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सिविल सेवक सत्ता का नहीं, सेवा का अधिकारी बनकर करें काम, सत्ता विशेषाधिकार नहीं, एक जिम्मेदारी है- शेखावत - IAS PROFESSIONAL COURSE

मसूरी आईएएस प्रोफेशनल कोर्स फेज-वन के समापन समारोह में बोले केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, शात्री जी के आदर्शों से लें प्रेरणा

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केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रशिक्षु आईएएस को दिए टिप्स (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 18, 2025 at 12:19 PM IST

3 Min Read

मसूरी: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मसूरी आईएएस प्रोफेशनल कोर्स फेज-वन के समापन समारोह में शिरकत की. उन्होंने इस मौके पर कहा कि सत्ता कोई विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि एक जिम्मेदारी है. इसलिए एक सिविल सेवक को सत्ता का नहीं, बल्कि सेवा का अधिकारी बनकर काम करना चाहिए.

आईएएस प्रोफेशनल कोर्स फेज-वन का समापन: गुरुवार को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में आईएएस प्रोफेशनल कोर्स फेज-वन के समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अकादमी से विदाई के साथ आप अब उस मार्ग पर अग्रसर हो चुके हैं, जहां केवल योग्यता ही नहीं, बल्कि संवेदनशीलता, विवेक और सतत प्रतिबद्धता की भी आवश्यकता होती है. क्योंकि आपके निर्णय केवल कागजों तक सीमित नहीं होंगे, बल्कि करोड़ों जिंदगियों को दिशा देंगे. कभी एक छात्र के भविष्य को, कभी एक किसान की उम्मीदों को तो कभी एक महिला की सुरक्षा को. यह कार्य सिर्फ नौकरी नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र-निर्माण की साधना है.

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आईएएस को पुरस्कार देते केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Photo- ETV Bharat)

केंद्रीय मंत्री शेखावत बोले- सत्ता विशेषाधिकार नहीं,एक जिम्मेदारी है: केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सरकार की योजनाएं तभी सफल होती हैं, जब उन्हें जमीनी स्तर पर सही दिशा में कार्यान्वित किया जाए. उस दिशा के निर्धारक सिविल सेवक होते हैं. उनकी भूमिका नीति और जनता के बीच की वह कड़ी होती है, जो जन-आकांक्षाओं को साकार करती है. उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास अर्जित करना कठिन होता है, लेकिन उसे बनाए रखना उससे भी अधिक कठिन होता है. यह तब संभव हो पाता है, जब सत्ता को विशेषाधिकार के रूप में नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में लिया जाता है.

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एलबीएस आईएएस अकादमी में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Photo- ETV Bharat)

श्रेष्ठ प्रशासक की पहचान सुनने की क्षमता से होती है: केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि एक अच्छे प्रशासक की पहचान उसके निर्णयों से होती है, लेकिन एक श्रेष्ठ प्रशासक की पहचान उसकी सुनने की क्षमता से होती है. उन्होंने कहा कि जब एक सिविल सेवक किसी गांव की पंचायत में बैठकर किसी वृद्ध महिला की पीड़ा को समझता है, तभी सही मायनों में वह लोकसेवक कहलाता है.

शास्त्री जी के आदर्शों से लें प्रेरणा: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर है, जिनके आदर्शों से प्रेरणा लेने की जरूरत है. शास्त्री जी का जीवन हमें सिखाता है कि सादगी, सत्यनिष्ठा और सेवा के बल पर भी देश की सबसे बड़ी जिम्मेदारियां निभाई जा सकती हैं. शेखावत ने कहा कि आने वाले महीनों और वर्षों में जब आपके समक्ष चुनौतियां होंगी, तो उन क्षणों में इस राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी परिसर का स्मरण जरूर करें और इसके आदर्शों से ली गई प्रेरणा को महसूस करें.

