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विजयपुरा नगर निगम: संपत्ति घोषित न करने पर सभी 35 सदस्य अयोग्य घोषित - VIJAYAPURA MUNICIPAL CORPORATION

विजयपुरा के रीजनल कमीश्नर एसबी शेट्टेन्नावर ने विजयपुरा नगर निगम के सभी 35 सदस्यों अयोग्य घोषित कर दिया है.

Vijayapura
विजयपुरा नगर निगम के सभी 35 सदस्य अयोग्य घोषित (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : March 26, 2025 at 9:35 PM IST

2 Min Read

बेंगलुरु: कर्नाटक के विजयपुरा के रीजनल कमीश्नर एसबी शेट्टेन्नावर ने विजयपुरा नगर निगम के सभी 35 सदस्यों को उनकी संपत्ति घोषणा दस्तावेज जमा न करने के कारण अयोग्य घोषित करने का आदेश जारी किया है. विजयपुरा को नगर निगम में अपग्रेड किए जाने के बाद अक्टूबर 2022 में 35 वार्डों के लिए चुनाव हुए थे.

चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 17 सीटें हासिल कीं, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 10 सीटें जीतीं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) 2 सीटें जीतने में सफल रही, और जनता दल (सेक्युलर) ने 1 सीट हासिल की.इसके अलावा, 5 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुने गए थे.

बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद, मेयर और डिप्टी मेयर आरक्षण पर कानूनी विवादों के कारण शुरुआती चरण में सत्ता हासिल नहीं कर सकी. इन पदों के लिए चुनाव 14 महीने की देरी से हुए थे.

हालांकि, कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इसने निगम पर नियंत्रण हासिल कर लिया और मंत्री एमबी पाटिल ने इस क्षेत्र में पार्टी के प्रयासों का नेतृत्व किया, जिससे स्थानीय भाजपा नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को झटका लगा. कांग्रेस ने सत्ता संभाली और 9 जनवरी, 2024 को कांग्रेस उम्मीदवार महजबीन होरती महापौर चुनी गईं और दिनेश हल्ली उप महापौर बने.

एमएस कराडी को महापौर चुना गया
कांग्रेस ने आरक्षण नियमों के अनुसार 27 जनवरी, 2025 को इन पदों के लिए नए चुनाव कराए जाने से पहले एक साल तक शासन किया. इसके बाद एमएस कराडी को नया महापौर चुना गया, और भाजपा समर्थित सुमित्रा जाधव उप महापौर बनीं.

कोर्ट में रिट याचिका दायर
कानूनी चुनौती और अयोग्यतापूर्व कांग्रेस सदस्य मैनुद्दीन बीलागी और भाजपा सदस्य प्रकाश मिर्जी ने रिट याचिका दायर कर दावा किया कि सभी निगम सदस्य नगर प्रशासन नियमों के तहत निर्धारित प्रारूप में संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं. इसके बाद हाई कोर्ट ने याचिकाओं की समीक्षा की और निर्देश दिया कि पहले महापौर चुनाव संपन्न कराए जाएं और अयोग्यता का निर्णय सरकार पर छोड़ दिया. इसके बाद नए मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ.

25 मार्च 2025 को हाई कोर्ट ने सदस्यों द्वारा संपत्ति का ब्योरा न दिए जाने पर रिपोर्ट देने के लिए समयसीमा तय की. नतीजतन, क्षेत्रीय आयुक्त एसबी शेट्टेअन्नावर ने नगर निगम के सभी 35 सदस्यों को अयोग्य घोषित कर दिया.

यह भी पढे़ं- स्कूल के छात्रों ने दृष्टि बाधित लोगों के लिए बनाए स्मार्ट जूते, ठोकर खाने से पहले बजेगा बजर

बेंगलुरु: कर्नाटक के विजयपुरा के रीजनल कमीश्नर एसबी शेट्टेन्नावर ने विजयपुरा नगर निगम के सभी 35 सदस्यों को उनकी संपत्ति घोषणा दस्तावेज जमा न करने के कारण अयोग्य घोषित करने का आदेश जारी किया है. विजयपुरा को नगर निगम में अपग्रेड किए जाने के बाद अक्टूबर 2022 में 35 वार्डों के लिए चुनाव हुए थे.

चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 17 सीटें हासिल कीं, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 10 सीटें जीतीं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) 2 सीटें जीतने में सफल रही, और जनता दल (सेक्युलर) ने 1 सीट हासिल की.इसके अलावा, 5 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुने गए थे.

बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद, मेयर और डिप्टी मेयर आरक्षण पर कानूनी विवादों के कारण शुरुआती चरण में सत्ता हासिल नहीं कर सकी. इन पदों के लिए चुनाव 14 महीने की देरी से हुए थे.

हालांकि, कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इसने निगम पर नियंत्रण हासिल कर लिया और मंत्री एमबी पाटिल ने इस क्षेत्र में पार्टी के प्रयासों का नेतृत्व किया, जिससे स्थानीय भाजपा नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को झटका लगा. कांग्रेस ने सत्ता संभाली और 9 जनवरी, 2024 को कांग्रेस उम्मीदवार महजबीन होरती महापौर चुनी गईं और दिनेश हल्ली उप महापौर बने.

एमएस कराडी को महापौर चुना गया
कांग्रेस ने आरक्षण नियमों के अनुसार 27 जनवरी, 2025 को इन पदों के लिए नए चुनाव कराए जाने से पहले एक साल तक शासन किया. इसके बाद एमएस कराडी को नया महापौर चुना गया, और भाजपा समर्थित सुमित्रा जाधव उप महापौर बनीं.

कोर्ट में रिट याचिका दायर
कानूनी चुनौती और अयोग्यतापूर्व कांग्रेस सदस्य मैनुद्दीन बीलागी और भाजपा सदस्य प्रकाश मिर्जी ने रिट याचिका दायर कर दावा किया कि सभी निगम सदस्य नगर प्रशासन नियमों के तहत निर्धारित प्रारूप में संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं. इसके बाद हाई कोर्ट ने याचिकाओं की समीक्षा की और निर्देश दिया कि पहले महापौर चुनाव संपन्न कराए जाएं और अयोग्यता का निर्णय सरकार पर छोड़ दिया. इसके बाद नए मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ.

25 मार्च 2025 को हाई कोर्ट ने सदस्यों द्वारा संपत्ति का ब्योरा न दिए जाने पर रिपोर्ट देने के लिए समयसीमा तय की. नतीजतन, क्षेत्रीय आयुक्त एसबी शेट्टेअन्नावर ने नगर निगम के सभी 35 सदस्यों को अयोग्य घोषित कर दिया.

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