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छत्तीसगढ़ का ऐसा गांव जहां बढ़ रही कुंवारों की संख्या, जानिए वजह - WATER CRISIS IN DHAMTARI

धमतरी के मोहलई गांव में लोग बेटी की शादी नहीं करना चाहते हैं. आखिर ऐसा क्यों है. पेश है संवाददाता अभिषेक मिश्रा की विशेष रिपोर्ट

Water Stopped Wedding In Dhamtari
धमतरी में पानी संकट से उपजी पीड़ा (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : April 13, 2025 at 7:26 PM IST

Updated : April 17, 2025 at 8:25 PM IST

7 Min Read

धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर बसा है मोहलई गांव. करीब 1500 की जनसंख्या है. इस गांव के बुजुर्गों को बस एक ही चिंता सताए जा रही है और वो है अपने बच्चों की शादी.

"पानी ने रोकी बेटों की शादी": धमतरी मोहलई गांव की साधना सोरी कहती हैं, ''शादी तय करने में दिक्कत आ रही है. हमारे गांव में कोई बेटी की शादी करना पसंद नहीं करते हैं. मां बाप को चिंता रहती है कि मेरे बेटे के लिए कोई लड़की नहीं मिल रही.''

ऐसा गांव जहां बढ़ रही कुंवारों की संख्या (ETV BHARAT)

"हमारे गांव में कोई शादी करना नहीं चाहता" गांव के ही टकेश्वर यादव कहते हैं कि ''मेरी शादी दस साल पहले हुई थी. मेरी तो शादी हो गई, लेकिन अब गांव में कोई शादी नहीं करना चाहता है.''

Water Crisis In Mohlai Village
पानी संकट और पीड़ा की कहानी (ETV BHARAT)

ईटीवी भारत की टीम ने की पड़ताल: मोहलई गांव में आखिर ऐसी कौनसी वजह है, जिसके चलते शादी नहीं हो रही है. यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम गांव पहुंची. इस गांव में हमारी टीम को सुबह से अलग ही नजारा दिखा. गांव के पुरुष सुबह से ही साइकिल में दो तीन डब्बे लेकर पानी की खोज में निकलते दिखाई दिए. वहीं गांव की बहन बेटियां भी पानी की जद्दोजहद में जुटी दिखाई दीं.

Asha Lata Gupta Engineer Of PHE Department
पीएचई विभाग की इंजीनियर आशा लता गुप्ता (ETV BHARAT)

"पानी की समस्या से जिंदगानी प्रभावित": ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में स्कूल, आंगनबाड़ी और दूसरी सुविधाएं तो हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत है पानी. गांव के सभी हैंडपम्प और बोरवेल सूखे हैं. पानी टैंकर से रोजाना सप्लाई का विकल्प बच जाता है. गांव में सुबह शाम जैसे ही टैंकर आता है, पानी की होड़ मच जाती है. महिला, बच्चे, बुजुर्ग सभी बाल्टी और डब्बे लेकर टैंकर की तरफ भागते हैं. ग्रामीणों ने यह तक कहा कि ''हमारा गांव पानी के लिए सुबह शाम बस दौड़ता भागता रहता है.''

CRISIS IN DHAMTARI MOHLAI VILLAGE
पानी की वजह से गांव में बेटों की नहीं हो रही शादी (ETV BHARAT)

ग्रामीण महिला साधना सोरी कहती हैं कि ''बोर खुदवाते हैं तो भी पानी नहीं निकलता. 80-90 हजार रुपए कौन बर्बाद करेगा. पीने के लिए पानी चाहिए. खाना बनाने के लिए भी पानी लगता है और निस्तारी के लिए भी.''

ग्रामीणों की बातों से यह समझ आया कि इस गांव में पानी की समस्या है, लेकिन गांव में कुंवारों की संख्या बढ़ने की वजह की पड़ताल अभी बाकी थी. इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमारी टीम ने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया. गांव की महिलाओं ने इसकी वजह बताई.

Villagers Of Mohlai Village In Dhamtari
धमतरी के मोहलाई गांव के ग्रामीण (ETV BHARAT)

"हमारे गांव में युवाओं की शादी नहीं हो रही": गांव की महिला साधना सोरी ने बताया कि हमारे गांव में शादी तय करने में दिक्कत आ रही है. पानी की समस्या को देखते हुए हमारे गांव में कोई बेटी की शादी करना पसंद नहीं करते हैं. मां बाप को चिंता रहती है कि मेरे बेटे के लिए कोई लड़की नहीं मिल रही. यहां पानी की समस्या इतनी ज्यादा है कि आसपास के सभी लोगों को पता चल गया है कि यहां पानी की दिक्कत है, इसलिए बेटी नहीं ब्याहते.

