'राजनीतिक गतिविधियों पर...', TMC सांसद सौगत रॉय ने मेले के आयोजन पर पार्टी के रुख पर उठाए सवाल
TMC सांसद सौगत रॉय ने कहा है कि किसी भी पार्टी को 'खेला और मेला' आयोजित करने जगह राजनीतिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

Published : October 12, 2025 at 3:38 PM IST
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद सौगत रॉय ने कहा है कि किसी भी पार्टी को 'खेला और मेला' आयोजित करने में व्यस्त नहीं रहना चाहिए, बल्कि राजनीतिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, खासकर जब चुनाव नजदीक हों. उनके इस बाय को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
वरिष्ठ सांसद की यह टिप्पणी उनके दमदम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बारानगर में आयोजित 'विजय सम्मेलन' (दुर्गा पूजा के बाद शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करने का कार्यक्रम) के मंच से आई, जिससे सैकड़ों टीएमसी समर्थक और अन्य लोग हैरान रह गए. इस बीच उनके भाषण का एक वीडियो क्लिप भी शनिवार को वायरल हो गया.
उनकी टिप्पणियों को विपक्षी दलों ने तुरंत मौका लपक लिया, जो लंबे समय से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पर गंभीर विकास और प्रशासनिक मुद्दों की अनदेखी करते हुए केवल 'खेला और मेला' पर ध्यान देने का आरोप लगाते रहे हैं.
'सौगत दा ने सच बोल दिया'
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दावा किया कि रॉय ने सच बोला है, लेकिन यह भी सवाल उठाया कि क्या तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर इसका कोई असर होगा. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने आश्चर्य जताते हुए कहा, "एक अनुभवी राजनेता और व्यापक ज्ञान रखने वाले सौगत दा ने आखिरकार सच बोल दिया, लेकिन क्या उन्हें इतने सालों में तथ्यों की जानकारी नहीं थी?"
राज्यसभा सांसद भट्टाचार्य ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि टीएमसी मेला-खेला का पर्याय है. जब उत्तर बंगाल बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ से जूझ रहा था, तब मुख्यमंत्री दुर्गा पूजा उत्सव में व्यस्त थीं. मुझे आश्चर्य है कि उन्हें अचानक इस मुद्दे पर ध्यान क्यों आया?"
सुकांत मजूमदार ने साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने भी रॉय पर निशाना साधा और कहा, "वह अच्छी तरह जानते हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों में उन्हें पार्टी का टिकट मिलने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए वे इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं. अगर मुख्यमंत्री यह सुन लेंगी, तो वह उनके कान मरोड़ देंगीं. वे अब अंतरात्मा की आवाज पर नाच रहे हैं."
'लोकसभा चुनाव में नामांकन न मिलने का डर'
वहीं, माकपा नेता सतरूप घोष ने कहा कि सभी जानते हैं कि टीएमसी नेताओं की प्राथमिकताएं जबरन वसूली के ज़रिए उत्सव और मेले आयोजित करना ही है. घोष ने आगे कहा, "पता नहीं सौगत बाबू ऐसा क्यों बोल रहे हैं. शायद उन्हें अगले लोकसभा चुनाव में नामांकन न मिलने का डर है, या उनका कोई और मकसद है."
मामले में टीएमसी के संगठनात्मक जिला अध्यक्ष और सांसद पार्थ भौमिक ने कहा, "सौगत रॉय हमारी पार्टी के वरिष्ठ सांसद हैं. इसलिए मैं उनकी टिप्पणियों के बारे में कुछ नहीं कहूंगा." हालांकि, टीएमसी आईटी सेल के प्रभारी और प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा कि यह विचारणीय है कि रॉय ने किस स्थान पर और किस संदर्भ में ये टिप्पणियां कीं. उन्होंने आगे कहा, "वह एक वरिष्ठ नेता हैं और उनके विचारों को हमेशा पूरे सम्मान और महत्व के साथ लिया जाता है. विपक्ष को उनकी टिप्पणियों पर गर्व नहीं करना चाहिए."
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