भोपाल : इन्वेस्टमेंट के नाम से देशभर में धोखाधड़ी करने के मामले में भोपाल STF ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. मध्य प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स टीम (STF) ने लगभग 2280 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा किया है. इस मामले में स्पेशल टास्क फोर्स भोपाल ने दिल्ली से आरोपियों की गिरफ्तारी कर संदिग्ध बैंक खातों में जमा राशि 90 करोड़ रुपए को फ्रीज कर दिया है.
2280 करोड़ से ज्यादा का फ्रॉड आया सामने
इस पूरे मामले में अब तक 2280 करोड़ का फर्जीवाड़ा और उससे जुड़े ट्रांजैक्शन सामने आए हैं. इसी के आधार पर एसटीएफ भोपाल ने कहा है कि ये फर्जीवाड़ा 2280 करोड़ रु से ज्यादा का हो सकता है. एसटीएफ ने गैर पंजीकृत नाम की कंपनी में BOTBRO ट्रेडिंग से अधिक मुनाफा देने का लालच देकर धोखाधड़ी के मामले में ये कार्रवाई की है.

टेलीग्राम से चलता था इन्वेस्टमेंट और ज्यादा रिटर्न का खेल
इस मामले में सॉफ्टवेयर डेवलप करने वाले दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. एसटीएफ एआईजी नवीन कुमार चौधरी ने खुलासा करते हुए कहा, '' गैर पंजीकृत YORKER FX, YORKER CAPITAL नाम की कंपनी में BOTBRO ट्रेडिंग से अधिक मुनाफा देने का लालच देकर धोखाधड़ी की गई है. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी मदन मोहन कुमार और दीपक शर्मा निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करते थे.''
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एसटीएफ एआईजी ने आगे कहा, '' आरोपियों ने पूछताछ में अब तक कुल 17 और आरोपियों के शामिल होने की जानकारी दी है. आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर धोखाधड़ी करते थे. ये पूरी गैंग इन्वेस्टमेंट करने वालों को ज्यादा और फिक्स रिटर्न देने का लालच देते थे. जांच में सामने आया है कि आरोपी 6 से 8 प्रतिशत का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे.''
2280 करोड़ की ठगी के लिए बनाया था सॉफ्टवेयर
एसटीएफ एआईजी ने बताया कि हजारों करोड़ की इस ठगी के लिए रोबोटिक सिस्टम का सॉफ्टवेयर डेवलप किया गया था. आरोपियों द्वारा विदेश में भी सुपर लग्जरी लाइफ जीने और सुपर हाई इन्वेस्टमेंट करने की जानकारी मिली है. दोनों आरोपी मदन मोहन कुमार और दीपक शर्मा दिल्ली के रहने वाले हैं और प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. दोनों आरोपियों की कोर्ट से रिमांड लेकर और पूछताछ की जाएगी.
दुबई में हैं गिरोह के मास्टरमाइंड
एसटीएफ की कड़ी पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि इस हजारों करोड़ की ठगी के मास्टरमांइड दुबई में बैठे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में होने वाली हर हर ठगी के बाद उन्हें मास्टरमाइंड की ओर से मोटी कमिशन मिलती थी. इसका पूरा लेन देन दुबई से चलता था. एसटीएफ के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ कई राज्यों में इसी तरह के 16 अन्य केस दर्ज हैं.
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ठगों के आकाओं पर नजर, SIT का हुआ गठन
एसटीएफ को उम्मीद है कि इन आरोपियों के माध्यम से और बड़े खुलासे हो सकते है. जिस कम्पनी की आड़ मे ये लोग धोखाधड़ी कर रहे थे वह कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं है. ऐसे में एसटीएफ अब आरोपियों के आकाओं के बारे में भी जानकारी जुटा रही है. इसके लिए एक एसआईटी का भी गठन कर दिया गया है. जो इस पूरे मामले की तकनीकी और बारीकी से जांच करेगी. भोपाल एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने भी इस पूरी ठगी के बारे में विस्तृत जानकारी दी.