देहरादून(रोहित सोनी): उत्तराखंड सरकार प्रदेश में वेडिंग डेस्टिनेशन को प्रमोट कर रही है. इसके लिए मौजूदा वेडिंग डेस्टिनेशन्स को डेवलप किया जा रहा है. साथ ही नए वेडिंग डेस्टिनेशन्स को चिन्हित कर उसे भी विकसित किया जा रहा है. इसके लिए पर्यटन विभाग ने एक रोडमैप तैयार किया है. जिसके तहत उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट किया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश में वेडिंग डेस्टिनेशन का संचालन बेहतर ढंग से हो सके इसके लिए ऑपरेशनल गाइडलाइन भी तैयार की जा रही है.
उत्तराखंड राज्य विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही अलग-अलग प्रयासों पर जोर दे रही है. इसी में वेडिंग डेस्टिनेशन पहल भी शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्तराखंड राज्य में वेडिंग को लेकर देश की जनता से आग्रह कर चुके हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार अब इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. जिससे इस पहल के जरिए स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही राज्य की आर्थिकी भी बढ़ाई जा सके.
उत्तराखंड में वेडिंग के लिहाज से तमाम ऐसे खूबसूरत क्षेत्र हैं जिन्हें वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में डेवलप किया जा सकता है. वर्तमान समय में त्रिजुगीनारायण मंदिर वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए देश विदेश में विख्यात है. इस मंदिर की पौराणिक मान्यताएं हैं. हर साल सैकड़ों की संख्या में यहां शादियां होती हैं. ऐसे में उत्तराखंड सरकार तमाम अन्य धार्मिक और पौराणिक मान्यता वाले मंदिरों के साथ ही ऐसे स्थानों को चिन्हित करने पर जोर दे रही है जिन्हें वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में डेवलप किया जा सकता है.
आज Make in India जैसा ही एक मूवमेंट Wed in India का भी होना चाहिए। pic.twitter.com/8QyodzIGJk
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2023
उत्तराखंड में वेडिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा दिए जाने को लेकर पर्यटन विभाग ने रोड में भी तैयार कर लिया है. इस रोड मैप के तहत तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चरणबद्ध तरीकों से काम किया जाएगा. जिसमें प्रदेश में वेडिंग के लिए डेस्टिनेशन का चयन करना, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, प्रचार प्रसार समेत तमाम बिंदु शामिल हैं. पर्यटन विभाग की कोशिश है कि इस पहल के जरिए लोकल स्तर पर रोजगार पैदा किया जा सके. इसके साथ ही इसमें पर्यावरण संरक्षित करते हुए वेडिंग डेस्टिनेशन को डेवलप करना अहम है. स्थानीय व्यवसाय में बढ़ोतरी करना इसके साथ ही अपने धार्मिक और सांस्कृतिक रीति रिवाज को भी प्रमोट करना इस रोड मैप में शामिल है.

वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए पर्यटन विभाग का रोड मैप
- प्रदेश में बुनियादी ढांचों (रोड कनेक्टिविटी, एयर सर्विस, इंटरनेट कनेक्टीविटी) पर जोर.
- प्रदेश में वेडिंग डेस्टिनेशन का चिन्हीकरण.
- वेडिंग से जुड़े स्टेक होल्डर्स से बातचीत कर सुझाव लेना.
- वेडिंग डेस्टिनेशन क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट.
- वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए ऑपरेशनल गाइडलाइन तैयार करना.
- सिंगल विंडो पोर्टल डेवलप करना.
- वेडिंग डेस्टिनेशन का प्रचार प्रसार करना.
- स्थानीय परंपराओं और पर्यावरण पर ध्यान देना.
- वेडिंग टूरिज्म डेस्टिनेशन कमेटी का गठन करना.
पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान समय में पर्यटन विभाग प्रदेश में बुनियादी ढांचों पर जोर दे रहा है. जिसमें रोड कनेक्टिविटी, हेली सेवा और इंटरनेट कनेक्टिविटी शामिल है. इसके बाद प्रदेश में पहले से ही चिन्हित वेडिंग डेस्टिनेशन को डेवलप करने के साथ ही नए डेस्टिनेशन को चिन्हित कर उसे वेडिंग के लिहाज से डेवलप किया जाएगा. वर्तमान समय में रामनगर, मसूरी, त्रियुगीनारायण समेत अन्य ऐसे तमाम स्थान हैं जहां वर्तमान समय में शादियां होती हैं. ऐसे में पर्यटन विभाग, चितई गोलजू, ओंकारेश्वर, धनौल्टी, चूका (चंपावत) समेत अन्य जिलों में वेडिंग के लिए डेस्टिनेशन का चिन्हीकरण किया जा रहा है.

