नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और सांसद इंजीनियर रशीद की संसद सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने इंजीनियर रशीद को हिरासत में 26 मार्च से 4 अप्रैल तक संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने उन्हें संसद सत्र के दौरान फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल न करने और मीडिया से बात करने से मना किया है. इस मामले में एनआईए ने इंजीनियर रशीद की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सांसद होने की वजह से उन्हें जेल से बाहर आने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. हाईकोर्ट ने 12 मार्च को इंजीनियर रशीद की याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी किया था.
की थी ये मांग: इंजीनियर रशीद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन. हरिहरन ने कहा था कि इंजीनियर रशीद ने इसके पहले भी संसद सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने केवल दो दिन संसद के सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति दी थी. हरिहरन ने कहा था कि संसद का सत्र 4 अप्रैल तक चलेगा. इंजीनियर रशीद बारामूला से सांसद हैं और बारामूला की आबादी जम्मू-कश्मीर की कुल आबादी का 45 फीसदी है. इतनी बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व खाली नहीं रखा जा सकता है. उन्होंने मांग की थी कि इंजीनियर रशीद को कस्टडी पेरोल पर रिहा किया जाए.
2016 में किया था गिरफ्तार: सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से पेश वकील अक्षय मलिक ने कहा कि इसके पहले हाईकोर्ट ने जो कस्टडी पेरोल दी थी, उस समय इस मामले की सुनवाई के लिए कोई कोर्ट नियत नहीं थी. अब इस मामले में स्पेशल कोर्ट नियत कर दी गई है. ट्रायल कोर्ट ने इंजीनियर रशीद की नियमित जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि इंजीनियर रशिद ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की थी. उनको 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.
यह भी पढ़ें-
जेल से बाहर निकलने के लिए इंजीनियर रशीद को सांसद होने का लाभ नहीं दिया जा सकता: एनआईए
टेरर फंडिंग के आरोपी सांसद इंजीनियर रशीद की नियमित जमानत याचिका खारिज