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अंकिता भंडारी...19 साल की वो लड़की जिसके सपने रह गए अधूरे, परिवार की आर्थिक रीढ़ बनी थी बेटी - ANKITA BHANDARI MURDER

कोटद्वार अपर जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा आज अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अहम फैसला आने वाला है.

Ankita Bhandari murder case
अंकिता भंडारी हत्याकांड (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 30, 2025 at 2:03 PM IST

4 Min Read

देहरादून (उत्तराखंड): पौड़ी जिले की डोभ श्रीकोट निवासी 19 वर्षीय बेटी अंकिता भंडारी अपनी परिवार की आर्थिक तंगी और अपने सपनों को साकार नहीं कर सकी. गांव से अंकिता भंडारी कई सपने लेकर यमकेश्वर के वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट नौकरी करने पहुंची. वो अपने परिवार को आर्थिक तंगी से बाहर निकालना चाहती थी. साथ ही अपने आगे की पढ़ाई पूरी करना चाहती थी, लेकिन अंकिता की आकांक्षा हत्याकांड से धरी-की धरी रह गई. वो अपने माता-पिता को बस रोता हुआ छोड़ गई.

परिवार की मदद करना चाहती थी अंकिता: गौर हो कि अंकित भंडारी ने अपने दोस्त के सहयोग से यमकेश्वर विकासखंड में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में 28 अगस्त 2022 में बतौर रिसेप्शनिस्ट नौकरी ज्वाइन की थी. अंकित नौकरी पाकर काफी खुश थी और परिवार की मदद के सपने बुन रही थी. उसे क्या पता था कि सिर्फ बीस दिनों में ही वो इस दुनिया को अलविदा कहने वाली थी. अंकिता 18 सितंबर, 2022 की रात्रि लापता हो गई थी, जिसके बाद 24 सितंबर को चीला नहर अंकिता का शव मिला था.

Ankita Bhandari murder case
आरोपियों पर लिया गया एक्शन (Photo-ETV Bharat Graphic)

अंकिता के सपने रह गए अधूरे: पिता वीरेंद्र सिंह ने अंकिता की गुमशुदगी दर्ज कराने तो घटना की परत-दर परत खुलने लगी. जो इस मामले को भटका रहे थे वो ही घटना के आरोपी निकले. जिसके बाद पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य उसके दो साथी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया. बीजेपी नेता के बेटे के घटना में शामिल और रिजॉर्ट होने से ये मामला गर्मा गया. अंकिता हत्याकांड ने समूचे प्रदेश भर में आक्रोश की लहर दौड़ गई. हत्याकांड के विरोध में जगह-जगह महीनों प्रदर्शन हुए और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई.

Ankita Bhandari murder case
वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट नौकरी की ज्वाइन (Photo-ETV Bharat Graphic)

अंकिता की हत्या कर रचा ड्रामा: मामले में वीआईपी का नाम उजागर करने को लेकर भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होते रहे. वहीं अंकिता मां सोनी देवी और पिता वीरेंद्र सिंह बेटी को न्याय दिलाने के लिए खड़े रहे. अंकिता के माता पिता दोषियों को सख्त सजा की मांग करते आ रहे हैं. 30 जनवरी 2023 को अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले की पहली सुनवाई कोटद्वार एडीजे कोर्ट में शुरू हुई थी.मामले में एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से 500 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया गया.

Ankita Bhandari murder case
अंकिता भंडारी की मौत से उपजा आक्रोश (Photo-ETV Bharat Graphic)

माता-पिता लगाते रहे न्याय की गुहार: कोटद्वार अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई. मामले में 47 गवाह कोर्ट में पेश हुए, जबकि मामले में एसआईटी ने 97 गवाह बनाए थे. कोटद्वार अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में 19 मई 2025 को अंतिम बहस हुई. जिसके बाद आज कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्या, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को दोषी करार दिया है. मामले में अंकित, सह-आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी आजीवन कारावास की सजा के साथ जुर्माना लगाया गया. कोर्ट ने पीड़ित परिवार को चाल लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं.

12वीं में टॉपर थी अंकिता भंडारी: अंकिता भंडारी 12वीं की टॉपर रही थी. अंकिता गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थी. अंकिता हमेशा से परिवार का सहारा बनना चाहती थी और परिवार की मदद करना चाहती थी. इसलिए वो होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए देहरादून पहुंची थी और होटल इंडस्ट्री में नौकरी करना चाहती थी. पढ़ाई के साथ ही अंकिता नौकरी करना चाहती थी और परिवार पर भार नहीं देना चाहती थी. इसलिए वो वनंत्रा रिजॉर्ट में नौकरी कर रही थी. जहां पुलकित आर्य से उसका विवाद हो गया और उसे जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ी.

