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इंडिया जस्टिस रिपोर्ट-2025: पुलिस प्रदर्शन में तेलंगाना देश में पहले स्थान पर - TELANGANA POLICE

इंडिया जस्टिस रिपोर्ट-2025 में तेलंगाना पुलिस को लोगों को न्याय दिलाने के मामले में देश में पहले पायदान पर रखा है.

TELANGANA POLICE
तेलंगाना पुलिस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 16, 2025 at 10:55 AM IST

3 Min Read

हैदराबाद : पुलिस के प्रदर्शन के मामले में तेलंगाना ने देश में पहला स्थान हासिल किया है. लोगों को न्याय दिलाने के मामले में एक करोड़ से अधिक आबादी वाले 18 राज्यों की तुलना में यह उपलब्धि हासिल हुई है. इस संबंध में टाटा ट्रस्ट ने मंगलवार को 'इंडिया जस्टिस रिपोर्ट-2025' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की.

लोगों को न्याय दिलाने वाली पुलिस, अदालत, जेल और कानूनी सहायता जैसे विभागों के प्रदर्शन का अध्ययन करने वाला टाटा ट्रस्ट 2019 से राज्यों को रैंकिंग दे रहा है. नवीनतम रिपोर्ट सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, कॉमन कॉज, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव और अन्य संगठनों के सहयोग से तैयार की गई है.

रिपोर्ट की मुख्य बातें..
हाल ही में जारी रैंकिंग के चौथे एडिशन में तेलंगाना देश भर में पुलिसिंग में पहले स्थान पर रहा, न्यायपालिका में दूसरे स्थान पर, जेलों में सातवें स्थान पर, कानूनी सहायता में 10वें स्थान पर और 6.15 के स्कोर के साथ कुल मिलाकर तीसरे स्थान पर रहा. कर्नाटक 6.78 के स्कोर के साथ सूची में शीर्ष पर रहा.

तेलंगाना 2019 में प्रकाशित पहले एडिशन में समग्र रैंकिंग में 11वें स्थान पर था, 2020 और 2022 में तीसरे स्थान पर रहा. इस बार भी इसका यही स्थान बरकरार रखा है. राज्य में कांस्टेबल स्तर पर केवल 13 फीसदी रिक्तियां हैं. यह राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है. तेलंगाना पुलिस बल में केवल 9फीसदी महिलाएं हैं. यह राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है.

तेलंगाना में शहरी इलाकों में हर 10.6 वर्ग किलोमीटर पर एक पुलिस स्टेशन है. ग्रामीण इलाकों में हर 282 वर्ग किलोमीटर पर एक पुलिस स्टेशन है. पुलिस स्टेशनों की संख्या के मामले में तेलंगाना देश में पहले स्थान पर है. तेलंगाना के 85 प्रतिशत पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे और महिला हेल्प डेस्क हैं.

महिला जजों में पहले स्थान पर
तेलंगाना में देश में सबसे अधिक महिला जज हैं. हाईकोर्ट में 33फीसदी और जिला अदालतों में 55 प्रतिशत महिला जज हैं.

59 प्रतिशत जेलों में डॉक्टर नहीं हैं
तेलंगाना की 59 प्रतिशत जेलों में डॉक्टर नहीं हैं. 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार राज्य की जेलों में 6,500 कैदी हैं. प्रत्येक पर प्रति वर्ष 33,277 रुपये की दर से खर्च किया गया.

तेलंगाना में 440 गांवों में केवल एक कानूनी सेवा क्लिनिक है. ये लोगों को आवश्यक कानूनी सहायता प्रदान करता है. कुल कानूनी सहायता बजट का 80 प्रतिशत आवंटित करने वाले राज्य ने वर्ष 2022-23 में संपूर्ण धनराशि खर्च कर दी.

ये भी पढ़ें- तेलंगाना: चादुवु यदैया और उदी यादियाह को वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया

हैदराबाद : पुलिस के प्रदर्शन के मामले में तेलंगाना ने देश में पहला स्थान हासिल किया है. लोगों को न्याय दिलाने के मामले में एक करोड़ से अधिक आबादी वाले 18 राज्यों की तुलना में यह उपलब्धि हासिल हुई है. इस संबंध में टाटा ट्रस्ट ने मंगलवार को 'इंडिया जस्टिस रिपोर्ट-2025' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की.

लोगों को न्याय दिलाने वाली पुलिस, अदालत, जेल और कानूनी सहायता जैसे विभागों के प्रदर्शन का अध्ययन करने वाला टाटा ट्रस्ट 2019 से राज्यों को रैंकिंग दे रहा है. नवीनतम रिपोर्ट सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, कॉमन कॉज, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव और अन्य संगठनों के सहयोग से तैयार की गई है.

रिपोर्ट की मुख्य बातें..
हाल ही में जारी रैंकिंग के चौथे एडिशन में तेलंगाना देश भर में पुलिसिंग में पहले स्थान पर रहा, न्यायपालिका में दूसरे स्थान पर, जेलों में सातवें स्थान पर, कानूनी सहायता में 10वें स्थान पर और 6.15 के स्कोर के साथ कुल मिलाकर तीसरे स्थान पर रहा. कर्नाटक 6.78 के स्कोर के साथ सूची में शीर्ष पर रहा.

तेलंगाना 2019 में प्रकाशित पहले एडिशन में समग्र रैंकिंग में 11वें स्थान पर था, 2020 और 2022 में तीसरे स्थान पर रहा. इस बार भी इसका यही स्थान बरकरार रखा है. राज्य में कांस्टेबल स्तर पर केवल 13 फीसदी रिक्तियां हैं. यह राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है. तेलंगाना पुलिस बल में केवल 9फीसदी महिलाएं हैं. यह राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है.

तेलंगाना में शहरी इलाकों में हर 10.6 वर्ग किलोमीटर पर एक पुलिस स्टेशन है. ग्रामीण इलाकों में हर 282 वर्ग किलोमीटर पर एक पुलिस स्टेशन है. पुलिस स्टेशनों की संख्या के मामले में तेलंगाना देश में पहले स्थान पर है. तेलंगाना के 85 प्रतिशत पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे और महिला हेल्प डेस्क हैं.

महिला जजों में पहले स्थान पर
तेलंगाना में देश में सबसे अधिक महिला जज हैं. हाईकोर्ट में 33फीसदी और जिला अदालतों में 55 प्रतिशत महिला जज हैं.

59 प्रतिशत जेलों में डॉक्टर नहीं हैं
तेलंगाना की 59 प्रतिशत जेलों में डॉक्टर नहीं हैं. 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार राज्य की जेलों में 6,500 कैदी हैं. प्रत्येक पर प्रति वर्ष 33,277 रुपये की दर से खर्च किया गया.

तेलंगाना में 440 गांवों में केवल एक कानूनी सेवा क्लिनिक है. ये लोगों को आवश्यक कानूनी सहायता प्रदान करता है. कुल कानूनी सहायता बजट का 80 प्रतिशत आवंटित करने वाले राज्य ने वर्ष 2022-23 में संपूर्ण धनराशि खर्च कर दी.

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