हैदराबाद: भीषण विमान हादसों में यात्रियों का बचना मुश्किल हो जाता है. कुछ चमत्कार जैसे होते हैं कुछ यात्री मौत के मुंह से निकल जाते हैं. इस तरह का ही एक प्लेन क्रैश हुआ भारत के अहमदाबाद में. इस हादसे में 242 पैसेंजरों में से भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार ही बच पाए हैं, जो किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं है. अब जानते है कि इससे पहले विमान दुर्घटनाओं में कितने व्यक्तियों की जान बच पाई है.
12 June 2025: इंडिया के अहमदाबाद ले लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान AI-171 गुरुवार 13 जून को क्रैश हो गया. इस हादसे में 242 लोगों में एक पैसेंजर की जान बच सकी. ये ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार थे. रमेश अभी घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है.

जूलियन कोएपके (LANSA फ्लाइट 508): ये हादसा 24 दिसंबर 1971 को हुआ था. इस विमान दुर्घटना में से एक ही लड़की जीवित बच पाई थी. इस लड़की का नाम जूलियन कोएपके था. वह उस समय केवल 17 वर्ष की थी, जब LANSA फ्लाइट 508, एक लॉकहीड L-188A इलेक्ट्रा टर्बोप्रॉप, अमेज़न वन में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. ये घरेलू उड़ान लीमा में जॉर्ज चावेज़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से इक्विटोस में कोरोनेल FAP फ्रांसिस्को सेकाडा विग्नेटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक जाने वाली थी. हालांकि, 24 दिसंबर को, और उड़ान भरने के 25 मिनट बाद, विमान एक आंधी में उड़ गया. इस दौरान विमान के दाहिने पंख पर बिजली गिरी और यह नीचे की ओर गिर गया.
इस हादसे को लेकर जूलियन कोएपके ने कहा, "अगली बात जो मुझे पता चली, वह यह कि मैं अब केबिन के अंदर नहीं थी. मैं बाहर, खुली हवा में थी. मैंने विमान नहीं छोड़ा था. विमान मुझे छोड़ चुका था." कोएपके लगभग 10,000 फीट नीचे गिरीं. विमान से गिरने के बाद भी वह तीन सीटों वाली बेंच से जुड़ी अपनी सीट बेल्ट में थी. वह अमेजन के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हुईं थी. गिरने के बाद वो बेहोश हो गईं और अगली सुबह उनको होश आया. इसके बाद उन्होंने 11 दिनों तक वर्षा वन में ट्रैकिंग कर लोगों तक पहुंची.
वेस्ना वुलोविक (JAT फ्लाइट 367): ये दुर्घटना 26 जनवरी 1972 को हुई थी. JAT यूगोस्लाव एयरलाइंस फ्लाइट 367 स्टॉकहोम, स्वीडन से यूगोस्लाविया के बेलग्रेड के लिए एक निर्धारित वाणिज्यिक उड़ान थी. विमान हवा में ही फट गया और चेकोस्लोवाकिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इससे उसमें सवार 27 लोग मारे गए. फ्लाइट अटेंडेंट वुलोविक एकमात्र जीवित बची थीं. वह पैराशूट के बिना 10,160 मीटर ऊपर से गिरी थीं. उनका नाम ऊंची गिरावट से बचने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना हुआ है. हादसे के बाद वुलोविक कोमा में थीं. उसकी खोपड़ी और श्रोणि में फ्रैक्चर हो गया था. उनकी रीढ़ की हड्डी, पैर और पसलियां भी टूट गई थीं. उसे कमर से नीचे लकवा मार गया, लेकिन अंततः वह पूरी तरह से ठीक हो गई. हालांकि ठीक होने के बाद भी वो लंगड़ा कर चलती थीं.
एंडीज का चमत्कार 1972: उरुग्वे का विमान 13 अक्टूबर 1972 को एंडीज पर्वत श्रृंखला के बीच में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस विमान में 45 लोग सवार थे. इस हादसे के बाद चिली के दो लोगों ने अपने साथी यात्रियों को बचाने के लिए एंडीज में 10 दिनों तक ट्रेकिंग की. उनकी सूचना पर ही 14 लोगों को बचाया जा सका. यह दुर्घटना मानव अस्तित्व की सबसे प्रसिद्ध कहानियों में से एक के रूप में लोकप्रिय संस्कृति में शामिल हुई.
13 अक्टूबर 1972 को, 45 यात्रियों को ले जा रहा एक उरुग्वे का विमान एंडीज पर्वत श्रृंखला के बीच में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान में सवार एक चौथाई से ज़्यादा लोग शुरुआती दुर्घटना में ही मर गए. बचाव दल ने 10 दिनों की खोज के बाद यह मानकर हार मान ली कि कोई भी जीवित नहीं बच सकता. पहाड़ों में फंसे, बिना भोजन के, बचे हुए लोगों को नरभक्षण का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. मरने वालों का मांस खाना पड़ा. वहीं मलबे के बीच उनके ठिकाने में हिमस्खलन होने से 8 और लोग मारे गए.
वहीं ये महसूस करते हुए कि वे पहाड़ पर मर जाएंगे. ऐसा सोचकर दो चिली यात्री नांडो पराडो और रॉबर्टो कैनेसा मदद की तलाश में निकल पड़े. चिली पहुंचने से पहले उन्होंने 10 दिनों तक ट्रेकिंग की. अधिकारियों को सूचित करने के बाद, बाकी बचे 14 लोगों को दुर्घटना स्थल से बचा लिया गया. इन लोगों को विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के 72 दिन बाद बचाया गया.
