देहरादून, रोहित सोनी : उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है. चारधाम यात्रा शुरू होने के 28 दिनों के भीतर 56 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. यानी रोजाना दो श्रद्धालुओं की मौत स्वास्थ्य खराब होने की वजह से चारधाम यात्रा में हो रही है.
चारधाम यात्रा अक्षय तृतीया के दिन यानि 30 अप्रैल 2025 को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई थी. जिसके बाद 2 मई को बाबा केदारनाथ और 4 मई को बदरी विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के खोले गये. चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद 27 मई तक यानि इन 28 दिनों के भीतर 15,63,975 श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन कर लिए हैं.
जिसमें बदरीनाथ धाम के 416291 श्रद्धालु, केदारनाथ धाम के 600709 श्रद्धालु, गंगोत्री धाम के 265149 और यमुनोत्री धाम के 279206 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. इसके अलावा अभी तक हेमकुंड साहिब के 7690 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड चारधाम यात्रा मार्गों पर 27 मई 2025 की शाम 7 बजे तक 56 श्रद्धालुओं की मौत स्वास्थ्य खराब होने की वजह से हुई है. यानी यात्रा मार्गों पर रोजाना दो श्रद्धालुओं की मौत हुई है. जिसमें सबसे अधिक केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 26 श्रद्धालु, बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर 11, यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर 11 श्रद्धालु और गंगोत्री यात्रा मार्ग पर 8 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. इसके अलावा 8 मई को उत्तरकाशी में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश होने के चलते 6 श्रद्धालुओं और अन्य कारणों से 2 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. यानी इस यात्रा सीजन के दौरान स्वास्थ्य खराब, हेलीकॉप्टर क्रैश और अन्य कारणों से 64 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.

चारधाम यात्रा मार्गो पर बढ़ रहे श्रद्धालुओं के मौतों के सवाल पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ सुनीता टम्टा ने कहा चारधाम यात्रा पर बनाए गए हेल्थ स्क्रीनिंग पॉइंट्स पर 50 साल से अधिक उम्र के श्रद्धालुओं की अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग की जा रही है. जिससे कोई कॉमर्बिड श्रद्धालु (Comorbid Devotees) यात्रा पर न चला जाए. स्क्रीनिंग के दौरान जब कोई यात्री अस्वस्थ पाया जाता है तो उसको यात्रा न करने की सलाह दी जाती है.

स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान अस्वस्थ पाए गए 58 यात्रियों को अभी तक वापस भेजा जा चुका है. करीब 3500 कॉमर्बिड श्रद्धालुओं की काउंसलिंग की गई है. मैदानी क्षेत्रों से यात्रा पर आने वाले यात्री बिना एक्लीमेटाइज के ही यात्रा कर रहे हैं.

जिसके चलते कोई बीमारी न होने के बावजूद चलते चलते यात्रियों की मौत हो जा रही है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का मुख्य फोकस स्क्रीनिंग पर है. जिसके चलते 50 साल से अधिक उम्र के श्रद्धालुओं का अनिवार्य स्क्रीनिंग के लिए इस बार प्रशासन की भी सहायता ली गई है. वर्तमान समय कोविड का मामला भी चल रहा है. जिसको देखते हुए प्रदेश के सभी सीएमओ को दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं.
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