बेंगलुरु: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गए बेंगलुरु के मथिकेरे के एक तकनीकी कर्मचारी भारत भूषण का परिवार गमगीन है. उनकी सास विमला ने इस त्रासदी का भयावह विवरण साझा करते हुए दावा किया है कि उनकी पत्नी और बच्चे के सामने उन्हें मार डालने से पहले उनसे अपना आधार कार्ड दिखाने और अपना धर्म बताने के लिए कहा गया था.
यह घटना कथित तौर पर कश्मीर की यात्रा के दौरान हुई, जहां भारत अपनी पत्नी सुजाता और अपने छोटे बच्चे के साथ गए थे. उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से बेंगलुरु वापस लाया जा रहा है.
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए विमला ने कहा कि, उनकी बेटी सुजाता ने फोन करके उन्हें इस त्रासदी के बारे में बताया. उनका दामाद भारत एक आईटी कंपनी में काम करता था. वह और उनकी बेटी इस 20 जून को शादी के पांच साल पूरे करने वाले थे. हालांकि, उन्होंने कहा कि, शुक्र है कि उनकी बेटी और पोता दोनों सुरक्षित हैं.
आतंकी हमले के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, उनके दामाद से आतंकियों ने आधार कार्ड दिखाने को कहा और पूछा कि वह हिंदू है या मुसलमान. उन्होंने कहा कि अगर वह मुसलमान होता, तो वे उसे जाने देते. फिर उन्होंने मेरी बेटी के सामने ही उसके सिर में तीन बार गोली मारी.
आतंकियों ने दामाद पर इतनी गोलियां चलाईं कि वह बच न पाए. महिला ने कहा कि, इस दौरान उनका नाती उसकी गोद में था. हत्यारों ने उसे गोली मारने से पहले बच्चे को नीचे रखने को कहा. उन्होंने महिलाओं और बच्चों से कहा कि उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा. उसके बाद आतंकियों ने कहा कि, मोदी को फोन करके बता देना.
परिवार ने कहा कि भारत भूषण 18 अप्रैल को कश्मीर के लिए निकला था और उसे आज सुबह लौटना था. विमला ने पीड़ा में कहा, "हम पिछले साल कश्मीर गए थे, और इसलिए हमने सोचा कि उन्हें फिर से भेजना सुरक्षित होगा."
अधिकारियों ने हमले के विवरण की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन इस तरह के हमलों में नागरिकों को निशाना बनाने और पहचान प्रोफाइलिंग के इस्तेमाल के बारे में गंभीर सवाल उठते हैं. आगे की जांच जारी है.
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