नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मंगलवार को हिंदुओं के खिलाफ घटनाओं की सूची जारी की और इसे लेकर रोष जताया. विहिप का दावा है कि हिंदुओं के खिलाफ सैकड़ों हमले हुए हैं और सरकार से सख्त नियम बनाने की भी मांग की है.
विश्व हिंदू परिषद ने आरोप लगाया है कि विशेष समुदाय के असामाजिक तत्व हिंदू समाज, उनके उत्सवों और मंदिरों पर लगातार हमले कर रहे हैं. इन हमलों की सूची जारी करते हुए विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि इन सूचियों से सिद्ध होता है कि विशेष समुदाय आक्रांता है, पीड़ित नहीं.
भारत की कथित सेक्युलर पार्टियों और नेताओं को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि वे सत्ता के मोह में इन असामाजिक तत्वों को भड़का रहे हैं और उनकी हिंसक प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. साथ ही देश को गृह युद्ध की दिशा में ले जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जबकि, ऐसे असामाजिक तत्वों को संरक्षण नहीं, सबक सिखाने की जरूरत है.
सुरेंद्र जैन ने आरोप लगाया कि 300 से अधिक घटनाओं की सूची केवल जनवरी 2023 से 2024 की छठ पूजा तक के हमलों और अत्याचारों की है. इस अवधि में हुए अत्याचारों और हमलों का यह केवल 10वां हिस्सा है. इन हमलों की बर्बरता व क्रूरता अमानवीय है.
साथ ही वीएचपी का आरोप है कि विशेष समुदाय की अमानवीय घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है. विहिप ने आरोप लगाया कि चाहे हमास के हमले हों या बांग्लादेशी जेहादियों के, चाहे कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार हो या बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे हमले, इन सब में क्रूरता का एक ही मॉड्यूल नजर आया है जो किसी साजिश के तहत किया गया लगता है और सरकार को इन घटनाओं की गहनता से जांच करवाने की जरूरत है.
सुरेंद्र जैन ने ऐसी घटनाओं को एक तरह का फोबिया बताया. उन्होंने कहा कि विशेष समुदाय के नेता जिस प्रकार की मारने-काटने की धमकियां हिंदू समाज को दे रहे हैं, वह उनकी मानसिकता को दर्शाता है. लेकिन, उन पर सेक्युलर बिरादरी की चुप्पी घोर आश्चर्यजनक है.
विहिप ने सवाल किया कि कितने मौलानाओं ने इन अपराधियों के खिलाफ फतवा जारी किया है? क्यों न यह माना जाए कि कश्मीर नरसंहार से लेकर हमास, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हो रही बर्बरता तक इन सबकी मिलीभगत से हो रही है? उन्होंने कहा कि विहिप विशेष समुदाय के धर्मगुरुओं के भड़काऊ बयानों का अध्ययन कर रही है. जिनपर विहिप कानूनी कार्यवाही कर सकती है.
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