नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी को केंद्र के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भेजने का फैसला लिया है. ये दल ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद पर भारत के रुख से अवगत कराने के लिए विभिन्न देशों का दौरा करेगा.
ये जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली. सूत्र का कहना है कि यह फैसला संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन करने के बाद आया है. सूत्र ने आगे दावा किया कि रिजिजू ने बनर्जी को "शांत" करने के लिए फोन किया और प्रतिनिधिमंडल में उनकी पार्टी के प्रतिनिधि के लिए सुझाव मांगे.
इससे पहले, केंद्र की मोदी सरकार ने तृणमूल सांसद और पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान को 7 राजनयिक प्रतिनिधिमंडलों में से एक के सदस्य के रूप में नामित किया था. ये दल आतंकवाद पर भारत के रुख को समझाने और ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विभिन्न देशों की यात्रा करेगा. हालांकि, बाद में यूसुफ ने इससे इंकार कर दिया.
सोमवार को ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र को यह निर्णय नहीं लेना चाहिए कि पार्टी प्रतिनिधिमंडल में किसे नामित करती है.
वहीं उनके रुख का समर्थन करते हुए अभिषेक ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए राजनयिक मिशन के लिए अपने प्रतिनिधियों के नाम पर फैसला करना चाहिए. उन्होंने आतंकवाद विरोधी प्रयासों में केंद्र के प्रति पार्टी के समर्थन की पुष्टि की.
अभिषेक ने दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, "मेरा मानना है कि केंद्र सरकार जो भी निर्णय लेगी - यदि उसका उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना और उसे रोकना, राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा करना और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है - तो हम, एक पार्टी के रूप में, केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे. लेकिन यदि कोई बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जा रहा है, तो यह व्यक्तिगत पार्टी पर निर्भर करेगा कि वह अपने प्रतिनिधियों का फैसला करे."
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