गांव के पुरुष भी कहते हैं कि पानी ही शादी नहीं होने के पीछे की असल वजह है. ग्रामीण उत्तम नेताम बताते हैं कि लोग अपनी बेटी ब्याहने तो तैयार हो जाते हैं, लेकिन जैसे ही पानी की समस्या सुनते हैं तो रिश्ता नहीं करते. यानी इस गांव की बेटियों की तो शादियां होती है लेकिन गांव में बहु नहीं आती.

लोग कहते हैं कि तुम्हारे गांव में पानी का टेंशन है. हमारे गांव में शादी होती तो है, लेकिन गांव की बेटियां ब्याही जाती हैं, गांव के बेटे कुंवारे ही हैं. कुंवारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है.- डिलेराम परते, ग्रामीण, मोहलई गांव, धमतरी

ग्रामीण बताते हैं कि जब पानी की समस्या विकराल होती गई तो हमने शासन प्रशासन से भी गुहार लगाई. पारस कोर्राम कहते हैं अधिकारियों से कई बार बोले हैं, सिर्फ आश्वासन मिलता है. स्कूल में भी पानी की समस्या है. हमारे क्षेत्र में वाटर लेवल भी काफी नीचे है. बोर भी फेल हो जाते हैं.

धमतरी गंगरेल बांध के पास है मोहलई गांव: मोहलई गांव छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध गंगरेल बांध के पास ही बसा है. गंगरैल बांध से छत्तीसगढ़ के आधे जिलों की प्यास बुझाई जाती है. अब सवाल यह है कि जब दूसरे जिलों में पानी पहुंचाया जा रहा है तो फिर गंगरेल बांध के नजदीक बसे इस गांव में पानी की समस्या क्यों हैं. इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने पीएचई विभाग के जिम्मेदारों से बातचीत की.

जल संसाधन विभाग का क्या है तर्क?: धमतरी पीएचई विभाग की ईई आशा लता गुप्ता कहती हैं कि यह इलाका गंगरेल डैम के पास तो है, लेकिन इस इलाके की भूगर्भीय संरचना ऐसी है कि यहां पानी की दिक्कत है. यहां पानी इकट्ठा नहीं होता है. आशा लता गुप्ता ने बताया कि तीन प्रकार की भूगर्भीय संरचना होती है. पहली एक्वीफर (Aquifer)होती है. यह ऐसा फार्मेशन है जो पानी सोखते भी हैं और पानी देते भी हैं.

दूसरा फॉर्मेशन एक्वीक्लूड फार्मेशन है, जो पानी ले तो लेते हैं किंतु पानी वापस नहीं देते हैं. आप उसमें हेंडपंप भी लगाएंगे तो पानी नहीं मिलता. वहां क्ले यानी मिट्टी का फार्मेशन होता है, वो पूरा पानी सोख लेता है. आप ट्यूबवेल लगाएंगे तो पानी आपके उपयोग के लिए नहीं मिलता है. -आशा लता गुप्ता, पीएचई विभाग, धमतरी

तीसरा फार्मेशन एक्वीफ्यूज होता है, जो ना तो पानी लेता है और ना ही पानी देता है. यह तीन भूगर्भीय संरचना है. गंगरेल डैम के पास का एरिया पथरीला या ग्रेनाइट वाला एरिया है जो ना तो पानी लेता है और ना पानी देता है. यही वजह है कि वहां पानी की समस्या है. - आशा लता गुप्ता, पीएचई विभाग, धमतरी

200 से ज्यादा गांवों में ऐसी समस्या: अधिकारी ने बताया कि अकेले मोहलई नहीं बल्कि करीब 236 गांवों में पानी की समस्या है. हमने एक योजना बनाई है, जिसके तहत गंगरेल डैम का सरफेस वॉटर लेंगे. बड़ी टंकियों से गांव की टंकियों को भरा जाएगा, फिर घरों में नल के जरिए पानी पहुंचेगा. यह करीब 350 करोड़ की योजना है. यह सिर्फ प्लानिंग के स्तर पर है. यह योजना स्वीकृत हो जाती है तो पानी की समस्या हल हो पाएगी.

बहरहाल सरकारी योजना प्लानिंग लेवल पर है लेकिन मोहलई गांव के लोगों की सुबह और शाम इसी पानी की प्लानिंग में गुजरती है कि काश कहीं से पानी का जुगाड़ हो जाए. गांव के कई युवा शादी की आस भी छोड़ चुके हैं. हालांकि ग्रामीणों को उम्मीद है कि एक दिन यह समस्या हल होगी और जैसे हमारे गांव की बेटियां दूसरे गांव में ब्याही जा रही है, वैसे ही दूसरे गांव की बेटियां भी हमारे गांव में शादी होकर आएंगी.

