श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर रहने वाला 28 वर्षीय युवक फैजान रसूल नौकरी की तलाश में बैंकॉक के लिए घर से निकला था, लेकिन वह म्यांमार में फंस गया. उसका परिवार उससे संपर्क नहीं कर पा रहा था. दरअसल, फैजान और 28 अन्य भारतीय नागरिकों को मानव तस्करों ने म्यांमार में नौकरी का लालच दिया और फिर उनके परिवारों से फिरौती मांगी.
फैजान के पिता गुलाम रसूल भट ने ईटीवी भारत को बताया, "फैजान आज सुबह श्रीनगर लौट आया है. हमें खुशी है कि वह हमारे पास वापस आ गया है." भट ने उन सभी अधिकारियों और व्यक्तियों का धन्यवाद किया, जिन्होंने उनके बेटे की वापसी में उनकी मदद की.
ईटीवी भारत ने फैजान की भयावह यात्रा के बारे में जो पिछली रिपोर्ट दर्ज की थी, उसमें उसके पिता भट ने कहा था कि म्यांमार की सेना ने इलाके में छापा मारा था और फैजान सहित 28 लड़कों को हिरासत में लिया था.
इसके बाद परिवार का उससे संपर्क टूट गया. वे फैजान की सुरक्षित वापसी को लेकर थे. उन्होंने स्थानीय सरकार से अपील की. स्थानीय विधायक मुबारक गुल ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से इस मामले को नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाने का आग्रह किया.
दोस्त के साथ बैंकॉक के लिए निकला था युवक
भट के अनुसार फैजान अपने दोस्त मकरू के साथ बैंकॉक के लिए निकला था. मकरू ने उसके परिवार को बताया था कि वे 'होंग शेंग' नामक कंपनी के परिसर में फंस गए हैं. मकरू के परिवार ने कंपनी को मुआवजे के तौर पर 4.5 लाख रुपये देने में कामयाबी हासिल की थी, लेकिन भट के परिवार के लोग, जो एक रिटायर सरकारी कर्मचारी हैं,वह इतनी रकम का इंतजाम करने में असमर्थ थे.उन्होंने भावुक होकर कहा, "मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं कि मेरा बेटा वापस आ गया."
फिरौती के लिए बंधक बनाया
फैजान डर की वजह से यह नहीं बता पा रहा है कि वह कैसे इस जाल में फंस गया. बता दें कि मार्च में जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने कहा था कि फैजान को म्यांमार में मानव तस्करों ने फिरौती के लिए बंधक बना लिया है. संघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने कहा था कि विदेश मंत्रालय ने भारतीय मिशन को पुष्टि की है कि म्यावाडी में भारतीय नागरिक फंसे हुए थे.
तस्करी नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील
खुएहामी ने कहा कि एसोसिएशन के प्रयासों और विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से फैजान सहित सभी भारतीय नागरिकों को रिहा करने और घर वापस लाने में मदद मिली. एसोसिएशन ने भारत सरकार से जागरूकता अभियान शुरू करने और भारत और विदेशों में संचालित तस्करी नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है ताकि और अधिक निर्दोष लोगों को ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचाया जा सके.