जॉर्ज लैमसन जूनियर: ये हादसा 21.01.1985 को हुआ था. जॉर्ज लैमसन जूनियर 1985 में गैलेक्सी एयरलाइंस की फ्लाइट 203 हादसे में एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति हैं.
उन्होंने कहा था कि "साल 1985 में, जब मैं 17 साल का था, मैंने रेनो, नेवादा में एक चार्टर एयरलाइनर में सवार हुआ, जो उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. Fसमें 70 लोग मारे गए. गैलेक्सी एयरलाइंस की फ्लाइट 203 21 जनवरी, 1985 को सुबह 1 बजे के बाद रेनो के एक मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी."
सेसिलिया सिचन: नॉर्थवेस्ट एयरलाइंस फ्लाइट 255 विमान हादसा 16 अगस्त 1987 को हुआ था. जब नॉर्थवेस्ट एयरलाइंस की फ्लाइट 255, रोमुलस, मिशिगन से फीनिक्स, एरिजोना जा रही थी. उस समय सेसिलिया सिचन केवल 4 वर्ष की थी. इस विमान हादसे में 156 लोगों की मौत हो गई. इनमें से दो लोग जमीन पर थे. सिचन के माता-पिता और उसका 6 साल का भाई मरने वालों में शामिल थे.
यह अमेरिकी इतिहास की दूसरी सबसे घातक विमान दुर्घटना थी. दुर्घटना के बाद सिचन मलबे में दब गई थी. उसकी खोपड़ी टूट गई. उसका पैर और कॉलरबोन टूट गया था. वह गंभीर रूप से जल गई थी. हादसे के बाद एक दमकलकर्मी ने एक हल्की चीख सुनकर उसे ढूंढ़ा और उसे मलबे से बाहर निकाला.
जिम पोलहिंके: ये कॉमेयर फ्लाइट 5191 हादसा 27.08.2006 को हुआ था. इसमें कॉमेयर फ्लाइट 5191 के सह-पायलट एकमात्र व्यक्ति थे, जो जीवित बचे थे. पोलहिंके कॉमेयर फ्लाइट 5191 के सह-पायलट थे. ये विमान 27 अगस्त, 2006 को लेक्सिंगटन में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें 49 लोग मारे गए थे. इस हादसे में वे एकमात्र जीवित बचे थे.
बहिया बकर: यमनिया फ्लाइट 626 हादसा 30 जून 2009 को हुआ था. इस हादसे में एक व्यक्ति बहिया बकर जीवित बच गया था. यह विमान यमन से दक्षिणी अफ्रीका के कोमोरोस के लिए उड़ान भरने वाला था. लेकिन ग्रैंड कोमोर के तट से लगभग 15 किलोमीटर दूर हिंद महासागर में ये विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस विमान हादसे में प्लेन में सवार 152 लोगों की मौत हो गई. वहीं फ्रांस की 12 वर्षीय लड़की बकर बच गई. वह तैरने में बहुत कम सक्षम थी.
उसके पास कोई जीवन रक्षक जैकेट नहीं था. और वह केवल दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे से चिपकी हुई थी. वह 9 घंटे तक समुद्र के बीच में तैरती रही. बाद में एक निजी स्वामित्व वाले जहाज द्वारा उसे बचाया गया. उसके श्रोणि और कॉलरबोन में फ्रैक्चर था, उसके चेहरे पर चोटें थीं और उसके घुटनों पर जलन थी. बचाए जाने पर, वह अपने पिता से फिर से मिल गई. हालांकि उसकी मां दुर्घटना में मारी गई. उसे "चमत्कारी लड़की" के रूप में जाना जाता है.
रुबेन वैन असौ: अफ्रीकिया एयरवेज फ्लाइट 771... 12 मई 2010 को दुर्घटना का शिकार हो गई. वहीं नीदरलैंड के 9 वर्षीय रुबेन वैन असौ लीबिया के त्रिपोली में हुए इस विमान दुर्घटना में बच गए. दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग से त्रिपोली पहुंचने के बाद विमान में विस्फोट हो गया. विस्फोट के बाद जहाज पूरी तरह से बिखर गया. विमान में उस दिन 103 लोग सवार थे. विमान के मलबे में वह छोटा लड़का मिला, जो एकमात्र जीवित बचा था. उसके पैर टूट गए थे और वह अपने शरीर के कुछ हिस्सों को हिलाने में असमर्थ था. हादसे में में उसके माता-पिता दोनों की मौत हो गई थी.

12 June 2025: इंडिया के अहमदाबाद ले लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान AI-171 गुरुवार 13 जून को क्रैश हो गया. इस हादसे में 242 लोगों में एक पैसेंजर की जान बच सकी. ये ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार थे. रमेश अभी घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है. गौर करें तो एअर इंडिया के विमान में बिजनेस और इकॉनमी क्लास के बीच एक दरवाजा होता है, जो दोनों को अलग करता है. इस दरवाजे के बगल में ही रमेश विश्वास कुमार की सीट 11-A थी. ये दरवाजा एमरजेंसी निकासी के रूप में काम करता है. विमान हादसे के बाद यहीं से घायल विश्वास रमेश कुमार बाहर निकले थे. अब घायल हैं और अपने बचने को वो एक चमत्कार बता रहे हैं.
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