इंफाल: पुर्वोत्तर राज्य मणिपुर के इंफाल में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कई छात्रों ने सोमवार को राजभवन की ओर रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने पिछले साल से राज्य में जारी हिंसा और संकट की हालिया वृद्धि के बीच पुलिस महानिदेशक और सुरक्षा सलाहकार के इस्तीफे की मांग की. छात्रों ने अर्धसैनिक बलों को वापस बुलाने और नैतिक आधार पर 50 विधायकों के इस्तीफे की भी मांग की. छात्र बैनर और पोस्टर लेकर राजभवन की ओर बढ़ रहे थे.
धनमंजुरी यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के महासचिव ने कहा, "यह रैली संबंधित अधिकारियों को यह जानकारी देने के लिए है कि कैद में रहने और इंफाल घाटी में रहने में कोई अंतर नहीं है. फिलहाल यहां कोई सेफ्टी जोन नहीं है. कुकी ने दावा किया है कि उनके पास ऐसी मिसाइलें हैं जो 20 किलोमीटर तक निशाना साध सकती हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार, राज्यपाल, असम राइफल्स, केंद्रीय बलों और सभी कदाचारों की कार्रवाई को रेगूलेट करने के लिए हमारे मुख्यमंत्री को यूनिफाइड कमान दें."
सुरक्षा सलाहकार और डीजीपी के इस्तीफे की मांग
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि विभिन्न कॉलेजों के छात्रों का यह सामूहिक प्रयास है कि उन्हें हमारी मांगें सुनाई जाएं. हम सुरक्षा सलाहकार और डीजीपी का इस्तीफा चाहते हैं. एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम राज्यपाल के सामने उनसे अनुरोध करने आए हैं कि वे 24 घंटे के भीतर हमारे मुख्यमंत्री को यूनिफाइड कमान सौंप दें. इसके अलावा, हम चाहते हैं कि वे असम राइफल्स को नियंत्रित करें, क्योंकि उन पर हिंसा की शुरुआत से ही दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया है.
इस बीच छात्रों ने सड़क पर धरना दिया और नारेबाजी की. वहीं, प्रदर्शन के मद्देनजर इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई. साथ ही वहां सुरक्षाकर्मी दंगा रोधी कवच और दंगा नियंत्रण वाहन के साथ वहां मौजूद रहे.
हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि
इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कोट्रुक में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि सौंपी. एक्स पर एक पोस्ट में मणिपुर के सीएम ने कहा, "कोट्रुक में कुकी उग्रवादियों द्वारा नंगबाम और सुरबाला देवी की क्रूर हत्या के खिलाफ JAC के प्रतिनिधियों ने मेरे सचिवालय में मुझसे मुलाकात की."
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से एक छोटे से गेस्चर के रूप में शोक संतप्त परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि सौंपी गई. हालांकि कोई भी वित्तीय सहायता वास्तव में खोए हुए जीवन की भरपाई नहीं कर सकती है, लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हों और इन कठिन समय में उन्हें सहायता प्रदान करें.
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