को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ के प्रथम दर्शन हृदय में अमिट रहेंगे. मूर्ति की पवित्र ज्योति से आत्मा तृप्त हो गई. मुझे आरती करने का सौभाग्य मिला और मैंने मां, माटी और मानुष पर ब्रह्मांड के स्वामी का आशीर्वाद मांगा."
A moment to be cherished forever.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 30, 2025
The first glimpse of Lord Jagannath enshrined in the Garbhagriha of the Jagannath Temple in Digha will remain etched in my heart.
I felt my spirit stir with the divine radiance emanating from the sacred idol. I had the privilege of performing… pic.twitter.com/EYLaTycYaN
सीएम ममता ने सोने की झाड़ू सौंपी
संयोग से, मुख्यमंत्री ममता ने उसी दिन इस्कॉन अधिकारियों को सोने की झाड़ू सौंपी. मंदिर में आरती करने के बाद उन्होंने झाड़ू राधारमण दास को सौंप दी. पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के मार्ग को सोने की झाड़ू से साफ करने की प्रथा है. मुख्यमंत्री ने पहले दीघा मंदिर के लिए सोने की झाड़ू के निर्माण के लिए अपने निजी कोष से 5 लाख 1 रुपये दान किए थे.
मंदिर में चार प्रवेश द्वार
उद्घाटन से पहले सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना इतना बड़ा काम पूरा नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि मंदिर के शीर्ष पर भगवान विष्णु का अष्टधातु नील चक्र है. चार प्रवेश द्वार हैं. इसमें गर्भगृह, नटमंदिर, भोजमंडप और अन्य आवश्यक मंडप हैं. पत्थर की मूर्तियों के साथ-साथ नीम की लकड़ी से बनी मूर्तियां भी हैं. मंदिर परिसर के चारों ओर 500 से अधिक पेड़ लगाए गए हैं. यह मंदिर हजारों वर्षों तक एक अद्भुत रचना रहेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, "मंदिर खुलने के बाद मेहमानों को प्रसाद भेजा जाएगा. धीरे-धीरे आम लोग मंदिर में प्रवेश करेंगे. जब मंदिर के पट खुलेंगे, तो वे जब चाहेंगे तब आएंगे. बगल में गज-पड़ा-खाजा बेचने वाली दुकान बनाई जा रही है. मुख्य मंदिर में झंडा फहराया गया है. मैंने सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी है, ताकि धीरे-धीरे पश्चिम बंगाल में सभी के घरों और भारत के प्रसिद्ध लोगों के घरों तक जगन्नाथ देव का प्रसाद और तस्वीरें पहुंचाई जा सकें."
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