विजयवाड़ा: शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से मार्गदर्शक और संरक्षक के रूप में रहा है. एक छात्र या छात्रा अपने शिक्षक पर जितना भरोसा करता है, शायद ही किसी और पर करता हो. ऐसे में अगर यही भरोसा टूटे, तो उसका असर न सिर्फ पीड़िता पर, बल्कि पूरे समाज की सोच पर पड़ता है. लेकिन जब न्याय अपने पूरे कड़े रूप में सामने आता है, तो वह टूटे भरोसे पर मरहम लगाता है और दूसरों के लिए चेतावनी भी बनता है.
पोक्सो कोर्ट ने सजा सुनाईः आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की POCSO कोर्ट ने मंगलवार को इसी दिशा में एक अहम फैसला सुनाया. एक निजी स्कूल के शिक्षक को दसवीं कक्षा की छात्रा के साथ दुर्व्यवहार के मामले में 10 साल के कठोर कारावास की सजा दी. कोर्ट ने आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. यह फैसला उन लोगों में डर पैदा करेगा जो अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हैं और साथ ही अन्य छात्र-छात्राओं को हिम्मत देगा कि वे गलत के खिलाफ आवाज उठाएं.
क्या है घटनाः अभियोजन के अनुसार, दोषी शिक्षक भवानीपुरम जोजीनगर के एक तेलुगु शिक्षक पुललेटिकुर्थी भुवनचंद्र (31) सूर्यरावपेट थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल में कार्यरत थे. घटना 23 जुलाई 2018 की है, जब छात्रा एक विशेष कक्षा में भाग लेने गई थी. शिक्षक ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया, जिससे घबराई छात्रा ने स्कूल भवन की पहली मंजिल से छलांग लगा दी. घटना के बाद, पुलिस ने मामला दर्ज किया. 25 जुलाई 2018 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.
मुआवजा देने के निर्देशः साक्ष्यों और गवाहों के बयानों की समीक्षा करने के बाद न्यायाधीश वी. भवानी ने सजा सुनाई. अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को 3 लाख रुपए मुआवजा देने और जुर्माने की राशि से अतिरिक्त 10,000 रुपए देने का भी निर्देश दिया. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक वी. कृष्णवेणी ने मामले की पैरवी की.
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