चंगाई सभा के नाम पर धर्मांतरण का आरोप, जांजगीर चांपा के बीडीएम अस्पताल चौक पर हंगामा

रिटायर्ड फौजी का गांव में ग्रैंड वेलकम, स्वागत में उमड़ा पूरा गांव

जेल में बंदियों के लिए मैडिटेशन सेशन,पुनर्वास की दिशा में बड़ी पहल

यहां वीर हनुमान की मूर्ति की बढ़ती हाइट को रोकने किया गया ये उपाय, हनुमान जयंती पर करें दिव्य दर्शनहर घर कुंए वाला गांव प्यासा, ग्रामीण पीने के पानी को तरसे, जानिए क्यों हुआ जलसंकट

धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर बसा है मोहलई गांव. करीब 1500 की जनसंख्या है. इस गांव के बुजुर्गों को बस एक ही चिंता सताए जा रही है और वो है अपने बच्चों की शादी.

"पानी ने रोकी बेटों की शादी": धमतरी मोहलई गांव की साधना सोरी कहती हैं, ''शादी तय करने में दिक्कत आ रही है. हमारे गांव में कोई बेटी की शादी करना पसंद नहीं करते हैं. मां बाप को चिंता रहती है कि मेरे बेटे के लिए कोई लड़की नहीं मिल रही.''

ऐसा गांव जहां बढ़ रही कुंवारों की संख्या (ETV BHARAT)

"हमारे गांव में कोई शादी करना नहीं चाहता" गांव के ही टकेश्वर यादव कहते हैं कि ''मेरी शादी दस साल पहले हुई थी. मेरी तो शादी हो गई, लेकिन अब गांव में कोई शादी नहीं करना चाहता है.''

Water Crisis In Mohlai Village
पानी संकट और पीड़ा की कहानी (ETV BHARAT)

ईटीवी भारत की टीम ने की पड़ताल: मोहलई गांव में आखिर ऐसी कौनसी वजह है, जिसके चलते शादी नहीं हो रही है. यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम गांव पहुंची. इस गांव में हमारी टीम को सुबह से अलग ही नजारा दिखा. गांव के पुरुष सुबह से ही साइकिल में दो तीन डब्बे लेकर पानी की खोज में निकलते दिखाई दिए. वहीं गांव की बहन बेटियां भी पानी की जद्दोजहद में जुटी दिखाई दीं.

Asha Lata Gupta Engineer Of PHE Department
पीएचई विभाग की इंजीनियर आशा लता गुप्ता (ETV BHARAT)

"पानी की समस्या से जिंदगानी प्रभावित": ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में स्कूल, आंगनबाड़ी और दूसरी सुविधाएं तो हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत है पानी. गांव के सभी हैंडपम्प और बोरवेल सूखे हैं. पानी टैंकर से रोजाना सप्लाई का विकल्प बच जाता है. गांव में सुबह शाम जैसे ही टैंकर आता है, पानी की होड़ मच जाती है. महिला, बच्चे, बुजुर्ग सभी बाल्टी और डब्बे लेकर टैंकर की तरफ भागते हैं. ग्रामीणों ने यह तक कहा कि ''हमारा गांव पानी के लिए सुबह शाम बस दौड़ता भागता रहता है.''

CRISIS IN DHAMTARI MOHLAI VILLAGE
पानी की वजह से गांव में बेटों की नहीं हो रही शादी (ETV BHARAT)

ग्रामीण महिला साधना सोरी कहती हैं कि ''बोर खुदवाते हैं तो भी पानी नहीं निकलता. 80-90 हजार रुपए कौन बर्बाद करेगा. पीने के लिए पानी चाहिए. खाना बनाने के लिए भी पानी लगता है और निस्तारी के लिए भी.''

ग्रामीणों की बातों से यह समझ आया कि इस गांव में पानी की समस्या है, लेकिन गांव में कुंवारों की संख्या बढ़ने की वजह की पड़ताल अभी बाकी थी. इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमारी टीम ने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया. गांव की महिलाओं ने इसकी वजह बताई.

Villagers Of Mohlai Village In Dhamtari
धमतरी के मोहलाई गांव के ग्रामीण (ETV BHARAT)

"हमारे गांव में युवाओं की शादी नहीं हो रही": गांव की महिला साधना सोरी ने बताया कि हमारे गांव में शादी तय करने में दिक्कत आ रही है. पानी की समस्या को देखते हुए हमारे गांव में कोई बेटी की शादी करना पसंद नहीं करते हैं. मां बाप को चिंता रहती है कि मेरे बेटे के लिए कोई लड़की नहीं मिल रही. यहां पानी की समस्या इतनी ज्यादा है कि आसपास के सभी लोगों को पता चल गया है कि यहां पानी की दिक्कत है, इसलिए बेटी नहीं ब्याहते.

