करीमनगरः तेलंगाना के करीमनगर में किसान इन दिनों आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. वजह, बारिश नहीं होने से उनके खेत सूखे पड़े हैं. फसल की तैयारी अधर में है. परेशान किसान बारिश के लिए टोटका कर रहे हैं. यहां किसान मेंढकों की पूजा रहे हैं, ताकि इंद्रदेव प्रसन्न हों और बारिश हो जाए. 5G के जमाने में यह दृश्य भले ही अजीब लगे, लेकिन इसके पीछे किसानों की व्यथा है.
बारिश क्यों है जरूरीः भारत कृषि प्रधान देश है. यहां की बड़ी आबादी आज भी खेती पर निर्भर है. और किसानों की खेती मौसम पर निर्भर करती है. यह, कहा जा सकता है कि आज भी खेती में मानसून की भूमिका सबसे अधिक है. धान, कपास, दालें जैसी कई प्रमुख फसलें पूरी तरह से बारिश पर निर्भर होती हैं. बारिश अच्छी हो तो किसान की मेहनत रंग लाती है, लेकिन अगर मानसून धोखा दे जाए तो उसकी पूरी साल की कमाई खतरे में पड़ जाती है.
पारंपरिक त्योहार है 'कप्पाथल्ली' खेल: इस साल मानसून समय से पहले दस्तक दिया था. उम्मीद की जा रही थी कि अच्छी बारिश होगी. लेकिन, अबतक कई हिस्सों में बारिश शुरू नहीं हो सकी है. मानसून के मौसम में बारिश न होने के कारण करीमनगर जिले के हुजुराबाद मंडल के पेड्डापापय्यापल्ली में किसानों ने एक प्राचीन पारंपरिक त्योहार मनाया. उन्होंने बारिश लाने के लिए कप्पाथल्ली खेल खेला. उसके लिए विशेष प्रार्थना की गई.
परंपरा आज भी जीवितः हमारे देश में कई रीति-रिवाज़ और परंपराएं हैं. कुछ को भुला दिया गया है, जबकि कुछ को आज भी निभाया जा रहा है. ये कप्पाथल्ली खेल उसी श्रेणी में आते हैं. करीमनगर जिले के हुजुराबाद मंडल के पेड्डापापय्यापल्ली में ग्रामीणों द्वारा इस उत्सव का आयोजन किया गया. आइए जानते हैं कि इस उत्सव में क्या खास है और कैसे मनाया जाता है.
कैसे करते हैं मेढ़क की पूजाः गांव वालों ने मेंढकों को एक कपड़े में बांधा. उसे एक लकड़ी के जुए पर बांधकर सड़कों पर घुमाया. इसके बाद गांव के सभी घर के लोगों ने मेंढकों पर पानी डाला गया और उसका अभिषेक किया. उन्होंने बारिश और भरपूर फसल की कामना की. गांव वालों ने बताया कि ये प्रार्थनाएं प्राचीन काल से परंपरा के तौर पर की जाती रही हैं. उन्हें विश्वास है कि ऐसा करने से बारिश होगी.
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