पुणे: औरंगजेब की कब्र को लेकर हुए विवाद में महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा हुई, जिसके बाद धार्मिक तनाव काफी बढ़ गया था. ऐसे में राज्य के पुणे जिले में एक ऐसी घटना हुई जिसने धार्मिक ध्रुवीकरण को तोड़ दिया. यहां एक मुस्लिम शख्स ने एक हिंदू महिला को कठिन समय में सहायता कर मानवता की एक नई मिसाल पेश की है.
दरअसल, महिला के सामने उस समय दुख का पहाड़ टूट पड़ जब उसके सगे भाई की मौत हो गई. इस दुख की घड़ी में एक मुस्लिम व्यक्ति ने महिला के मृत भाई को मुखाग्नि दी. जयश्री किंकले नाम की महिला का कोई रिश्तेदार नहीं है. वह अपने भाई सुधीर किंकले (70) के साथ रहती थी. दोनों भाई बहन ही एक दूसरे के सुख दुख के साथी थे.
बुधवार को सुधीर का निधन हो गया. भाई की मौत से जयश्री दुख के सागर में डूब गईं. सबसे बड़ी समस्या यह थी कि, अब उनके भाई की चिता को कौन मुखाग्नि देगा. इस कठिन समय में सामाजिक कार्यकर्ता जावेद खान नाम के शख्स ने महिला की मदद की और उनके भाई के अंतिम संस्कार में साथ दिया और मृतदेह को अग्नि दी.
इस संबंध में 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जावेद खान ने कहा कि, उनके दोस्त माइकल साठे का फोन आया था. उन्होंने उनसे सुधीर किंकले की मौत के बारे में बताया. साथ ही यह भी बताया कि, जयश्री का कोई रिश्तेदार भी नहीं है.
पूरी जानकारी लेकर जावेद ससून अस्पताल पहुंचे, जहां शव रखा हुआ था. वहां जयश्री मौजूद थीं. शव के पंचनामा की प्रक्रिया में शाम हो गई थी. पूछताछ करने पर पता चला कि शव मिलने में रात हो जाएगी. जावेद ने जयश्री से कहा कि वे अंतिम संस्कार करेंगे देते हैं. इस पर उन्होंने कहा कि, उनके रीति रिवाजों में सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं करते. इसलिए सुबह अंतिम संस्कार करने का फैसला किया गया.
जावेद ने कहा कि, रमजान का महीना चल रहा है ऐसे में उनके मन में ख्याल आया कि, शायद उन्हें ही इस काम के लिए चुना गया है. इसलिए जाति-धर्म को किनारे रखकर जावेद सुबह जल्दी उठ गए. इसके बाद , सुधीर किंकले का उन्होंने अंतिम संस्कार किया और उन्हें अग्नि दी.
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