आईएएस का बैज सत्ता का नहीं, बल्कि सेवा का प्रतीक: शेखावत ने कहा कि प्रक्रिया से पहले लोगों का ध्यान रखें. दिखावे से पहले परिणाम और अहंकार से पहले सहानुभूति का भाव दिखाएं, क्योंकि आईएएस का बैज सत्ता का नहीं, बल्कि सेवा का प्रतीक है, जो लोगों के साथ उसके अनुबंध को दर्शाता है.
ये भी पढ़ें: विभागों में अधिकारियों कर्मचारियों की लगेगी बायोमेट्रिक हाजिरी, IAS अफसरों को देना होगा संपत्ति का ब्योरा

मसूरी: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मसूरी आईएएस प्रोफेशनल कोर्स फेज-वन के समापन समारोह में शिरकत की. उन्होंने इस मौके पर कहा कि सत्ता कोई विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि एक जिम्मेदारी है. इसलिए एक सिविल सेवक को सत्ता का नहीं, बल्कि सेवा का अधिकारी बनकर काम करना चाहिए.

आईएएस प्रोफेशनल कोर्स फेज-वन का समापन: गुरुवार को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में आईएएस प्रोफेशनल कोर्स फेज-वन के समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अकादमी से विदाई के साथ आप अब उस मार्ग पर अग्रसर हो चुके हैं, जहां केवल योग्यता ही नहीं, बल्कि संवेदनशीलता, विवेक और सतत प्रतिबद्धता की भी आवश्यकता होती है. क्योंकि आपके निर्णय केवल कागजों तक सीमित नहीं होंगे, बल्कि करोड़ों जिंदगियों को दिशा देंगे. कभी एक छात्र के भविष्य को, कभी एक किसान की उम्मीदों को तो कभी एक महिला की सुरक्षा को. यह कार्य सिर्फ नौकरी नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र-निर्माण की साधना है.

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आईएएस को पुरस्कार देते केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Photo- ETV Bharat)

केंद्रीय मंत्री शेखावत बोले- सत्ता विशेषाधिकार नहीं,एक जिम्मेदारी है: केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सरकार की योजनाएं तभी सफल होती हैं, जब उन्हें जमीनी स्तर पर सही दिशा में कार्यान्वित किया जाए. उस दिशा के निर्धारक सिविल सेवक होते हैं. उनकी भूमिका नीति और जनता के बीच की वह कड़ी होती है, जो जन-आकांक्षाओं को साकार करती है. उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास अर्जित करना कठिन होता है, लेकिन उसे बनाए रखना उससे भी अधिक कठिन होता है. यह तब संभव हो पाता है, जब सत्ता को विशेषाधिकार के रूप में नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में लिया जाता है.

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एलबीएस आईएएस अकादमी में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Photo- ETV Bharat)

श्रेष्ठ प्रशासक की पहचान सुनने की क्षमता से होती है: केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि एक अच्छे प्रशासक की पहचान उसके निर्णयों से होती है, लेकिन एक श्रेष्ठ प्रशासक की पहचान उसकी सुनने की क्षमता से होती है. उन्होंने कहा कि जब एक सिविल सेवक किसी गांव की पंचायत में बैठकर किसी वृद्ध महिला की पीड़ा को समझता है, तभी सही मायनों में वह लोकसेवक कहलाता है.

शास्त्री जी के आदर्शों से लें प्रेरणा: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर है, जिनके आदर्शों से प्रेरणा लेने की जरूरत है. शास्त्री जी का जीवन हमें सिखाता है कि सादगी, सत्यनिष्ठा और सेवा के बल पर भी देश की सबसे बड़ी जिम्मेदारियां निभाई जा सकती हैं. शेखावत ने कहा कि आने वाले महीनों और वर्षों में जब आपके समक्ष चुनौतियां होंगी, तो उन क्षणों में इस राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी परिसर का स्मरण जरूर करें और इसके आदर्शों से ली गई प्रेरणा को महसूस करें.

आईएएस का बैज सत्ता का नहीं, बल्कि सेवा का प्रतीक: शेखावत ने कहा कि प्रक्रिया से पहले लोगों का ध्यान रखें. दिखावे से पहले परिणाम और अहंकार से पहले सहानुभूति का भाव दिखाएं, क्योंकि आईएएस का बैज सत्ता का नहीं, बल्कि सेवा का प्रतीक है, जो लोगों के साथ उसके अनुबंध को दर्शाता है.
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