पर्यटन विभाग तमाम में वेडिंग डेस्टिनेशन को चिन्हित करने के साथ ही इस बात पर विशेष जोर दे रहा है कि वेडिंग के लिए कौन-कौन सी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत होती है? उसके लिए स्टेक होल्डर से बातचीत कर उनके सुझावों को अपने रोडमैप में शामिल किया जा रहा है. पर्यटन विभाग, सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप करने जा रहा है. जिसके तहत एक ऐसा पोर्टल बनाया जाएगा, जहां लोग वेडिंग के लिए आसानी से बुकिंग कर सकेंगे. इस सिंगल विंडो सिस्टम में फीडबैक और शिकायत दर्ज करने का भी ऑप्शन होगा. इसके साथ ही टूरिज्म सचिव की अध्यक्षता में वेडिंग टूरिज्म डेस्टिनेशन कमेटी का भी गठन किया जाएगा.

उत्तराखंड वेडिंग डेस्टिनेशन को लेकर वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप राणा ने कहा-
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और आय को बढ़ाने के लिए इस तरह के पहल करनी पड़ेगी. ऐसे में उत्तराखंड सरकार प्रदेश में वेडिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है तो यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन उत्तराखंड सरकार को इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि इस पर्वतीय राज्य में कई पर्यावरणीय व्यवस्थाएं भी हैं जिनका ध्यान में रखते हुए नियम बनाया जाएं, ताकि चीजें व्यवस्थित रह सके. इसके साथ ही कुछ साल पहले औली में हुई गुप्ता बंधुओं की शादी के बाद जो गंदगी का माहौल बना था, वह चीज भविष्य में ना हो, इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए
कुलदीप राणा,वरिष्ठ पत्रकार

कुलदीप राणा ने कहा कि वर्तमान समय में वेडिंग के लिए त्रियुगीनारायण काफी अधिक प्रसिद्ध है. इसके साथ ही, पंच प्रयाग, गंगा तट, ऋषिकेश, चौपता, औली, गुप्तकाशी, रामनगर, मसूरी, देहरादून, अल्मोड़ा, धनौल्टी, कौसानी, रानीखेत, नैनीताल समेत तमाम स्थान और धार्मिक स्थल हैं जहां वेडिंग की जा सकती है. भारतीय सनातन परंपराओं में विवाह सिर्फ एक सामाजिक आयोजन नहीं है बल्कि एक धार्मिक आयोजन भी माना जाता है. सनातन धर्म में वर को नारायण और वधू को लक्ष्मी माना जाता है. यही वजह है कि जो परंपराएं और मान्यताएं हैं इस आधार पर आज भी शादियां संपन्न कराई जाती हैं. ऐसे में सरकार वेडिंग डेस्टिनेशन को प्रमोट करें लेकिन एक ऐसा नियम भी बनाएं जिसे पर्यावरण प्रदूषण न हो.

वेडिंग डेस्टिनेशन के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां गंगा के मायके के मुखबा से सभी देशवासियों से उत्तराखंड में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए अपील की थी. उसके अनुरूप राज्य सरकार योजना बना रही है की कुछ नए स्थान जो हर दृष्टि से ठीक हो उसको वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में डेवलप किया जाये. इसके साथ ही वेडिंग इवेंट्स यानी स्टेक होल्डर्स के साथ भी बैठक की जाएगी. उनसे सुझाव लिया जाएगा. उत्तराखंड में अच्छा मौसम, अच्छा पर्यावरण है, ऐसे में जो प्रदेश में सबसे उपयुक्त स्थान पाया जाएगा वहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही वेडिंग को बढ़ाया जाएगा.

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा प्रदेश में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, जिस पर काम चल रहा है. वेडिंग साल के कुछ महीनों में ही होता है, ऐसे में सरकार वेडिंग डेस्टिनेशन के साथ-साथ इसे कॉर्पोरेट डेस्टिनेशन भी बनाया जाएगा. वेडिंग के लिए तमाम जगहों को भी देखा गया है जिसे डेवलप किया जा रहा है. इसके साथ ही होटल व्यवसायियों के साथ भी उनकी बातचीत हुई है.

त्रियुगीनारायण में इतनी शादियां हो रही हैं कि आने वाले समय में लोगों को शादियों की बुकिंग के लिए स्टॉल भी नहीं मिलेंगे. इसके अलावा रामनगर, मसूरी, देहरादून समेत अन्य जगहों पर भी शादियां हो रही हैं. जिसको देखते हुए होटल व्यवसायियों से कहा गया है कि वह अपने आपको अपग्रेड करें, साथ ही लोकल व्यंजन का भी प्रचार- प्रसार करें. पर्यटन विभाग की ओर से कुछ लोकल पेस्ट्री को प्रमोट किया गया है. जिसमें गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी और शिवधर पेस्ट्री शामिल हैं. उन्होंने कहा सरकार की कोशिश है कि स्थानीय व्यंजनों का जमकर प्रचार प्रसार हो, जिससे देवभूमि उत्तराखंड, वेडिंग डेस्टिनेशन बने.
सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री
इस पूरे मामले पर कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने कहा उत्तराखंड राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वेडिंग डेस्टिनेशन काफी अच्छी साबित हो सकती है. सरकार को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि अगर वह वेडिंग डेस्टिनेशन पर जोर दे रहे हैं तो उसको आगे बढ़ाएं, लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि सिस्टम की कमी की वजह से योजना या फिर पहल आगे नहीं बढ़ पाती है. ऐसे में राज्य सरकार को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है.
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