श्रीनगर: कश्मीर घाटी, जिसे आमतौर पर अपने ठंडे और सुहावने मौसम के लिए जाना जाता है, इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है. श्रीनगर में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 2005 के बाद जून महीने का सबसे अधिक तापमान है. गुरुवार को ही तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, और शुक्रवार को यह आंकड़ा और ऊपर चला गया. लगातार दूसरे दिन तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ा, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता की लहर दौड़ गई.
इतिहास के पन्नों से तुलना
- 1988: जून में अब तक का सबसे अधिक तापमान 36.5°C दर्ज किया गया था.
- 2005: इसके बाद 35.3°C का आंकड़ा दर्ज हुआ था.
- 2025: अब 35.5°C के साथ 2005 का रिकॉर्ड टूट गया है.
मौसम विशेषज्ञ फैजान आरिफ केंग ने बताया कि इस वर्ष का तापमान सामान्य से 6.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जो जलवायु असंतुलन का संकेत देता है.
घाटी के अन्य इलाकों का तापमान
- काजीगुंड: शुक्रवार को 34.5°C दर्ज हुआ, जो गुरुवार से थोड़ा कम जरूर था, लेकिन फिर भी सामान्य से 7.1°C अधिक था. यह तापमान 1988 के बाद से जून का तीसरा सबसे अधिक है.
- कोकरनाग: शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33.6°C दर्ज किया गया. गुरुवार को 33.8°C रहा था, जो 1999 के जून तापमान रिकॉर्ड की बराबरी करता है. कोकरनाग में अब तक का सबसे गर्म जून दिन 25 जून 2005 को 34.9°C दर्ज किया गया था.
- पहलगाम: आमतौर पर ठंडा रहने वाला यह क्षेत्र भी गर्मी से अछूता नहीं रहा. शुक्रवार को तापमान 30°C पहुंचा, जो औसत से 5.2°C अधिक है.
- कुपवाड़ा: शुक्रवार को तापमान 34.1°C रहा, जो सामान्य से 4.4°C अधिक है.
- गुलमर्ग: यह हिल स्टेशन भी गर्मी से नहीं बच पाया. शुक्रवार को तापमान 25.2°C तक पहुंच गया, जबकि सामान्य से 5.2°C अधिक है.
जम्मू क्षेत्र में भी गर्मी का असर, लेकिन कुछ राहत
- जम्मू शहर: यहां का अधिकतम तापमान 36.1°C रहा, जो सामान्य से 1.5°C कम था. यह क्षेत्र अक्सर गर्म रहता है, इसलिए मामूली गिरावट को भी राहत के रूप में देखा जा रहा है.
- कटरा: शुक्रवार को 32.0°C तापमान दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.8°C अधिक था.
- भद्रवाह: यहां तापमान 32.6°C रहा, सामान्य से 2.1°C अधिक.
आने वाले दिनों में राहत के संकेत: भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, शनिवार से मौसम में कुछ बदलाव आ सकता है. हल्की बारिश और गरज के साथ छींटों की संभावना जताई गई है, जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है. हालांकि यह राहत अस्थायी हो सकती है, लेकिन गर्मी से परेशान लोगों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है.
विशेषज्ञों की चेतावनी: जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि कश्मीर घाटी में इस तरह की गर्मी जलवायु परिवर्तन के खतरनाक संकेत हैं. जहां पहले गर्मियों में भी रातें ठंडी रहती थीं, वहीं अब दिन के साथ-साथ रातों में भी गर्मी बढ़ रही है. विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वर्षों में गर्मियों की अवधि लंबी और अधिक तीव्र हो सकती है. इससे न केवल पर्यावरण पर असर पड़ेगा, बल्कि पर्यटन, कृषि और जल स्रोतों पर भी दबाव बढ़ेगा.
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