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मां, मैंने चोरी नहीं की... झूठे इल्जाम की भेंट चढ़ा 13 साल का बच्चा, सुसाइड नोट में लिखा दर्द - TEENAGER ENDS LIFE IN BENGAL

छात्र ने एक सुसाइड नोट में अपनी बेगुनाही लिखी है. परिवार का आरोप है कि पुलिस ने अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया .

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सांकेतिक फोटो (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 23, 2025 at 12:13 AM IST

3 Min Read

पूर्व मिदनापुर: झूठा इल्जाम... एक ऐसा ज़हर जो धीरे-धीरे समाज में फैलता जा रहा है. यह न जाने कितनी ही मासूम जिंदगियों को तबाह कर रहा है, कई लोगों को इतना मजबूर कर देता है कि वे अपनी ज़िन्दगी को ही खत्म कर लेने का फैसला कर लेते हैं. आए दिन देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां बेगुनाह लोग बेबुनियाद आरोपों की भेंट चढ़ जाते हैं. पश्चिम बंगाल से सामने आया यह मामला दिल को दहला देने वाला है. यहां एक सातवीं कक्षा के छात्र ने झूठे इल्जाम से आहत होकर आत्महत्या कर ली.

कोलकाता से 132 किलोमीटर दूर पूर्व मेदिनीपुर जिले के पांशकुड़ा इलाके में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि एक सिविक वालंटियर ने उस पर चिप्स चुराने का झूठा इल्जाम लगाते हुए सार्वजनिक रूप से उसकी बेइज्जती की थी. इतना ही नहीं, वालंटियर ने छात्र के साथ मारपीट भी की. वालंटियर के बेबुनियाद आरोप से आहत होकर छात्र ने अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली.

पुलिस को छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने साफ तौर पर लिखा है, 'मां, मैंने चिप्स चोरी नहीं की थी. रास्ते से उठा कर लाया था.' मृत छात्र पांशकुड़ा के गोंसाइबेर बाजार का रहने वाला था.

पुलिस गिरफ्त से बाहर आरोपी
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने अभी तक उस सिविक वालंटियर को गिरफ्तार नहीं किया है. परिवार के मुताबिक, रविवार को उनका बेटा बाजार में चिप्स खरीदने गया था. दुकान पर चिप्स उपलब्ध नहीं थे और दुकानदार भी मौजूद नहीं था. तब नाबालिग को सड़क किनारे चिप्स का एक पैकेट मिला, जिसे उसने उठा लिया. उसी समय, एक सिविक वालंटियर ने उसका पीछा किया और उसे पकड़ लिया. वालंटियर ने उसे कान पकड़कर उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया और सार्वजनिक रूप से उसके साथ मारपीट की. आरोप है कि दूकान का मालिक शुभंकर दीक्षित भी सिविक वालंटियर है.

रिपोर्टों के अनुसार, नाबालिग ने कथित तौर पर चिप्स के पैसे देने की कोशिश की, लेकिन वालंटियर ने फिर भी उसके साथ मारपीट की. नाबालिग की माँ घटनास्थल पर पहुँची और उसे घर ले गई. घर पहुँचने पर, वह अपने कमरे में चला गया. बाद में, परिवार के सदस्यों ने उसे बेहोश पाया.

"माँ, मैंने चोरी नहीं की"
परिजनों का आरोप है कि नाबालिग ने कीटनाशक खा लिया था. उसे तुरंत तमलुक मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई. सुसाइड नोट में उसने लिखा, माँ, मैं कहना चाहता हूँ कि मैंने चिप्स रास्ते से उठाए थे. मैंने चोरी नहीं की.

क्षेत्र में आक्रोश
इस दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र में सदमे की लहर भेज दी है. स्थानीय लोग आरोपी सिविक वालंटियर शुभंकर दीक्षित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

यह भी पढ़ें- जिसे मरा समझकर सड़क पर छोड़ गए लोग, फरिश्ता बनकर आई अंकिता ने दिया CPR, तो चलने लगी सांसे, देखें Video

पूर्व मिदनापुर: झूठा इल्जाम... एक ऐसा ज़हर जो धीरे-धीरे समाज में फैलता जा रहा है. यह न जाने कितनी ही मासूम जिंदगियों को तबाह कर रहा है, कई लोगों को इतना मजबूर कर देता है कि वे अपनी ज़िन्दगी को ही खत्म कर लेने का फैसला कर लेते हैं. आए दिन देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां बेगुनाह लोग बेबुनियाद आरोपों की भेंट चढ़ जाते हैं. पश्चिम बंगाल से सामने आया यह मामला दिल को दहला देने वाला है. यहां एक सातवीं कक्षा के छात्र ने झूठे इल्जाम से आहत होकर आत्महत्या कर ली.

कोलकाता से 132 किलोमीटर दूर पूर्व मेदिनीपुर जिले के पांशकुड़ा इलाके में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि एक सिविक वालंटियर ने उस पर चिप्स चुराने का झूठा इल्जाम लगाते हुए सार्वजनिक रूप से उसकी बेइज्जती की थी. इतना ही नहीं, वालंटियर ने छात्र के साथ मारपीट भी की. वालंटियर के बेबुनियाद आरोप से आहत होकर छात्र ने अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली.

पुलिस को छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने साफ तौर पर लिखा है, 'मां, मैंने चिप्स चोरी नहीं की थी. रास्ते से उठा कर लाया था.' मृत छात्र पांशकुड़ा के गोंसाइबेर बाजार का रहने वाला था.

पुलिस गिरफ्त से बाहर आरोपी
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने अभी तक उस सिविक वालंटियर को गिरफ्तार नहीं किया है. परिवार के मुताबिक, रविवार को उनका बेटा बाजार में चिप्स खरीदने गया था. दुकान पर चिप्स उपलब्ध नहीं थे और दुकानदार भी मौजूद नहीं था. तब नाबालिग को सड़क किनारे चिप्स का एक पैकेट मिला, जिसे उसने उठा लिया. उसी समय, एक सिविक वालंटियर ने उसका पीछा किया और उसे पकड़ लिया. वालंटियर ने उसे कान पकड़कर उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया और सार्वजनिक रूप से उसके साथ मारपीट की. आरोप है कि दूकान का मालिक शुभंकर दीक्षित भी सिविक वालंटियर है.

रिपोर्टों के अनुसार, नाबालिग ने कथित तौर पर चिप्स के पैसे देने की कोशिश की, लेकिन वालंटियर ने फिर भी उसके साथ मारपीट की. नाबालिग की माँ घटनास्थल पर पहुँची और उसे घर ले गई. घर पहुँचने पर, वह अपने कमरे में चला गया. बाद में, परिवार के सदस्यों ने उसे बेहोश पाया.

"माँ, मैंने चोरी नहीं की"
परिजनों का आरोप है कि नाबालिग ने कीटनाशक खा लिया था. उसे तुरंत तमलुक मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई. सुसाइड नोट में उसने लिखा, माँ, मैं कहना चाहता हूँ कि मैंने चिप्स रास्ते से उठाए थे. मैंने चोरी नहीं की.

क्षेत्र में आक्रोश
इस दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र में सदमे की लहर भेज दी है. स्थानीय लोग आरोपी सिविक वालंटियर शुभंकर दीक्षित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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