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सबरीमला गोल्ड विवाद: केरल विधानसभा में जोरदार हंगामा, विपक्ष के तीन विधायक निलंबित

सबरीमला स्वर्ण विवाद को लेकर लगातार चौथे दिन भी सदन में व्यवधान हुआ. इस दौरान विपक्ष ने सत्र का बहिष्कार किया.

Opposition MLAs Suspended
केरल विधानसभा में हंगामे के बीच तीन विपक्षी विधायक निलंबित (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : October 9, 2025 at 5:08 PM IST

6 Min Read
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तिरुवनंतपुरम: सबरीमला गोल्ड विवाद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीन दिनों तक चली लगातार झड़पों के बाद केरल विधानसभा ने तीन विपक्षी विधायकों को मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया है. निलंबित विधायकों में कांग्रेस सदस्य एम विंसेंट, रोजी एम जॉन और सनीश कुमार जोसेफ शामिल हैं.

यह निलंबन संसदीय कार्य मंत्री एमबी राजेश द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव के बाद हुआ, जिसमें विधायकों पर विधानसभा और अध्यक्ष के विशेषाधिकारों का उल्लंघन करने और विधानसभा के चीफ मार्शल को गंभीर चोट पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.

निलंबित विधायक कार्यवाही के दौरान अनुपस्थित रहे, इसलिए प्रस्ताव बिना किसी विरोध के पारित हो गया. परिणामस्वरूप, तीनों विधायक शुक्रवार को होने वाले 15वीं केरल विधानसभा के 14वें सत्र के अंतिम दिन की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाएंगे. प्रस्ताव में विपक्ष की लगातार आक्रामक कार्रवाइयों, जिसमें महिला कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों का उत्पीड़न भी शामिल है, पर प्रकाश डाला गया.

चीफ मार्शल चोटिल
मंत्री राजेश ने कहा कि विपक्षी सदस्यों के हमलों के दौरान चीफ मार्शल के दाहिने हाथ में गंभीर चोटें आईं और डॉक्टरों की सलाह के अनुसार उन्हें सर्जरी की आवश्यकता है. प्रस्ताव में 6 अक्टूबर को विधानसभा के फिर से आरंभ होने के बाद से बार-बार हुए व्यवधानों का विस्तृत विवरण दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि विपक्ष ने लगातार कार्यवाही में बाधा डाली, विधानसभा की मर्यादा का उल्लंघन किया और शत्रुतापूर्ण माहौल बनाया.

विपक्ष ने सत्र का बहिष्कार किया
सुचारू कार्यवाही के लिए अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक के बावजूद विपक्ष ने सत्र का बहिष्कार किया. महिलाओं सहित सुरक्षाकर्मियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार और उत्पीड़न किया गया. इस दौरान अध्यक्ष का ध्यान भटकाने के लिए बैनर लगाए गए और विपक्ष ने प्रमुख अधिकारियों और मुख्यमंत्री को निशाना बनाते हुए आक्रामक नारे लगाए. सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के पास जबरन पहुंचने की कोशिश की और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करने वाले सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया.

प्रस्ताव के बाद अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री को दोपहर एक बजे सरकार का पक्ष रखने के लिए बुलाया. निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए, रोजी एम जॉन ने कहा कि सबरीमला गोल्ड मुद्दे से संबंधित विरोध प्रदर्शन वापस लेने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वॉच एंड वार्ड वर्दी में सरकार के समर्थकों ने विपक्षी विधायकों को उकसाया.

एम विंसेंट का बयान
इस बीच एम विंसेंट ने ईटीवी भारत को बताया कि विपक्ष का व्यवहार सुरक्षाकर्मियों द्वारा किए गए आक्रामक व्यवहार की प्रतिक्रिया थी. दोनों विधायकों ने इस बात पर जोर दिया कि वे अध्यक्ष से व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि कथित धमकियों का सामना कर रहे थे.

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष सनी जोसेफ ने सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया कि चीफ मार्शल की चोट सत्र के अस्थायी रूप से स्थगित होने के बाद रची गई एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा थी. उन्होंने चेतावनी दी कि विधानसभा के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे.

बता दें की यह लगातार चौथा दिन है, जब सबरीमला स्वर्ण विवाद को लेकर सदन में व्यवधान उत्पन्न हुआ. इस दौरान कई बार स्थगन हुआ और विपक्ष ने अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करने से इनकार कर दिया और कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया.

बॉडी शेमिंग के लिए माफी मांगने की बात
इससे पहले विपक्षी नेता वीडी सतीशन ने मुख्यमंत्री के विवादास्पद बॉडी शेमिंग वाले बयान के लिए माफी मांगने और उसे वापस लेने की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के कारण सत्र में अनुपस्थित रहे. विधानसभा की कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए अध्यक्ष द्वारा सहयोग का आग्रह करने के बावजूद, विपक्ष ने बहिर्गमन किया और प्रश्नोत्तर सत्र में व्यवधान के साथ-साथ विरोध प्रदर्शन जारी रहा.

सन्निधानम पहुंचेंगे जस्टिस केटी शंकरन
इस विवाद के बीच जस्टिस केटी शंकरन केरल हाई कोर्ट के निर्देशानुसार शनिवार को सन्निधानम पहुंचेंगे और एक महत्वपूर्ण निरीक्षण करेंगे. उनके पहुंचने के बाद मंदिर के स्ट्रांग रूम खोले जाएंगे और उनका निरीक्षण किया जाएगा. हाई कोर्ट ने स्ट्रांग रूम में रखी वस्तुओं की तुलना देवस्वम रजिस्ट्री में दर्ज एंट्रियों के विस्तृत सत्यापन का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि वस्तुओं का विवरण उचित रूप से दर्ज किया जाए और कोर्ट के समक्ष एक रजिस्ट्री में प्रस्तुत किया जाए.

स्मार्ट क्रिएशन्स के CEO का बयान दर्ज
विशेष जांच दल (SIT) ने गोल्ड प्लेटेड द्वारपालक मूर्तियों से जुड़े विवाद की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. इसके तहत स्मार्ट क्रिएशन्स के सीईओ का बयान दर्ज किया गया है. हाई कोर्ट ने एसआईटी को अपनी जांच पूरी कर एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. इस बीच सबरीमला श्रीकोविल (गर्भगृह) के सामने द्वारपालक मूर्तियों के स्वर्ण-चढ़ाई पैनल 17 अक्टूबर को उच्च न्यायालय और मंदिर के तंत्री (मुख्य पुजारी) दोनों की अनुमति के बाद पुनः स्थापित किए जाएंगे.

त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) ने ये अनुमतियां प्राप्त करने के बाद पुन स्थापना का निर्णय लिया है. उच्च न्यायालय ने मंदिर के द्वारों और शिखर की मरम्मत के कार्यों को भी मंजूरी दे दी है.

वजन कैसे कम हो गया?
सोने की परत चढ़े पैनल 8 सितंबर को मरम्मत के लिए चेन्नई ले जाए गए थे. अदालत की अनुमति के बिना पैनल हटाए जाने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि पैनलों का वजन कम हो गया था. जब पैनल 2019 में चेन्नई भेजे गए थे, तब उनका वजन 42 किलोग्राम था, लेकिन वापस आने पर उनका वजन चार किलोग्राम कम पाया गया.

अदालत ने सवाल उठाया कि इतनी कमी कैसे संभव है, और टिप्पणी की कि अगर यह पेट्रोल होता, तो मात्रा में कमी समझी जा सकती थी - लेकिन चेन्नई ले जाने और वापस लाने पर सोने का वजन कैसे कम हो गया?

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