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जुलूस के दौरान घंटों बिजली नहीं काटने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, जेबीवीएनएल से मांगा अंडरटेकिंग - SUPREME COURT STAYS HC ORDER

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाई, जिसमें कहा गया था त्योहारों पर बिजली न काटी जाय.

Supreme Court stays HC order
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई (सुप्रीम कोर्ट (IANS))
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : April 4, 2025 at 2:45 PM IST

3 Min Read

रांची: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने जुलूस के दौरान घंटों बिजली नहीं काटने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सरकार बिजली काट सकती है, लेकिन इस दौरान कुछ जरुरी बातों को ध्यान में रखना होगा. कोर्ट ने कहा है कि जुलूस के मद्देनजर कम समय के लिए बिजली काटी जाए. साथ ही अस्पताल समेत दूसरी जरुरी सेवा वाली संस्थाओं में बिजली आपूर्ति प्रभावित ना हो.

सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के एमडी से अंडरटेकिंग भी मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी. यह जानकारी झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने ईटीवी भारत को दी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जल्द सुनवाई का आग्रह किया था.

दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम.एस.रामचंद्र राव की खंडपीठ ने 1 अप्रैल को सरहुल के जुलूस के दिन अलग-अलग इलाकों में 5 से 10 घंटे तक बिजली आपूर्ति बंद रखे जाने पर आपत्ति जतायी थी. स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा था कि बिजली आपूर्ति रोकने से बुजुर्ग, मरीज, गर्भवती महिलाएं, परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र, छोटे बच्चों को काफी परेशानी होती है. जवाब में महाधिवक्ता की तरफ से कहा गया था कि साल 2000 में जुलूस का झंडा बिजली तार के संपर्क में आने की वजह से 29 लोगों की मौत हो गई थी. इसी वजह से सुरक्षा के मद्देनजर बिजली काटनी पड़ती है.

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अपनी दलील में यह भी कहा था कि 6 अप्रैल को रामनवमी का जुलूस निकलना है. इसी तरह 6 जुलाई को मोहर्रम का जुलूस निकलेगा. इन दोनों दिन बिजली आपूर्ति रोकने की जरूरत पड़ेगी. इसपर खंडपीठ ने कहा कि घंटों आवश्यक सेवा को नहीं रोका जा सकता. इसलिए जुलूस के दौरान झंडे के खंभों की ऊंचाई छोटी की जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि मौसम खराब होने या अन्य जरूरी आपात स्थिति में ही बिजली काटी जानी चाहिए.

फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगाने से प्रशासन को बड़ी राहत मिली है क्योंकि झारखंड के अलग-अलग शहरों में रामनवमी का भव्य जुलूस निकलता है. इस दौरान लाखों की संख्या में लोग पारंपरिक हथियारों के साथ शोभा यात्रा में शामिल होते हैं. अलग-अलग महावीर मंडल भव्य महावीरी पताका निकालते हैं. इस वजह से बिजली काटना बेहद जरुरी हो जाता है.

रांची: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने जुलूस के दौरान घंटों बिजली नहीं काटने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सरकार बिजली काट सकती है, लेकिन इस दौरान कुछ जरुरी बातों को ध्यान में रखना होगा. कोर्ट ने कहा है कि जुलूस के मद्देनजर कम समय के लिए बिजली काटी जाए. साथ ही अस्पताल समेत दूसरी जरुरी सेवा वाली संस्थाओं में बिजली आपूर्ति प्रभावित ना हो.

सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के एमडी से अंडरटेकिंग भी मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी. यह जानकारी झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने ईटीवी भारत को दी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जल्द सुनवाई का आग्रह किया था.

दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम.एस.रामचंद्र राव की खंडपीठ ने 1 अप्रैल को सरहुल के जुलूस के दिन अलग-अलग इलाकों में 5 से 10 घंटे तक बिजली आपूर्ति बंद रखे जाने पर आपत्ति जतायी थी. स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा था कि बिजली आपूर्ति रोकने से बुजुर्ग, मरीज, गर्भवती महिलाएं, परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र, छोटे बच्चों को काफी परेशानी होती है. जवाब में महाधिवक्ता की तरफ से कहा गया था कि साल 2000 में जुलूस का झंडा बिजली तार के संपर्क में आने की वजह से 29 लोगों की मौत हो गई थी. इसी वजह से सुरक्षा के मद्देनजर बिजली काटनी पड़ती है.

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अपनी दलील में यह भी कहा था कि 6 अप्रैल को रामनवमी का जुलूस निकलना है. इसी तरह 6 जुलाई को मोहर्रम का जुलूस निकलेगा. इन दोनों दिन बिजली आपूर्ति रोकने की जरूरत पड़ेगी. इसपर खंडपीठ ने कहा कि घंटों आवश्यक सेवा को नहीं रोका जा सकता. इसलिए जुलूस के दौरान झंडे के खंभों की ऊंचाई छोटी की जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि मौसम खराब होने या अन्य जरूरी आपात स्थिति में ही बिजली काटी जानी चाहिए.

फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगाने से प्रशासन को बड़ी राहत मिली है क्योंकि झारखंड के अलग-अलग शहरों में रामनवमी का भव्य जुलूस निकलता है. इस दौरान लाखों की संख्या में लोग पारंपरिक हथियारों के साथ शोभा यात्रा में शामिल होते हैं. अलग-अलग महावीर मंडल भव्य महावीरी पताका निकालते हैं. इस वजह से बिजली काटना बेहद जरुरी हो जाता है.

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