गांव के पुरुष भी कहते हैं कि पानी ही शादी नहीं होने के पीछे की असल वजह है. ग्रामीण उत्तम नेताम बताते हैं कि लोग अपनी बेटी ब्याहने तो तैयार हो जाते हैं, लेकिन जैसे ही पानी की समस्या सुनते हैं तो रिश्ता नहीं करते. यानी इस गांव की बेटियों की तो शादियां होती है लेकिन गांव में बहु नहीं आती.

लोग कहते हैं कि तुम्हारे गांव में पानी का टेंशन है. हमारे गांव में शादी होती तो है, लेकिन गांव की बेटियां ब्याही जाती हैं, गांव के बेटे कुंवारे ही हैं. कुंवारों की संख्या भी बढ़ती जा रही है.- डिलेराम परते, ग्रामीण, मोहलई गांव, धमतरी

ग्रामीण बताते हैं कि जब पानी की समस्या विकराल होती गई तो हमने शासन प्रशासन से भी गुहार लगाई. पारस कोर्राम कहते हैं अधिकारियों से कई बार बोले हैं, सिर्फ आश्वासन मिलता है. स्कूल में भी पानी की समस्या है. हमारे क्षेत्र में वाटर लेवल भी काफी नीचे है. बोर भी फेल हो जाते हैं.

धमतरी गंगरेल बांध के पास है मोहलई गांव: मोहलई गांव छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध गंगरेल बांध के पास ही बसा है. गंगरैल बांध से छत्तीसगढ़ के आधे जिलों की प्यास बुझाई जाती है. अब सवाल यह है कि जब दूसरे जिलों में पानी पहुंचाया जा रहा है तो फिर गंगरेल बांध के नजदीक बसे इस गांव में पानी की समस्या क्यों हैं. इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने पीएचई विभाग के जिम्मेदारों से बातचीत की.

जल संसाधन विभाग का क्या है तर्क?: धमतरी पीएचई विभाग की ईई आशा लता गुप्ता कहती हैं कि यह इलाका गंगरेल डैम के पास तो है, लेकिन इस इलाके की भूगर्भीय संरचना ऐसी है कि यहां पानी की दिक्कत है. यहां पानी इकट्ठा नहीं होता है. आशा लता गुप्ता ने बताया कि तीन प्रकार की भूगर्भीय संरचना होती है. पहली एक्वीफर (Aquifer)होती है. यह ऐसा फार्मेशन है जो पानी सोखते भी हैं और पानी देते भी हैं.

दूसरा फॉर्मेशन एक्वीक्लूड फार्मेशन है, जो पानी ले तो लेते हैं किंतु पानी वापस नहीं देते हैं. आप उसमें हेंडपंप भी लगाएंगे तो पानी नहीं मिलता. वहां क्ले यानी मिट्टी का फार्मेशन होता है, वो पूरा पानी सोख लेता है. आप ट्यूबवेल लगाएंगे तो पानी आपके उपयोग के लिए नहीं मिलता है. -आशा लता गुप्ता, पीएचई विभाग, धमतरी

तीसरा फार्मेशन एक्वीफ्यूज होता है, जो ना तो पानी लेता है और ना ही पानी देता है. यह तीन भूगर्भीय संरचना है. गंगरेल डैम के पास का एरिया पथरीला या ग्रेनाइट वाला एरिया है जो ना तो पानी लेता है और ना पानी देता है. यही वजह है कि वहां पानी की समस्या है. - आशा लता गुप्ता, पीएचई विभाग, धमतरी

200 से ज्यादा गांवों में ऐसी समस्या: अधिकारी ने बताया कि अकेले मोहलई नहीं बल्कि करीब 236 गांवों में पानी की समस्या है. हमने एक योजना बनाई है, जिसके तहत गंगरेल डैम का सरफेस वॉटर लेंगे. बड़ी टंकियों से गांव की टंकियों को भरा जाएगा, फिर घरों में नल के जरिए पानी पहुंचेगा. यह करीब 350 करोड़ की योजना है. यह सिर्फ प्लानिंग के स्तर पर है. यह योजना स्वीकृत हो जाती है तो पानी की समस्या हल हो पाएगी.

बहरहाल सरकारी योजना प्लानिंग लेवल पर है लेकिन मोहलई गांव के लोगों की सुबह और शाम इसी पानी की प्लानिंग में गुजरती है कि काश कहीं से पानी का जुगाड़ हो जाए. गांव के कई युवा शादी की आस भी छोड़ चुके हैं. हालांकि ग्रामीणों को उम्मीद है कि एक दिन यह समस्या हल होगी और जैसे हमारे गांव की बेटियां दूसरे गांव में ब्याही जा रही है, वैसे ही दूसरे गांव की बेटियां भी हमारे गांव में शादी होकर आएंगी.

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Last Updated : April 17, 2025 at 8:25 PM IST
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