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देहरादून (उत्तराखंड): पौड़ी जिले की डोभ श्रीकोट निवासी 19 वर्षीय बेटी अंकिता भंडारी अपनी परिवार की आर्थिक तंगी और अपने सपनों को साकार नहीं कर सकी. गांव से अंकिता भंडारी कई सपने लेकर यमकेश्वर के वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट नौकरी करने पहुंची. वो अपने परिवार को आर्थिक तंगी से बाहर निकालना चाहती थी. साथ ही अपने आगे की पढ़ाई पूरी करना चाहती थी, लेकिन अंकिता की आकांक्षा हत्याकांड से धरी-की धरी रह गई. वो अपने माता-पिता को बस रोता हुआ छोड़ गई.

परिवार की मदद करना चाहती थी अंकिता: गौर हो कि अंकित भंडारी ने अपने दोस्त के सहयोग से यमकेश्वर विकासखंड में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में 28 अगस्त 2022 में बतौर रिसेप्शनिस्ट नौकरी ज्वाइन की थी. अंकित नौकरी पाकर काफी खुश थी और परिवार की मदद के सपने बुन रही थी. उसे क्या पता था कि सिर्फ बीस दिनों में ही वो इस दुनिया को अलविदा कहने वाली थी. अंकिता 18 सितंबर, 2022 की रात्रि लापता हो गई थी, जिसके बाद 24 सितंबर को चीला नहर अंकिता का शव मिला था.

Ankita Bhandari murder case
आरोपियों पर लिया गया एक्शन (Photo-ETV Bharat Graphic)

अंकिता के सपने रह गए अधूरे: पिता वीरेंद्र सिंह ने अंकिता की गुमशुदगी दर्ज कराने तो घटना की परत-दर परत खुलने लगी. जो इस मामले को भटका रहे थे वो ही घटना के आरोपी निकले. जिसके बाद पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य उसके दो साथी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया. बीजेपी नेता के बेटे के घटना में शामिल और रिजॉर्ट होने से ये मामला गर्मा गया. अंकिता हत्याकांड ने समूचे प्रदेश भर में आक्रोश की लहर दौड़ गई. हत्याकांड के विरोध में जगह-जगह महीनों प्रदर्शन हुए और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई.

Ankita Bhandari murder case
वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट नौकरी की ज्वाइन (Photo-ETV Bharat Graphic)

अंकिता की हत्या कर रचा ड्रामा: मामले में वीआईपी का नाम उजागर करने को लेकर भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होते रहे. वहीं अंकिता मां सोनी देवी और पिता वीरेंद्र सिंह बेटी को न्याय दिलाने के लिए खड़े रहे. अंकिता के माता पिता दोषियों को सख्त सजा की मांग करते आ रहे हैं. 30 जनवरी 2023 को अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले की पहली सुनवाई कोटद्वार एडीजे कोर्ट में शुरू हुई थी.मामले में एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से 500 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया गया.

Ankita Bhandari murder case
अंकिता भंडारी की मौत से उपजा आक्रोश (Photo-ETV Bharat Graphic)

माता-पिता लगाते रहे न्याय की गुहार: कोटद्वार अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई. मामले में 47 गवाह कोर्ट में पेश हुए, जबकि मामले में एसआईटी ने 97 गवाह बनाए थे. कोटद्वार अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में 19 मई 2025 को अंतिम बहस हुई. जिसके बाद आज कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्या, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को दोषी करार दिया है. मामले में अंकित, सह-आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी आजीवन कारावास की सजा के साथ जुर्माना लगाया गया. कोर्ट ने पीड़ित परिवार को चाल लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं.

12वीं में टॉपर थी अंकिता भंडारी: अंकिता भंडारी 12वीं की टॉपर रही थी. अंकिता गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थी. अंकिता हमेशा से परिवार का सहारा बनना चाहती थी और परिवार की मदद करना चाहती थी. इसलिए वो होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए देहरादून पहुंची थी और होटल इंडस्ट्री में नौकरी करना चाहती थी. पढ़ाई के साथ ही अंकिता नौकरी करना चाहती थी और परिवार पर भार नहीं देना चाहती थी. इसलिए वो वनंत्रा रिजॉर्ट में नौकरी कर रही थी. जहां पुलकित आर्य से उसका विवाद हो गया और उसे जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ी.

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