Bihar Election Results 2025

ETV Bharat / bharat

गंभीर स्वास्थ्य जोखिम! जम्मू-कश्मीर ने कोल्डरिफ और दो अन्य कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया

यह कदम केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की चेतावनी के बाद उठाया गया है.

ColdRif
प्रतीकात्मक तस्वीर (IANS)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : October 9, 2025 at 5:54 PM IST

4 Min Read
Choose ETV Bharat

श्रीनगर: मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित तौर पर जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मामले को लेकर इस समय पूरे देश में हलचल मची हुई है. दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर औषधि एवं खाद्य नियंत्रण संगठन (डीएफसीओ) ने कोल्डरिफ सिरप सहित तीन कफ सिरप ब्रांडों की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है.

यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि कोल्डरिफ सिरप सहित तीन कफ सिरप ब्रांडों की लैब टैस्टिंग हुई थी. जांच के बाद विषाक्त अशुद्धियों होने की वजह से इन दवाइयों को मानक गुणवत्ता का नहीं घोषित किया गया था.

यह कदम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की चेतावनी के बाद उठाया गया है, जिसमें पाया गया था कि सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की मात्रा स्वीकार्य सीमा से ज्यादा है. यह एक ऐसा रसायन है जो किडनी फेलियर और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाने के लिए जाना जाता है. इसी वजह से मध्य प्रदेश और राजस्थान में पहले ही कई बच्चों की मौत हो चुकी है.

राज्य औषधि नियंत्रक कार्यालय द्वारा जारी एक सार्वजनिक सूचना के मुताबिक, प्रभावित फॉर्मूलेशन हैं, रिलिफ सिरप (एम्ब्रोक्सोल हाइड्रोक्लोराइड, गुआइफ़ेनेसिन, टरब्यूटेलिन सल्फेट और मेन्थॉल) जिसका निर्माण शेप फार्मा प्राइवेट लिमिटेड, गुजरात द्वारा किया जाता है. इसकी मार्केटिंग लियो लाइफ साइंस प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद द्वारा किया जाता है.

वहीं, रेस्पिफ्रेश-टीआर सिरप (ब्रोमहेक्सिन हाइड्रोक्लोराइड, टरब्यूटेलिन सल्फेट, गुआइफ़ेनेसिन और मेन्थॉल) जिसका निर्माण रेडनेक्स फ़ार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, अहमदाबाद द्वारा किया जाता है और मार्केटिंग स्मार्टवे वेलनेस प्राइवेट लिमिटेड, साणंद द्वारा किया जाता है. कोल्डरिफ सिरप (पैरासिटामोल, फ़िनाइलेफ़्राइन हाइड्रोक्लोराइड और क्लोरफेनिरामिन मैलिएट) जिसका उत्पादन श्रीसन फ़ार्मास्युटिकल्स, तमिलनाडु द्वारा किया जाता है.

औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, मध्य प्रदेश द्वारा किए गए परीक्षण से पता चला कि इन सिरपों के नमूने डायथिलीन ग्लाइकॉल के उच्च स्तर के कारण गुणवत्ता जांच में विफल रहे. जिसके कारण केंद्रीय और राज्य औषधि नियंत्रण निकायों को तत्काल गाइडलाइन जारी करने पड़े.

मामले को गंभीर बताते हुए, संयुक्त औषधि नियंत्रक पूर्णिमा काबू ने कहा कि इन उत्पादों का मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौतों से संबंध पाया गया है. इसलिए जम्मू-कश्मीर में तत्काल ठोस कार्रवाई आवश्यक है.

आधिकारिक सर्कुलर में कहा गया है, "अत्यधिक एहतियात और सक्रिय उपाय के रूप में, दवा के थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, वितरकों, पंजीकृत चिकित्सकों, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा संस्थानों को निर्देश दिया जाता है कि वे अगली सूचना तक इन दवाओं की खरीद, बिक्री और उपयोग को सभी बैचों के बावजूद तुरंत रोक दें."

डीएफसीओ ने जम्मू-कश्मीर के सभी दवा विक्रेताओं और चिकित्सा संस्थानों को प्रतिबंधित सिरप के बचे हुए स्टॉक की सूचना jk.drugscontroller@jk.gov.in पर ईमेल के माध्यम से जम्मू-कश्मीर राज्य औषधि नियंत्रक कार्यालय को देने का भी आदेश दिया है.

कोल्डरिफ सिरप को लेकर जारी अलर्ट के बाद, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में कथित तौर पर इस दवा के सेवन से कम से कम 14 बच्चों की मौत के बाद, कई भारतीय राज्यों में इसी तरह की कार्रवाई शुरू हो गई है. इस घटना के बाद, पंजाब, उत्तर प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश ने इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया, जबकि गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने भी प्रतिबंध लगाए.

जम्मू और कश्मीर में अभी तक कोल्डरिफ से जुड़ा कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन इस स्थिति ने 2020 में उधमपुर में हुई त्रासदी की यादें ताज़ा कर दी हैं, जहाँ कोल्डबेस्ट-पीसी पीने से 12 बच्चों की मौत हो गई थी. यह एक और कफ सिरप था जो बाद में डायथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित पाया गया था.

चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि खासकर बच्चों के लिए डाई एथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) विषाक्तता से गुर्दे की गंभीर विफलता, तंत्रिका संबंधी क्षति और मृत्यु हो सकती है. श्रीनगर के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, "जहां चिकित्सा पर्यवेक्षण और प्रयोगशाला परीक्षण सीमित हैं, वहां एक छोटा सा दूषित बैच भी विनाशकारी परिणाम दे सकता है."

ये भी पढ़ें: कफ सिरप से मौत का मामला, राज्यों के सचिवों के साथ केंद्र की बड़ी बैठक, उठाए जा सकते हैं कड़े कदम