पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से अवैध तरीके से अमेरिका जाने का प्रयास करने वाले 3 लोगों को वहां से डिपोर्ट कर दिया गया है. माधोटांडा के केसरपुर गांव के गुरमीत सिंह भी डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे थे. दस्तावेजों की कमी के कारण अमेरिकी पुलिस ने हिरासत में ले लिया और 11 दिन डिटेंशन सेंटर में रखा. इसी तरह एक महिला और उसके बच्चे को भी वापस भारत भेजा गया है. जबकि दो लोग पहले ही स्वदेश आ चुके हैं.
गुरमीत ने अमेरिका जाने के लिए करीब 5 लाख रुपये खर्च किए थे. भाई सुखविंदर के मुताबिक, तीन महीने पहले वीजा के लिए आवेदन किया था, जिसमें शुरुआती खर्च 10-15 हजार रुपये था. गुरमीत का बड़ा भाई बूटा सिंह 2012 से अमेरिका में रह रहा है, जिससे प्रेरित होकर वह भी वहां नौकरी करना चाहता था. सोमवार को गुरमीत भारत लौटा.
विदेश जाने वाले लोगों में सबसे ज्यादा युवाओं की संख्या है. यह युवा अच्छे पैसे कमाने के लिए जमीनें बेचकर विदेश जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ पीलीभीत में अवैध रूप से संचालित हो रहे आईलेट्स सेंटर इन युवकों से विदेश भेजने के नाम पर मोटी रक्म ले लेते हैं. पीलीभीत पुलिस ने हाल ही दिनों पहले इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा करते हुए फर्जी मार्कशीट के जरिए अनपढ़ लोगों को विदेश भेजने वाले 7 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.
गुरमीत के साथ ही पीलीभीत की कोतवाली सदर क्षेत्र की शिवनगर कॉलोनी निवासी श्वेता ढिल्लो और उनके 10 वर्षीय बेटे को भी डिपोर्ट किया गया है. पुलिस के अनुसार, श्वेता ने खुद वीजा और पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. माधोटांडा और गजरौला की महिलाएं भी डिपोर्ट की गई हैं.
सुनगढ़ी थाना प्रभारी पवन कुमार पांडे ने बताया अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों को पुलिस अमृतसर से लेकर आई थी. सभी लोगों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. यह लोग किन एजेंसी के जरिए डंकी रूट से विदेश गए, इसकी जांच पड़ताल की जा रही है. बता दें कि इससे एक हफ्ते पहले पीलीभीत के दो लोग भारत लौट चुके हैं.